देखिए- मुकेश राजपूत व डॉ नवल किशोर शाक्य में कौन जीतेगा चुनाव

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज ब्यूरो) भाजपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत एवं सपा प्रत्याशी डॉक्टर नवल किशोर शाक्य की जोरदार टक्कर में कोई भी प्रत्याशी चुनाव जीत सकता है। कई कारणों से डॉक्टर नवल शाक्य का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। आम जनता सांसद मुकेश राजपूत के 10 वर्षीय कार्यकाल के विकास कार्यों से पूर्णता संतुष्ट नहीं है मुकेश आवारा जानवरों से किसानों की भयंकर समस्या को भी दूर नहीं करवा सके हैं जबकि थोड़ी मेहनत से ही इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता था। आम जनता को मुकेश राजपूत मैं कोई खास दिलचस्पी नहीं है चुनाव लड़ने व लड़ाने वाले भाजपा नेता मुकेश राजपूत की टिकट काटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे लेकिन उनको निराशा हाथ लगी।

अब भी ऐसे नेता नहीं चाहते हैं की मुकेश राजपूत तीसरी बार संसद पहुंचे। मुकेश राजपूत की एक तरफा पैरवी के कारण गांव में सजतीय लोगों के दो गुट बन गए हैं एक गुट दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नहीं चाहता है की मुकेश राजपूत पुनः सांसद बने। लोगों को मुकेश राजपूत से ज्यादा पीएम मोदी व योगी से ज्यादा लगाव है। कई कारणों से मुकेश राजपूत के चुनाव में वोटों का साफ नुकसान दिख रहा है। मुकेश के सजाती लोधी राजपूत के वोटरों की तुलना वाला भारी भरकम शाक्य कुशवाहा मौर्य समाज का वोट बैंक खिसक गया है। अलीगंज विधानसभा क्षेत्र में यादव व शाक्य समाज के मतदाता सर्वाधिक बताए जाते हैं।

अपराधी माफिया घोषित कराए जाने के कारण डॉक्टर अनुपम दुबे के समर्थक भाजपा से बहुत नाराज है। इनमें अधिकांश लोग बसपा प्रत्याशी क्रांति पांडे के साथ लग गए हैं। पत्रकार रमेश अवस्थी के द्वारा कानपुर से चुनाव लड़ने के कारण उनके सैकड़ो सजातीय समर्थक प्रचार करने चले गए हैं। बसपा नेता मनोज अग्रवाल को भाजपा में शामिल करने का फायदा चुनाव में नहीं दिख रहा है। जो भाजपाई पानी पी पीकर मनोज अग्रवाल को कोसते थे वह और ज्यादा नाराज हो गए हैं। सपा प्रत्याशी डॉक्टर नवल शाक्य की बिरादरी का भारी वोट बैंक खिसक जाने के कारण मुकेश राजपूत को इतनी बड़ी खाई का भरपाई करना मुश्किल लगता है।

बसपा नेता मनोज अग्रवाल के भाजपा में शामिल होने के कारण मुकेश को वोटो का सहारा मिलेगा। बसपा से चुनाव लड़ने वाले क्रांति पांडे ब्राह्मण समाज का वोट काटकर भाजपा को ही नुकसान पहुंचाएंगे। बेदाग छवि वाले मृद भाषी प्रत्याशी डॉ नवल शाक्य के पहली बार चुनाव लड़ने के कारण उनको बेहतर प्रत्याशी बताया जा रहा है। जातिवाद के कारण लगभग पूरा शाक्य समाज डॉक्टर नवल शाक्य के साथ जुड़ गया है। शाक्य समाज के लोग अब लोधी समाज के लोगों से कहने लगे हैं कि हम लोगों ने वोट देकर दो बार मुकेश को जिताया है अब तुम लोग वोट देकर डॉक्टर नवल शाक्य को चुनाव जिताओ। डॉ नवल शाक्य को सजातीय वोटो के अलावा यादव समाज मुस्लिम समाज का बड़ा वोट बैंक खुलेआम मिलेगा।

अन्य पीड़ित समाज का भी काफी सहयोग मिलेगा। बसपा सुप्रीमो द्वारा पर्दे के पीछे भाजपा को लाभ पहुंचाने की जबरदस्त चर्चा के कारण बसपा के कोर वोट बैंक जाटव समाज के अलावा अधिकांश जातियों का सपा की ओर रुझान हो गया है। जिसके कारण सपा प्रत्याशी डॉक्टर नवल शाक्य की ताकत काफी बढ़ गई है। बीते चुनाव में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के द्वारा चुनाव लड़ने के कारण मुस्लिम समाज के वोटो में बंटवारा हो गया था। लेकिन इस बार मुसलमानों का एक मुस्त वोट के के अलावा गठबंधन दलों का सहयोग डा नवल किशोर शाक्य को मिलेगा। गठबंधन के अन्य घटक डॉक्टर नवल शाक्य का जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

बीते कई चुनाव में हार का सामना करने वाला यादव समाज इस बार पूरी ताकत से सपा प्रत्याशी को चुनाव जिताने के लिए की जान से लग गया है। आरक्षण समाप्त करने एवं संविधान को बदल देने का व्यापक प्रचार अधिकांश लोगों के दिमाग में घुस गया है जिसके कारण ऐसे लोग किसी भी हालत में मोदी सरकार को नहीं देखना चाहते हैं। इस चुनाव में भाजपा का मतदाता खामोश है जबकि सपा प्रत्याशी डॉक्टर नवल शाक्य के समर्थक शाक्य यादव एवं मुस्लिम समाज के वोट डालने के लिए काफी उत्साहित हैं और खुले आम कहने लगे हैं कि डॉक्टर नवल शाक्य को कोई चुनाव हरा नहीं सकता।