सुसाइड नोट से खुलासा: शिक्षक सुनील फांसी लगाकर बेटियों के साथ दिवंगत पत्नी के पास गया

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) नगर के मोहल्ला बहादुरगंज निवासी शिक्षक सुनील उर्फ धर्मेंद्र जाटव ने मरने से कई दिन पूर्व ही काफी मार्मिक सोसाइट नोट लिखा था। धर्मेंद्र ने 22 अगस्त को ही काफी के दो पन्नों पर सुसाइड नोट लिखा था। धर्मेंद्र ने लिखा है कि मैं और मेरे प्रिय बच्चे तीनो लोग आत्महत्या करने जा रहा हूं। जिसमें किसी का कोई दबाव नहीं है चाहे फर्रुखाबाद का परिवार हो या भोगांव का परिवार हो। उसमें किसी की कोई गलती नहीं है मैं जो काम करने जा रहा हूं मैं बहुत शर्मसार है।

मैं और मेरे बच्चे जिम्मेदार हैं मैं अपनी पत्नी प्रीति के बगैर नहीं रह पा रहा हूं क्योंकि शादी से ही प्रीति ने जीना सिखा दिया था। असल में जीवन क्या है मैंने कभी भी किसी भी चीज की प्रीति को मना नहीं किया। मैंने प्रीति को बहुत प्यार करके शादी के बाद उसकी परवरिश की। मेरे जीवन में प्रीति के शिवा कोई नहीं है क्योंकि प्रीति ने अपना जीवन मेरे लिए पूरा समर्पण किया। मैंने उसकी वजह से बहुत ही मेहनत कर जान पहचान बनायी। अंग्रेजी में आई मिस यू प्रीति लिखकर सुनील ने कहा है कि मैं जो कदम उठाने जा रहा हूं वह बहुत गलत है।

क्योंकि यह मेरी मजबूरी है मैं अगले जन्म में आऊंगा ऐसा नसीब लेकर नहीं आऊंगा। जब जन्म हुआ तो मां नहीं रही जब समझदार होकर शादी हुई तो शादी के बाद पत्नी नहीं रही। मेरे मरने के बाद मेरे शरीर को और मेरी दोनों बेटियों को शरीर का पोस्टमार्टम नहीं करवाना। यदि मैंने किसी भी व्यक्ति या मित्र तथा महिला के साथ में जाने अनजाने में कुछ कह दिया हो तो उसे हाथ जोड़ कर मुझे माफ करें। अंग्रेजी मेंआई लव यू प्रीति लिखकर सुनील ने कहा है कि प्रीति मैं तुम्हारे पास आ रहा हूं और बच्चों को भी ला रहा हूं।

अंत में दूसरे पेज पर सुनील ने लिखा है कि मेरा सभी सामान अच्छे से रखना शिवम। क्योंकि तुम्हारे भाई और भाभी की यादें जुड़ी रहे अपना ध्यान रखना शिवम और दोनों लोगों का भी।
सुनील जन्म से मोहल्ला बहादुरगंज में मामा मास्टर रामनाथ के घर रहता था। सुनील थाना मेरापुर के ग्राम पुनपालपुर का मूल निवासी था जन्म देने के बाद सुनील की मां की मौत हो गई थी। रामनाथ पांचवें दिन ही सुनील को अपने घर ले आए थे। पुलिस ने सुनील के सोसाइट नोट को कब्जे में ले लिया सुनील व उसकी दोनों बेटियों का शव ट्रैक्टर से मोर्चरी फतेहगढ़ ले जाया गया।

सुनील व उसके बच्चों का शव देखने वालों की भीड़ लगी रही। सुनील घर पर ही कोचिंग करता था आज सुबह कई छात्र ट्यूशन पढ़ने के लिए सुनील के घर गए। काफी देर तक सुनील की बैठक का दरवाजा नहीं खुला तब सुनील के पिता व उसकी बुआ का बेटा शिवम बाहर आया। शिवम ने भी सुनील के दरवाजों को काफी देर तक खटखटाया कोई आवाज न मिलने पर उन्होंने अनहोनी घटना की आशंका में दरवाजे की कुंडी तोड़ी। सुनील का शव फांसी के फंदे पर व दोनों बेटियों के शव तख्त पर रखे देखे गये। मऊ दरवाजा थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर आमोद कुमार सिंह काफी देर बाद मौके पर पहुंचे।

उन्होंने वहां मौजूद भीड़ पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पड़ोस होने के बावजूद थाने में घटना की सूचना नहीं दी गई। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने मीडिया को बताया कि सुनील प्राइवेट टीचर था। उसने पहले दोनों बच्चों को जहर देकर मारा और बाद में स्वयं फांसी पर लटक गया है। पुलिस को सुनील का सुसाइड नोट मिला है जिसके मुताबिक सुनील पत्नी की मौत हो जाने के कारण टेंशन में था। शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है पीएम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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