कार्यदायी संस्था की वादा खिलाफी: जिले में विद्युत विभाग के कर्मचारियों की 27 से हड़ताल

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) कार्यदायी संस्था के द्वारा मानदेय का भुगतान करने में की गई वादा खिलाफी के विरोध में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ 27 जुलाई से हड़ताल करेंगे। इस घोषणा से विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। मालुम हो कि बकाया मानदेय न मिले पर संविदा कर्मचारियों ने 20 जुलाई को पूरे जिले में हड़ताल कर दी थी। जिससे विभागीय अधिकारियों के साथ ही कार्यदायी संस्था के पदाधिकारी सकते में आ गए थे।

उसी दिन भारत इंटरप्राइजेज कंपनी के एरिया मैनेजर गौरव द्विवेदी तथा अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण खंड भोलेपुर डिवीजन एसके श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता नगरीय आरवी यादव व ग्रामीण के अधिशासी अभियंता सुरेंद्र कुमार की उपस्थिति में संघ के पदाधिकारियों के बीच अधीक्षण अभियंता कार्यालय में वार्ता हुई थी। कंपनी के एरिया मैनेजर द्वारा लिखित रूप से आश्वासन दिया गया था कि जिन कर्मचारियों की पेमेंट अभी तक नहीं आई है उनको 2 दिनों के अंदर पेमेंट दे दी जाएगी।

साथ ही सुरक्षा उपकरण भी देने और विभाग में एग्रीमेंट भी कराये जाने का वायदा किया गया था। इसी आश्वासन पर 3.30 बजे धरने को समाप्त कर दिया गया था। वार्ता में मुख्य रूप से संगठन के महामंत्री विष्णु सिंह संयुक्त मंत्री सचिन वर्मा मीडिया प्रभारी अवनीश सिंह उपाध्यक्ष विनोद कुमार आदि तमाम सैकड़ों साथी उपस्थित रहे थे।

संगठन के महामंत्री विष्णु सिंह ने यह जानकारी देते हुये बताया कि सायं करीब 4 बजे जनपद के 40 बिजली घर पर धरना समाप्त कर दिया गया है। सभी कर्मचारी काम पर लग गए हैं। हड़ताल खत्म मोटे ही कार गाड़ी संसार के पदाधिकारी कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर समझने लगे कि जब इच्छा होगी तब मानदेय देंगे।

मानदेय न मिलने के बावजूद कर्मचारी मजबूरन कार्य करेंगे संस्था के महासचिव विष्णु सिंह ने 27 से पुणे हड़ताल करने के संबंध में अधीक्षण अभियंता नगरी व देहात के अभियंताओं के अलावा आज जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को भी जानकारी दे दी है कर्मचारी नेताओं ने विद्युत आपूर्ति की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों पर डाली है।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ फर्रुखाबाद के महामंत्री विष्णु सिंह आदि नेताओं ने बताया कि अब बिना मानदेय लिए हड़ताल खत्म नहीं की जाएगी कार्यदाई संस्था के पदाधिकारियों पर अब कोई विश्वास नहीं रहा है। मानदेय न मिलने के कारण कर्मचारियों में जबरदस्त रोष व्याप्त है उनके सामने दैनिक जीवन समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।

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