दबंग प्रधान ने कोटेदार के बेटे पर तमंचे से की फायरिंगः भाजपा नेता के दबाव में कार्रवाई नहीं

 

जहानगंज फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) दबंग प्रधान ने पिटाई करने के बाद कोटेदार के पुत्र पर जानलेवा फायरिंग की। भाजपा नेता के दबाव में पुलिस ने घटना की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की है जबकि तमंचा धारी प्रधान का वीडियो वायरल हुआ है।
यह सनसनीखेज घटना थाना जहानगंज के ग्राम न्यामदपुर ठाकुरान में 24 मार्च की शाम 6 बजे की है।

गांव के कोटेदार वीरपाल सिंह के पुत्र पंकज सिंह ने घटना के बाद गांव के सूरज सिंह पुत्र राधे सिंह एवं प्रधान देवेश सिंह उनके भाई नितिन एवं सर्वेश सिंह पुत्र हरनाम सिंह के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर दी। पुलिस ने अभी तक घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है और न ही जांच पड़ताल की है। घटना के मुताबिक पंकज 24 मार्च की शाम 6 बजे भतीजे आशीष सिंह के साथ बाजार करके घर जा रहा था।

तभी रास्ते में सूरज सिंह ने पुरानी रंजिश के कारण पंकज को गाली गलौज करते हुए रोक लिया और मारपीट करने पर आमादा हो गया। पंकज ने गाली गलौज का विरोध किया तभी वहां मौजूद प्रधान देवेश उनके भाई नितिन एवं सर्वेश आग बबूला हो गए जिन्होंने अपने घरों से लाठी डंडा व नाजायज शस्त्र लाकर पंकज व उसके भतीजे की पिटाई की। जब पंकज जान बचाने के लिए भागा तो प्रधान देवेश उनके भाइयों ने अवैध शस्त्रों से जान से मारने की नियत से फायरिंग की।

गोली लगने से पंकज का भतीजा बाल बाल बच गए जब प्रधान देवेश तमंचा लेकर घर जा रहे थे तभी किसी ने उनका वीडियो बना लिया। देवेश ने दरवाजे पर खड़ी महिलाओं को तमंचा दे दिया था पुलिस को दी गई तहरीर में पंकज ने कहा है की घटना से मैं काफी भयफीत हूं। हमलावर दबंग मेरी व मेरे परिजनों की हत्या करा सकते हैं।

पंकज ने चोटों का भी परीक्षण कराए जाने की मांग की, बताया गया कि प्रधानी चुनाव की रंजिश में पंकज पर जानलेवा हमला किया गया। पंकज ने मीडिया को बताया ने घटना की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए थानाध्यक्ष को शिकायती पत्र दिया तो उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करने से साफ मना कर दिया। थानाध्यक्ष ने कहा की वीडियो किसी को मत देना हमलावरों के विरुद्ध मारपीट की कार्यवाही करेंगे।

बताया गया की पुलिस ने भाजपा नेता वीरेंद्र सिंह राठौर के दबाव में घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है और अभी तक घटना की जांच भी नहीं की है। बताया गया कि थानाध्यक्ष देवेश कुमार ने पंकज की तहरीर लेने से साफ मना कर दिया था जब इस संबंध में आई जी से बात की तब आईजी कार्यालय से फोन आने पर थानाध्यक्ष ने तहरीर ली है। इसके बावजूद पुलिस ने पंकज की चोटों का भी डॉक्टरी परीक्षण नहीं कराया है।

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