श्रीमद भागवत कथा का तृतीय दिवस : आचार्य बोले बासना निव्रत्ति में संत कृपा की अनिवार्यता

फर्रूखाबाद।(एफबीडी न्यूज) प्रसपा नेता विश्वास गुप्ता के आवास पर श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य देवेन्द्र जी महाराज ने प्रहलाद चरित्र में बासना निव्रत्ति प्रसंग में संत कृपा की महत्वता पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि जब तक जीव में बासना दोष है तब तक वह दर्श-कृपा का अधिकारी नही है। प्रहलाद को (माता के गर्भ में) गर्भावास्था में ही सतसंग मिला। प्रहलाद को माता के माध्यम से संत सेवा प्राप्त हुई। प्रहलाद की सभी बासनाये मिट गई, जिससे वह स्वंय ही मुक्त नही हुये बल्कि उनकी करूणा से सभी दैयत्वों की मुक्ति हो गई।
जिन्होने नरसिंह भगवान की स्वहर कह दिया कि इन बेचारे अज्ञानी जीवों को छोडकर मै अकेला मुक्त होना नही चाहता। निश्चिय ही प्रहलाद के सतसंग उपदेश एवं करूणा से सभी दैयत्वों का कल्याण हो गया। आचार्य ने कहा कि प्रहलाद ने कहा था कि इस संशार में कुछ चाहने या कहने के योग्य नही है। परमात्मा के अतिरिक्त कार्य अन्य वस्तु नही है।
भगवान ने जब प्रहलाद से वर मांगने को कहा तो प्रहलाद ने मना कर दिया। भगवान के बार-बार कहने पर प्रहलाद ने मांगा कि प्रभु मेरे ह्रदय में बासना का बीज न रहे। उन्होने ह्रणाकश्यप का अच्छिण्ट सिंहासन देने से पहले उस सिंहासन पर स्वंय बैठकर उसे अपना प्रसाद रूप देकर प्रहलाद को सिंहासन पर बैठाया था।
भगवत कथा का पूर्व सपा जिलाध्यक्ष विश्वास गुप्ता, रमा देवी गुप्ता, राजेश प्रकाश गुप्ता, आकाश गुप्ता, आशुतोष गुप्ता, विकास गुप्ता, पप्पी गुप्ता, सचिन गुप्ता आदि ने रसपान किया।