संकिसा नगर पंचायत के गठन में अडंगेबाजी: मेरापुर को वरीयता, बौद्ध नगरी का अपमान

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) खेल किए जाने के कारण संकिसा नगर पंचायत के गठन में अडंगे बाजी की गई है। जिला प्रशासन ने भी एक नंबर के बजाय दो या तीन नंबर के दैनिक समाचार पत्र में आपत्ति के लिए अधिसूचना का विज्ञापन कराकर खानापूर्ति की है। बताया गया है कि प्रकाशन वाले समाचार पत्र का संकिसा क्षेत्र में वितरण नहीं होता है। यह विज्ञापन मात्र 8 ग्राम पंचायतों में रहने वाले लोगों के लिए ही है।

2 अगस्त को आपत्ति की अबधि खत्म हो रही है इससे पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक की गई अधिसूचना के समय आपत्ति का समय नहीं मिला था। बीते दिन ग्राम पंचायत अर्जुनपुर के प्रधान राजीव कुमार, गोपाल तिवारी पुत्र राम लडैते, ग्राम पंचायत पमरखिरिया के प्रधान अशोक कुमार यादव ग्राम पंचायत मेरापुर की प्रधान अनीता देवी मिश्रा पूर्व जिला पंचायत सदस्य राघवेंद्र मिश्रा, संकिसा निवासी हरिओम पुत्र नंदराम, शिवनंदन सिंह पुत्र रामेश्वर दयाल एवं ग्राम पंचायत सिठौली के प्रधान कमलेश कुमार राजपूत ने आपत्तियां अपर जिलाधिकारी को दी है तथा कुछ आपत्तियां जिलाधिकारी कार्यालय में रिसीव कराई गई है।

कमलेश कुमार ने आपत्ति में स्वयं को प्रधान तक नहीं लिखा है।  हरिओम ने प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजी गई आपत्ति में कहा है कि 19 अगस्त को हिंदुस्तान समाचार पत्र में आपत्ति की अधिसूचना प्रकाशित हुई है। संकिसा में पुलिस थाना नहीं है कोई व्यवसाय केंद्र व विकासखंड नहीं है और न ही दुकानें आदि भी नहीं है संकिसा में शहरी बाजार आदि नहीं है। शासनादेश के तहत संकिसा नगर पंचायत पात्रता की श्रेणी में नहीं आता है।

संकिसा ग्राम सभा में 95% कृषि क्षेत्र है जबकि शासनादेश के तहत अकृषि व व्यवसाय 75% होना चाहिए। संकिसा में सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है और न ही कोई केंद्रीकृत बैंक है। संकिसा नगर पंचायत हेतु प्रेषित प्रस्ताव में दर्शाए गए संकिसा से पुनपालपुर के अलावा सभी गांव 3 से 9 किलोमीटर की दूरी पर है जो मानक के विपरीत हैं।

पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं जबकि संकिसा से मेरापुर ग्राम पंचायत की आबादी अधिक है। हरिओम ने इन तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए एवं आपत्ति को स्वीकार करके ग्राम सभा संकिसा को नगर पंचायत घोषित न किए जाने की मांग की है।
नगर पंचायत के गठन में करीब 7 किलोमीटर दूर ग्राम सिठौली को शामिल किया गया। जबकि संकिसा सिठौली के बीच करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम बाकरपुर को नगर पंचायत में शामिल नहीं किया गया।

चर्चा है कि पड़ोसी गांव राजेंद्र नगर निवासी सपा के पूर्व विधायक एवं मंत्री नरेंद्र सिंह यादव ने खेल किया है। बताया गया कि ग्राम सिठौली में नरेंद्र सिंह के 2 इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, कोल्ड स्टोरेज पेट्रोल पंप एवं करीब एक दर्जन दुकानों का मार्केट है सिठौली में यादवों की भी काफी संख्या है। मालूम कि पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह की पुत्री मोनिका यादव भाजपा के सहयोग से जिला पंचायत अध्यक्ष बनी है।

संकिसा निवासी हरिओम, प्रधान प्रतिनिधि एवं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अतुल दीक्षित का ड्राइवर है। अतुल दीक्षित के दोनों हाथों में लड्डू है यदि संकिसा नगर पंचायत बन जाती है तो वह नगर पंचायत अध्यक्ष का भी चुनाव लड़ेंगे नहीं तो संकिसा प्रधान के प्रतिनिधि तो है ही। चर्चा है कि भाजपा नेता अतुल दीक्षित ने अपने ड्राइवर हरिओम से आपत्ति लगवा कर संकिसा नगर पंचायत का घोर विरोध करवाया है।

जबकि संकिसा के नगर पंचायत घोषित होते ही अतुल दीक्षित ने प्रदेश सरकार के अलावा सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया था। उन्होंने इस संबंध में काफी बड़ा होडिंग भी लगवाकर प्रचार कर रहे हैं। ग्राम पंचायत पुनपालपुर के प्रधान दीपक राजपूत एवं ग्राम पंचायत हमीरखेड़ा की प्रधान ने कोई आपत्ति नहीं की है इन प्रधानों ने नगर पंचायत घोषित होने का समर्थन किया है।

ग्राम पंचायत मेरापुर की प्रधान अनीता देवी मिश्रा ने संकिसा न्याय पंचायत का घोर विरोध करते हुए मेरापुर को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने अपनी आपत्ति में कहां है कि संकिसा से मेरापुर 7 किलोमीटर तथा मजरा कुंअरपुर 9 किलोमीटर दूर है। संकिसा से मेरापुर जाने के लिए गैर जनपद एटा के कस्बा सराय अगहत से होकर जाना पड़ेगा जो कि अव्यवहारिक है। संकिसा की आबादी मात्र 3729 है जब कि मेरापुर में 4526 जनसंख्या है।

मेरापुर को शहीद पंडित रामस्वरूप की जन्मस्थली होने का भी गौरव प्राप्त है। शासनादेश के अनुसार ब्लॉक के अलावा इस ग्राम पंचायत में रामस्वरूप शहीद इंटर कॉलेज, प्राइमरी विद्यालय, जूनियर हाई स्कूल, पुलिस थाना, डाकघर, ग्रामीण बैंक, उप स्वास्थ्य केंद्र, कृषि बीज गोदाम, सामुदायिक विकास केंद्र, साधन सहकारी समिति एवं निर्माणाधीन पानी की टंकी आदि की व्यवस्थाएं उपलब्ध है।

इसके अतिरिक्त भी साथ अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हुए इस आधार पर भी हम आजादी की 75 वी वर्षगांठ मना रहे हैं। प्रधान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान करते हुए संकिसा के स्थान पर मेरापुर ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाना उचित होगा। संकिसा ग्राम पंचायत पखना न्याय पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आता है पखना न्याय पंचायत के कुछ गांव छोड़कर मेरापुर न्याय पंचायत से मेरापुर पुनपालपुर हमीखेड़ा को लिया गया है जो कि न्यायोचित नहीं है।

संकिसा को नगर पंचायत बनाने के लिए 8 ग्राम पंचायतें दी गई हैं उनमें किसी भी ग्राम पंचायत में बाजार व्यवसाय आदि नहीं है और न ही कोई केंद्रीकृत बैंक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नही है। प्रधान अनीता देवी ने प्रस्तावित नगर पंचायत संकिसा को सृजन न करने की मांग करते हुए जनता की सुविधा का का ध्यान रखते हुए ग्राम पंचायत मेरापुर को नगर पंचायत घोषित किए जाने की मांग की है।

सुविधाहीन बताया गया संकिसा गांव

निजी स्वार्थ के कारण चापलूसों ने संकिसा को सुविधाहीन बेकार गांव बताया है। संकिसा में विश्वगुरु भगवान बुद्ध का ऐतिहासिक स्तूप होने के कारण संकिसा का नाम विदेशों में काफी सम्मान से लिया जाता है। जबकि वहां फर्रुखाबाद छोड़ो उत्तर प्रदेश को भी लोग नहीं जानते हैं। संकिसा में करीब एक दर्जन विशाल भव्यता वाले बुद्भ विहार, प्रमुख होटल, नवीन अन्नाज मंडी, कोल्ड स्टोरेज, ग्रामीण बैंक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं डाकघर आदि की सुविधाएं हैं। जिले में संकिसा ही ऐसा स्थान है जहां आए दिन विदेशी सैलानी आते हैं।

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