प्रधान के परिजनों ने करोड़ों की बंजर भूमि नाम कराकर कर लिया कब्जाः लेखपाल का कारनामा

 

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) तहसील सदर ब्लॉक बढपुर की ग्राम पंचायत ढिलावल चौराहे पर प्रधान के परिजनों द्वारा करोड़ों रुपए कीमती बंजर भूमि को अपने नाम करा कर अवैध कब्जा किए जाने के मामले का पर्दाफाश हुआ है। नवनिर्वाचित प्रधान रजनेश कठेरिया ने बीते दिनों तहसील दिवस में पूर्व प्रधान के परिजनों द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई बंजर भूमि को मुक्त कराए जाने की शिकायत तहसील दिवस में की थी।

मामले की जांच क्षेत्रीय लेखपाल प्रमोद शुक्ला ने की श्री शुक्ला को फर्जीवाड़े के मामले में स्वयं रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने मामले को टालने के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता से राय लिए जाने की रिपोर्ट लगा दी। यह जानकारी मिलने पर प्रधान रजनेश ने जिला शासकीय अधिवक्ता गजराज सिंह से भेंट की। श्री सिंह ने प्रधान को बताया कि गाटा संख्या 146/954 रकबा 5 व 6 डिसमिल बंजर भूमि के खाते पर किसी भी व्यक्ति का नाम सीधे दर्ज नहीं किया जा सकता है।

इस मामले में लेखपाल को एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। प्रधान रजनेश ने बताया रेप के केस में बंद चर्चित लेखपाल प्रवेश तोमर ने वर्ष 2012 में तैनाती के दौरान क्षेणी 6-2 बंजर 5 डिसमिल भूमि ग्राम  ढिलावल निवासी अमर सिंह पुत्र बचान सिंह के नाम दर्ज कर दी थी। लेखपाल द्वारा इस मामले में 5 लाख रुपये की रिश्वत लिये जाने की चर्चा हुई थी।

प्रशासन ने 20 अगस्त 1997 को ग्राम ढिलावल निवासी हरिजन दिलेराम पुत्र बनवारी एवं हरिजन रवीद्र पुत्र दिलेराम के नाम 3-3 डिसमिल बंजर भूमि दी थी। दिलेराम व रवेद्र ने 20 मार्च 1998 को 6 डिसमिल जमीन का बैनामा ढिलावल निवासी डा0 नरवीर सिंह चौहान की पत्नी भावना के नाम मात्र 65 हजार में बैनामा कर दिया।

जबकि ग्राम ढिलावल में दिलेराम व रवेद्र नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता था। 5 वर्ष के बाद ही जमीन संक्रमणीय भूमि घोषित होती है और हरिजन की जमीन खरीदने के लिए डीएम से अनुमति भी लेनी पड़ती है। इस मामले में इन दोनों आदेशों का पालन नहीं हुआ फर्जीवाडे की जानकारी होने पर ढिलावल निवासी विश्वनाथ चौहान के पुत्र जितेंद्र सिंह ने बैनामा निरस्त कराने के लिए एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दायर किया।

एसडीएम ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान बैनामा निरस्त कर दिया। एसडीएम ने भूमि का अवैध आवंटन भी निरस्त कर बंजर भूमि ग्राम पंचायत के खाते में निहित किए जाने का आदेश पारित किया था। बताया गया है कि ढिलावल चौराहा स्थित यह 11 डिसमिल जमीन करोड़ों रुपयों की है जिस पर अवैध रूप से बाउंड्री भी उठा ली गई है। उस पर लेंटर डालने का भी प्रयास किया जा रहा है प्रधान के अडंगे के कारण फिलहाल लेंटर डालने का कार्य रुक गया है।

प्रधान रजनेश ने बताया कि मैने जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व गजराज सिंह से भेंट की। तो उन्होंने बताया कि श्रेणी 6- 2 की जमीन पर किसी का भी नाम दर्ज नहीं किया जा सकता है। इस मामले में लेखपाल को अधिकार है कि वह स्वयं अवैध कब्जा करने वाले के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराएं। चर्चा है की करोड़ों के मामले को टालने वाले लेखपाल को भी मोटी रकम मिली है।

माफिया ने गायब करायी खतौनी

प्रधान ने बताया की भू माफिया ने तहसील सदर के अभिलेखागार व जिला मुख्यालय के अभिलेखागार से ग्राम पंचायत ढिलावल की 14 07 से 1423 फसली की खतौनी गायव करवा दी है कि जब मैंने इस मामले का भंडाफोड़ किया तो पूर्व प्रधान मीनाक्षी देवी के ससुर प्रताप सिंह चौहान ने मुझे पुलिस से प्रताड़ित करवाने का प्रयास किया है।

अमर सिंह, प्रताप सिंह के पिता एवं पूर्व प्रधान बलवीर सिंह के पिता थे डा0 नरवीर चौहान, प्रताप सिंह के भाई है। अमर सिंह का करीब 4 वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है लेकिन राजस्व अभिलेख में अभी तक अमर सिंह का नाम दर्ज है। मेरी शिकायत पर ही मुझे प्रताड़ित करने वाले थाना मऊदरवाजा के वरिष्ठ उपनिरीक्षक हरि ओम प्रकाश त्रिपाठी का थाने से तबादला कर दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *