फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) अहंकार को लेकर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर व पत्रकार के बीच मारपीट हुई, सरकारी अभिलेख फाडने बारे का मोबाइल फोन छीना गया। पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट दर्ज कर ली है बढ़ा चढ़ाकर झूठी खबर चलाई जाने के कारण पुलिस प्रशासन में नाराजगी व्याप्त है। कोतवाली फर्रुखाबाद के मोहल्ला खैराती खान निवासी डॉ इमरान अली की पत्नी डॉ आसमां ने पत्रकार अंशुल राणा व उनके तीन साथियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट के मुताबिक आसमा बीती रात 9 बजे लोहिया अस्पताल महिला अनुभाग की इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे थी।
उसी समय आरोपी इमरजेंसी वार्ड के अंदर घुस गये अंशुल ने डॉक्टर से कहा कि बहुत नोट कमाती हो उसका कुछ हिस्सा हमको भी दावत के लिए दे दिया करो हम पब्लिक न्यूज़ चैनल के पत्रकार है। डॉक्टर ने कहा कि मैं कोई गलत काम नहीं करती हूं जो तुम लोगों को पैसा दूं। रिपोर्ट में डॉक्टर ने आरोप लगाया कि शराब के नशे में धुत अंसुल ने मुझे मां बहन की गंदी गालियां दी और बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया। इस कार्य में अंसुल का उसके साथियों ने सहयोग किया। मेरे साथ मारपीट व गाली गलौच कर सरकारी अभिलेख पाड़ दिए सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की गई।
मेरी चीख सुनकर काफी लोग आ गए मेरे पति के अलावा देवर डॉ रिजवान अली भी आ गए। जिन्होंने हमलावरों को ललकारा हमलावर अंसुल व उनके साथी मुझे व मेरे पति को जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए। अंशु थाना राजेपुर के ग्राम पिथनापुर का रहने वाला है। दूसरी ओर शास्त्री नगर पजावा के रहने वाले सुंदर सिंह उर्फ अंशुल ने डॉक्टर आसमा बेगम डॉक्टर इमरान रिजवान अली व एक दर्जन गुर्गों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट के मुताबिक सुंदर सिंह बीती रात 8.40 बजे दुष्कर्म पीड़िता का कवरेज करने के लिए महिला अस्पताल गए थे।
वहां सीओ सिटी पुलिस कर्मियों के साथ मौजूद थे रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के आरोपी डॉक्टर के ही जाति विशेष के हैं। डॉक्टर उनको 2 दिन से मेडिकल परीक्षण के लिए पीड़िता को टरका रही थी। जब मैं वहां पहुंचा तो डॉक्टर पीड़िता को कह रही थी कि तुम अपना मेडिकल मत कराओ आगे भविष्य में तुम्हें दिक्कत होगी। इसी बीच डॉक्टर ने मुझे देख लिया और मेरा मोबाइल छीना और मुझे जान से मारने की नियत से मेरा गला दबाया जान से मारने का प्रयास किया। इसी दौरान मेरे चेहरे पर कई प्रहार किए तथा मुझे धमकाते हुए कहा कि मैं तुम्हें फर्जी छेड़छाड़ व बलात्कार के झूठे केस में फंसाने की बात कही।
कहा कि तुम हिंदू काफिर कुत्ते के बच्चे हो मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। मुझे धक्का मारा जिससे मेरे बाएं हाथ की कोहनी किसी ठोस चीज में टकरा गई इससे गंभीर चोट मेरी बाजू हाथ में आई है। मौके पर रोबिन सिंह राठौर मौजूद थे शोरगुल सुनकर मौके पर भानू व मंथन ठाकुर भागकर पहुंचे। उन्होंने देखा कि उपरोक्त डॉक्टर प्रार्थी का गला दबाकर जान से मारने का प्रयास कर रही थी। मुझे रोबिन भानु व मंथन ठाकुर ने डॉक्टर के चुंगल से बचाया घटना के बाद डॉक्टर आसमा बेगम ने अपने पति डॉक्टर इमरान अली व देवर रिजवान अली समेत लगभग एक दर्जन गुर्गों को बुला लिया। आते ही इमरान अली व उनके भाई रिजवान अली ने मुझे धमकाते हुए कहा कि पत्रकारिता करना भुला देंगे।
अगर कोई कार्यवाही की तो इस दुनिया से रुखसत भी कर देंगे मेरा मोबाइल छीना गया उस पर रिंग जा रही है। मुझे आशंका है कि कोई गलत काल की जा सकती है यदि मेरे साथ कोई घटना होती है तो यही जिम्मेदार होंगे। बताया गया कि पुलिस ने पत्रकार की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद डॉक्टर का मुकदमा दर्ज करने में हीला हवाली की। तब लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने शहर कोतवाल को कड़ा पत्र भेजा। सीएमएस ने इंस्पेक्टर को अवगत कराया कि डॉक्टर आसमा मेंडिको लीगल केस में महिलाओं की जांच कर रही थी तभी 20-25 लड़के हाथ में मोबाइल एवं कैमरा लेकर पत्रकार बताते हुए लेबर रूम में घुसकर वीडियो बनाने लगे।
चिकित्सक एवं स्टाफ द्वारा उन्हें बताया गया कि लेबर रूम में प्रवेश निषेध है। यह सुनते ही लड़के आग बबूला हो गए डॉक्टर आसमा से अभद्र व्यवहार कर धक्का-मुक्की करने लगे। उस समय लेबर रूम में प्रसव हेतु आई महिलाएं एडवांट प्रसव की स्टेज पर अस्त-व्यस्त स्थिति में थी एक बिल्डिंग केस गंभीर हालत में थी। लड़के मेडिकोलीगल किए जाने का दबाव बनाने लगे चिकित्सक द्वारा कहा गया कि प्रसव के केस को देखने के उपरांत मेडिकोलीगल किया जाएगा। तभी तथाकथित पत्रकारों द्वारा चिकित्सक से अभद्र व्यवहार किया गया जिसमें से एक कथित पत्रकार की पहचान अंशुल राणा के रूप में हुई।
इस घटना से संबंधित चिकित्सक एवं कर्मचारी भाई ग्रस्त है मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने इंस्पेक्टर को अवगत कराया कि घटना के दौरान मैं स्वयं वहां मौजूद था। बताया गया है कि इस घटना के संबंध में झोलाछाप डॉक्टर पत्रकार के द्वारा बढ़ा चढ़ा कर चैनल पर खबर चलाई गई। ट्वीट किए जाने के संबंध में एसपी ने आला अधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट में अवगत कराया कि हास्पिटल में रेप पीड़िता का मेडिकोलीगल बार-बार टरकाया जाता था। मुकदमे के विवेचक प्रदीप सिंह क्षेत्राधिकारी इंस्पेक्टर फर्रुखाबाद के साथ पीड़िता का मेडिकल कराने गए थे।
डॉक्टर आसमां अचानक भड़क गई उन्हें समझाया गया परंतु उनके द्वारा मौके पर मौजूद पत्रकार सुंदरम को मारा पीटा गया था तथा मोबाइल फोन छीन लिया डाक्टर उसको तोड़ने लगी। डॉक्टर आसमां के साथ किसी के द्वारा कोई भी अभद्रता मारपीट नहीं की गई। ट्विटर व संबंधित चैनल में बढ़ा चढ़ाकर झूठे आरोप लगाकर खबर प्रकाशित की गई। पत्रकार की तहरीर पर अपराध संख्या 569/22 धारा 243 148 323 506 295ए 356 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।