देखिए- मीडिया के नाम पर रुपयों की ठगी कर फर्जी खबर चलाने वाले कथित पत्रकार को

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़)आए दिन पत्रकार फर्जी खबर चला कर रुपयों की ठगी करने वाले कथित पत्रकारों के विरुद्ध कार्यवाही कराने के लिए हल्ला मचाते हैं। लेकिन वह जानकारी होने के बावजूद कथित पत्रकार को बेनकाब करने से घबराते हैं। कई पत्रकार कथित पत्रकार के विरुद्ध खबर चलने पर यह कहते हैं कि यह कैसा पत्रकार है जो कथित पत्रकार के विरुद्ध खबर चलाता है। इससे पत्रकारों की जगह सही होती है।

एफबीडी न्यूज ने अनेकों बार पत्रकारों व कथित पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज मुकदमों की खबर चलाई है। जब सभी लोगों की खबर चलती है तो पत्रकारों के विरुद्ध भी खबर चलनी चाहिए।  अब रुपयों की ठगी कर फर्जी खबर चलाने वाले कथित पत्रकार को बेनकाब किया जा रहा है। कथित पत्रकार का नाम वरुन दुबे है जो नगर फर्रुखाबाद के रेलवे रोड के निकट मोहल्ला हाता करम खां रहता है।

यह 10 20 50 75% नहीं बल्कि हंड्रेड प्रतिशत झूठी खबर चलाकर किसी को भी बदनाम कर सकता है। वरुन ने बीते वर्षो पूर्व चैनल का रिपोर्टर बनाने के नाम पर हजारों रुपयों  ठगी की। ठगी के रुपए वापस न मिलने पर थाना शमशाबाद के ग्राम नगला नैगवां निवासी सुनील कुमार ने ठगी करने वाले वरुन की डीएम से शिकायत की थी। उसी दौरान वहां मौजूद मीडिया कर्मियों ने सुनील का इंटरव्यू लिया था।

सुनील ने मीडिया को बताया था की फर्रुखाबाद निवासी वरुन दुबे ने 15 हजार रुपए लेकर मुझे आईबीए न्यूज़ चैनल का तहसील रिपोर्टर बनाया था। उस दौरान वरुन ने कहा था कि जब तुम काम छोड़ोगे तुम्हारे 15 हजार रुपए वापस मिल जाएंगे। जब मेरे परिचय पत्र की अवधि खत्म हो गई तो मैंने वरुन से रुपए वापस करने को कहा। वरुन ने इस बात का रोना रोया कि मेरे रुपए भी डूब गए हैं।

सुनील ने बताया कि मुझसे से पहले वरुन ने मेरे भांजे दिनेश कुमार से भी 15 हजार रुपए लेकर  चैनल का रिपोर्टर बनाया था। मीडिया पर वरुन दुबे की ठगी का ऑडियो वायरल किया गया था। वरुन ने 18 जुलाई की शाम 7.42 बजे मीडिया ग्रुप न्यू  पर फर्जी मैसेज डाल कर एफबीडी न्यूज के संपादक आनंद भान शाक्य की छवि धूमिल की।

मैसेज में आरोप लगाया गया कि पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल ने आनंद भान शाक्य को 50 करोड़ की मानहानि का नोटिस दिया है। वह चेयरमैन की छवि खराब कर बड़ी रकम ऐठने की फिराक में थे। फर्जी तरीके से मनोज अग्रवाल को  फर्जी तरीके से भू माफिया होने की फैलाई थी जानकारी। भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक जानकारी से दलाली करने एवं पिटाई होने की  जानकारी दी गई थी।

असलियत में मनोज अग्रवाल ने 18 जुलाई को  भाजपा नेता विश्वास गुप्ता गुप्ता को पांच करोड़ 55 लाख पांच हजार की मानहानि का नोटिस दिया था। जिसमें एफबीडी न्यूज़ के समाचार पर कोई आरोप नहीं लगाया गया था। जिसमें अनौपचारिक रुप से एफबीडी न्यूज के संपादक आनंद शाक्य एवं एक अन्य बेव पोर्टल को पक्षकार बनाया गया। जिसके कारण आनंद भान शाक्य को नोटिस नहीं भेजा गया।

आज तक आनंद भान शाक्य  को नोटिस मिला है। एबीपी न्यूज़ ने 16 जुलाई की शाम 6.36 बजे भाजपा नेता को धमकाने की डीएम से शिकायत शीर्षक से खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। इस खबर में विश्वास गुप्ता द्वारा जिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्रों का उल्लेख किया गया था। सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जो व्यक्ति पांच करोड की धनराशि की 10 गुना बढाकर 50 करोड़ कर सकता है वह बड़ा झूठा व्यक्ति हो सकता है।

मैसेज में लगाए गए आरोप 100% झूठे हैं जिनका नोटिस में कोई उल्लेख नहीं है। बताया गया है की ठगी करने एवं फर्जी खबरें डालने से परेशान साथियों ने वरुन का साथ छोड़ दिया है। अनेकों लोग चैनलों का फर्जी रिपोर्टर बनाकर खुलेआम ठगी करते हैं। वास्तव में चैनल के मुख्यालय का ब्यूरो जिले में मात्र एक स्टिंगर की नियुक्ति करता है और इस बात की जानकारी डीएम एसपी एवं सूचना विभाग को दी जाती है।

किसी स्टिंगर को  किसी स्टिंगर की नियुक्ति  करने का अधिकार नही है। अब आम लोगों को ठगी करने वाले वरुन दुबे का फोटो अपने दिमाग में फीड कर लेना चाहिए जिससे वह  भविष्य में ठगी का शिकार न हो सके। मालूम हो कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र यादव के निजी सचिव आफाक अली ने मीडिया ग्रुप न्यू बनाया है अब वरुन ने इस ग्रुप को छोड़ दिया है।

 

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