फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) भाजपा की सरकार बनने पर अखिलेश यादव की तरह ही निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सपा के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव के परिवार को गहरा सदमा लगा है। अब परिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट बचाने की चिंता सता रही है। मालूम हो भाजपा के सदस्यों के समर्थन से मोनिका यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट हासिल की है। भाजपा एवं प्रशासन के दबाव में सपा प्रत्याशी डॉक्टर सुबोध यादव को अध्यक्ष पद का चुनाव हरवाया गया था।
मोनिका यादव के अध्यक्ष पद के शपथ ग्रहण के दौरान भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया गया था और न ही कार्यालय में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री का चित्र कार्यालय में लगाया गया। पद ग्रहण के दौरान कथित समाजवादियों ने समाजवादी पार्टी जिंदाबाद अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगवाए थे। तभी यह साफ हो गया था कि कथित समाजवादियों ने भाजपा के साथ मतलब के लिए गठबंधन किया। सपा से टिकट न मिलने पर पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव एवं सचिन यादव ने नरेंद्र सिंह की जमकर मदद की।
पूरा परिवार समाजवादी पार्टी के कट्टर यादवों के वोट काटने में सफल नहीं रहा जबकि यह लोग भाजपा के अधिकांश वोट काटने में सफल रहे। चुनाव में नरेंद्र सिंह यादव को 12449 वोट मिले जबकि सपा प्रत्याशी डॉ जितेंद्र सिंह यादव को 54162 तथा भाजपा के विजयी प्रत्याशी सुशील शाक्य को 98848 वोट मिले। यदि अमृतपुर क्षेत्र में भाजपा काफी मजबूत न रही होती तो नरेंद्र सिंह के वोट काटने से सपा का प्रत्याशी चुनाव जीत सकता था।
चर्चा है कि अब एक वर्ष पूरा होने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। ऐसी ऐसी स्थिति में अध्यक्ष पद की सीट बचाने के लिए सचिन यादव भाजपा में शामिल होने का प्रयास करने लगे हैं। इसी प्रयास में सचिन यादव ने सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को गुलदस्ता भेंट कर पुनः डिप्टी सीएम बनने की बधाई दी है। जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव ने सचिन व केशव प्रसाद मौर्य का फोटो सहित मैसेज सोशल मीडिया पर डाला है।