नियंत्रक प्राधिकारिणी सभा ने फर्रुखाबाद फतेहगढ महायोजना 2031 का कर दिया अनुमोदन

फर्रुखाबाद। (एफबीडीडी न्यूज़) विनियमित क्षेत्र फर्रुखाबाद के नियंत्रक प्राधिकारिणी सभा की आज जिला मुख्यालय पर महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में अवगत कराया गया कि भारत सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश 59 नगरों में जीआईएस आधारित महा योजनाएं तैयार की जा रही हैं। जिनमें फर्रुखाबाद फतेहगढ़ नगर भी शामिल है उक्त महा योजनाएं कंसलटेंट के माध्यम से तैयार की जा रही हैं।

कंसल्टेंट का चयन शासन स्तर पर किया गया है बैठक में शासन द्वारा चयनित कंसलटेंट एनके बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड जयपुर राजस्थान के द्वारा सदस्यों के समक्ष फर्रुखाबाद फतेहगढ़ महायोजना प्रारूप 2031 का प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसे नियंत्रक नियंत्रक प्राधिकारिणी सभा द्वारा अनुमोदन किया गया। नगर के जन सामान्य हितबृद्भ व्यक्तियों, संस्थाओं से इस महा योजना के प्रारूप पर आपत्ति व सुझाव आमंत्रित करने के लिए शीघ्र ही प्रदर्शनी प्रारंभ की जाएगी।

पूर्व में फर्रुखाबाद फतेहगढ़ महायोजना 2001 कुल तीन लाख जनसंख्या हेतु तैयार की गई थी इस योजना में 2195. 87 हेक्टेयर नगरीय क्षेत्र प्रस्तावित किया गया था। जीआईएस आधारित फर्रुखाबाद फतेहगढ़ महायोजना 2031 हेतु कुल 5,43, 492 जनसंख्या हेतु कुल 3281. 67 हेक्टेयर भू उपयोग नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया है।

जिसमें आवासीय उपयोग हेतु 16 34.71 हेक्टेयर व्यवसायिक हेतु 214.51 हेक्टेयर सामुदायिक सुविधाएं उपयोगिताये और सेवाएं हेतु 174.23 हेक्टेयर औधोगिक के अंतर्गत 219.10 हेक्टेयर यातायात और परिवहन के अंतर्गत कुल 392. 27 हेक्टेयर तथा मनोरंजन भू उपयोग के अंतर्गत 259.73 हेक्टेयर क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है।
आज इस बैठक की ओर फर्रुखाबाद फतेहगढ़ नगर के अलावा आसपास मार्गों के कथित अतिक्रमणकारियों की नजरे लगी थी।

बीते दिनों समाचार पत्रों ने प्रचार किया था कि आज की बैठक में सड़कों की चौड़ाई का निर्धारण होगा। यह खबर पूर्णताः झूठी साबित हुई है। फिलहाल नगर क्षेत्र की सड़कों की जो चौड़ाई निर्धारित है उसी चौडाई से अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहेगा। जिला प्रशासन केबल उसी जगह से अतिक्रमण हटाने का अधिकारी है जितनी भमि सड़क के लिए अधिग्रहित की गई है।

इस बैठक की ओर फर्रुखाबाद फतेहगढ़ नगर के अलावा आसपास मार्गों के कथित अतिक्रमणकारियों की नजर लगी थी बीते दिनों समाचार पत्रों ने प्रचार किया था कि आज की बैठक में सड़कों की चौड़ाई का निर्धारण होगा पर पूर्णता झूठी साबित हुई है। फिलहाल नगर क्षेत्र की सड़कों की जो चौड़ाई निर्धारित है उसी चौडाई से अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहेगा।

जिला प्रशासन केवल उसी जगह से अतिक्रमण हटाने का अधिकारी है जितनी भूमि सड़क के लिए अधिग्रहित की गई है।

राजस्व रिकॉर्ड में फर्रुखाबाद बाईपास का नक्शा नहीं

करीब 3 दशक बीत जाने के बावजूद फर्रुखाबाद बाईपास का नक्शा राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। मालूम हो कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने वर्ष 1985 में बाईपास के लिए सातनपुर मंडी से हथियापुर तक 100 फुट चौड़ी जमीन का अधिग्रहण किया था। तब से दर्जनों लेखपालों की तैनाती हो चुकी है किसी भी लेखपाल ने बाईपास मार्ग को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने का प्रयास नहीं किया। बाईपास मार्ग पर करीब 12- 14 लाख रुपए में प्रति डिसमिल जमीन की बिक्री हो रही है दिलावल चौराहा से जसमई तक बिक्री के लिए न के बराबर जमीन है।

विवादित जमीन की पैमाइश में लेखपाल मोटी रकम वसूलते हैं बीते दिनों बाईपास चक रोड के किनारे पैमाइश करने के नाम पर लेखपाल ने सेना कर्मी से हजारों रुपए वसूल किए थे।

खोला गया बंद नाला

नगर पालिका के कर्मचारियों ने आज जसमई पुलिस चौकी के सामने पचपुखरा मार्ग पर बंद नाले को खोल दिया। जेसीबी से नाले में बरसों से भरा मलबा निकाला गया। यहां के व्यापारियों ने दुकान से ज्यादा सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था।

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