फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) मुख्य अतिथि पूज्य भिक्कू रक्खित ने आज पावन दिवस पर नवनिर्मित शाक्य मुनि बुद्ध विहार में तथागत गौतम बुद्ध, महामाया एवं डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमाओं के समक्ष मोमबत्ती जलाकर पुष्प अर्पित किए गए। तुरंत ही बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक बलवीर सिंह यादव ने प्रेरणादायक कार्य करने के लिए बुद्ध बिहार का निर्माण कराने वाले गंगा सिंह को बधाई देते हुए उनको नमन किया।
श्री यादव ने कहा की गंगा सिंह जी ने काबिले तारीफ कार्य किया है। एकमात्र बौद्ध धर्म ही विश्व का कल्याण कारी धर्म है जबकि अन्य धर्म की आड़ में समाज का शोषण किया जाता है। श्री यादव ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि अंबेडकर की बदौलत ही हम लोगों को सम्मान एवं अधिकार मिला है। जबकि हमारे पूर्वजों को को सम्मान से जीने एवं संपत्ति रखने तक का अधिकार नहीं था।
उन्होंने पाखंडवाद के लिए महिलाओं को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पुरुष आडंबर के लिए स्त्रियों का विरोध नहीं कर पाते हैं। महिलाओं को अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। रस्तोगी इंटर कॉलेज के प्रवक्ता रमेश चंद्र बौद्ध ने बुद्ध धर्म के योगदान के लिए अनागरिक धर्मपाल के कार्यों की प्रशंसा की। बुद्ध विहार के संस्थापक गंगा सिंह शाक्य को अनाथ पिडक की संज्ञा देते हुए उन्हें नमन किया तथा साल पहनाकर सम्मानित किया।
श्रीमती सरिता शाक्य सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक शिव कुमार शाक्य, अवनीश शाक्य, कुलदीप सिंह कठेरिया, अभय कुमार शाक्य आदि ने बौद्ध धर्म पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व कवि बेचेलाल शाक्य बेचैन ने कविता के माध्यम से बौद्ध धर्म पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन शिव सरन शाक्य ने किया। समारोह में जिला पंचायत सदस्य सदस्य नरेंद्र शाक्य, शिक्षक प्रवेश शाक्य, दीपू शाक्य, कुलदीप सिंह कठेरिया, अभय कुमार शाक्य,
वीरपाल गौतम, कालीचरन शाक्य, रामवीर शाक्य विजय शाक्य पप्पू शाक्य महावीर शाक्य आढती रामौतार शाक्य श्रीमती रामवती शाक्य मनोज कुमार शाक्य रतीराम शाक्य मनीराम शाक्य कैलाश चंद शाक्य जवाहर लाल शाक्य मोहनलाल शाक्य राम गोपाल शाक्य राम सिंह शाक्य रोशन लाल शाक्य सुखबीर सिंह शाक्य देव सिंह शाक्य आदि सैकड़ों स्त्री पुरुष मौजूद रहे। उपासको को खीर एवं कचौड़ी खिलाई गई।
बुद्ध विहार के मुख्य गेट के ऊपर दो हाथी स्थापित किए गए हैं मंदिर के ऊपर अशोक स्तंभ लगाया गया है। बुद्ध विहार के निर्माण में वृद्ध गंगा सिंह शाक्य ने करीब 40 लाख रुपए कीमती 8 डिसमिल जमीन दान देकर करीब 15 की लागत से बुद्ध विहार का भव्य निर्माण कराया है। बुद्ध विहार के निर्माण में करीब 4 माह का समय लगा है। बुद्ध विहार की नींव वर्ष 2003 में ही रखी गई थी।