लेखपाल ने मोटी रकम लेकर पट्टेदार को करोड़ों की जमीन का भूमिधर बनाया: दर्ज होगा केस
फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) रिश्वती कर्मचारी मोटी रकम लेकर किसी प्रकार का कोई भी गलत कार्य कर सकते हैं। तहसील सदर के चर्चित लेखपाल हरमुख पाल ने ने भी मोटी रकम लेकर असंक्रमणीय भूमिधर वाले को करोड़ों रुपए कीमती जमीन का संक्रमणीय भूमिधर बना दिया है।
तहसील सदर के मौजा पुनपालपुर स्थित गाटा संख्या 62/ 0.2750 हेक्टेयर गाटा संख्या 66/ 0.0160 एवं गाटा संख्या 163 मि0/ 0.6720 हेक्टेयर जमीन का पुनपालपुर निवासी जवाहरलाल लोधी राजपूत के नाम पट्टा हुआ था। बताया गया कि वर्ष 23 जनवरी 1968 को ग्राम प्रधान ने उक्त जमीन की जवाहरलाल के नाम रजिस्ट्री की थी। एसडीएम सदर विनय कुमार ने 5 मई 1975 को उक्त सभी अबैध पट्टे निरस्त कर दिए।
जवाहर लाल ने एसडीएम के आदेश के विरुद्ध कमिश्नर के यहां अपील की। मालूम हो की गाटा संख्या 163 मि0 की 0.6720 हे0 जमीन पर करीब1940 से बुद्ध महोत्सव का कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। इसी आधार पर संकिसा स्थित धम्मालोको बुद्ध विहार प्रबंध समिति के अध्यक्ष कर्मवीर शाक्य इस मुकदमे में पक्षकार बन गए।
अपर आयुक्त कानपुर राजीव शर्मा ने 25 जुलाई 2016 को मुकदमा नंबर 128/ 2015 की सुनवाई के बाद फैसले में एडीएम को आदेशित किया कि वह गुणदोष के आधार पर मुकदमे का निस्तारण करें। अपर जिलाधिकारी के न्यायालय में इस मुकदमे में 19 नवंबर 2022 की तिथि निश्चित है। क्षेत्रीय लेखपाल हरमुख पाल ने 4 अगस्त 2022 को तहसीलदार के माध्यम से एसडीएम सदर को यह रिपोर्ट प्रेषित कर दी।
कि उक्त तीन किता 0968 हे0 जमीन के संबंध में कोई मुकदमा नहीं चल रहा है। जवाहर लाल को संक्रमणीय भूमिधर घोषित कर दिया जाए। एसडीएम सदर ने 13 सितंबर 2022 को जवाहरलाल को भूमि का संक्रमणीय भूमिधर घोषित कर दिया। एसडीएम सदर ने सितंबर 2019 को तहसीलदार से स्पष्ट जांच रिपोर्ट मांगी थी। लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार ने 30/9/19 को एसडीएम सदर को रिपोर्ट भेजकर अवगत कराया था।
पट्टेदार जवाहरलाल को गाटा संख्या 62 एवं 66 की संक्रमणीय भूमिधर से संक्रमणीय भूमिधर दर्ज किया जाए। इस रिपोर्ट में उप जिलाधिकारी सदर ने दिनांक को तहसीलदार की रिपोर्ट का परीक्षण किया। एसडीएम ने 26/3/22 को अपने आदेश में कहा कि गाटा संख्या 163 मि0/ 0.67 20 हेक्टेयर को किस कारण असंक्रमणीय से संक्रमणीय घोषित किए जाने हेतु संस्तुति नहीं की गई है।
एसडीएम ने तहसीलदार को मूल पत्रावली भेज कर गाटा संख्या 163 मि0/ 0.67 20 हेक्टेयर के संबंध में अभिलेखीय परीक्षण कर पुनः अपनी जांच आख्या स्पष्ट संस्तुति सहित प्रेषित करने का आदेश दिया। कर्मवीर शाक्य ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जवाहरलाल ने वर्ष 2012 में 10-10 डिसमिल के भूमि के तीन बैनामें कर कर दिए हैं। संकिसा निवासी आलोक दीक्षित की पत्नी श्रीमती प्रभा दीक्षित।
एवं भूड नगरिया निवासी आशीष कुमार यादव की पत्नी कुसुमलता को 15 जून 2012 को 10 डिसमिल जमीन का बैनामा किया है। श्री शाक्य ने बताया कि एसडीएम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर गलत पारित किए गए आदेश को निरस्त करवाएंगे। एसडीएम के न्यायालय में मुकदमे की सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तिथि निश्चित है।
जवाहरलाल से सांठगांठ कर गलत रिपोर्ट लगाकर न्यायालय को गुमराह करने वाले रिश्वतखोर लेखपाल हरमुख पाल व जवाहरलाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाएंगे। हर हालत में फर्जीवाड़ा करने वाले लेखपाल हरमुख वालों को जेल भिजवायेगे। श्री शाक्य ने बताया की धोखाधडी करने के मामले में पुलिस ने बीते दिनों लेखपाल लेखपाल को गिरफ्तार किया अदालत ने लेखपाल को जेल भेज दिया है।
उन्होंने बताया किस सकबाई क्षेत्र में तैनाती के दौरान लेखपाल हरमुख पाल ने फर्जी ढंग से अपनी पत्नी के नाम 6 एकड़ भूमि दर्ज कर दी थी। इस मामले में लेखपाल को बर्खास्त भी किया जा चुका है। लेखपाल हरमुख पाल का तहसील सदर से कायमगंज तहसील के लिए तबादला हो चुका है।
गलत रिपोर्ट भेजने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर लेखपाल हरमुख पाल चुप्पी साध गए।
उन्होंने बताया कि अब मैं भटासा क्षेत्र का कानूनगो हूं सकवाई क्षेत्र के मामले में मैं बर्खास्त नहीं हुआ था निलंबित हुआ था। दूसरे दिन ही धम्मालोको बुद्ध विहार प्रबंध समिति के अध्यक्ष कर्मवीर शाक्य ने लेखपाल आदि लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री आदि आला अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजे हैं।