वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान: आर्य समाज का वार्षिकोत्सव

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) कमालगंज के
शशदयाल एजूकेशन सेंटर रानूखेड़ा में आज क्षेत्रीय वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के करीब 400 वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया गया जिनकी उम्र 60 वर्ष के ऊपर की थी। साथ ही कक्षा 1 से कक्षा 12 तक क्लास में प्रथम आने वाले छात्र- छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। 86 से 90 वर्ष के ऊपर के उम्र के लोगों को संस्था के प्रबंधक राधेश्याम वर्मा के द्वारा सम्मानित किया गया।

81 से 85 वर्ष के लोगों को विजय सिंह वर्मा एडवोकेट के द्वारा सम्मान प्रदान कराया गया। 76 से 80 वर्ष के वरिष्ठ लोगों को संस्था के चेयरमैन भूपेंद्र पथरिया ने दयाल एजूकेशन सेंटर का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। 60 से 75 बर्ष के वरिष्ठ नागरिकों को स्कूल के प्रधानाचार्य जगदीश सिंह वर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। समझ में कार्यक्रम के उपाध्यक्ष चुरसाई निवासी अरविंद राजपूत, विशिष्ट अतिथियों में टांडा बहरामपुर के सुधीर कुमार शुक्ला, बिचपुरी निवासी रामबक्स वर्मा, चुरसाई निवासी मास्टर रामनाथ वर्मा।

नाला बघार मौरंग व्यापारी विक्रांत सिंह राना, मिर्जा नगला निवासी शम्भू दयाल वर्मा, घाटमपुर निवासी दशरथ सिंह आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अखई नगला निवासी परुषराम वर्मा ने की।

आर्य समाज का वार्षिकोत्सव

कमालगंज क्षेत्र के ग्राम गदनपुर देवराजपुर में आर्य समाज के 22 वें वार्षिकोत्सव के द्वितीय दिवस पर प्रातःकाल वृहद यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में ग्रामवासियों ने आहुतियां प्रदान कर ईस्वर से सुख संवृद्धि की कामना की। माध्यान्ह की सभा आर्य जगत के क्रांतिकारी वक्ता आचार्य योगेश भारद्वाज ने राष्ट्र रक्षा अंधविश्वास,पाखंड विषय पर अपने विचार प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं को जाग्रत किया। उन्होंने कहा कि युवाओं में बढ़ते नशा अपराध,अनाचार का मुख्य कारण वैदिक शिक्षा से दूर जाना बताया। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली को अपनाना होगा। आचार्य जी ने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने सत्य सनातन वैदिक धर्म में व्याप्त हो चुकी पाखंड कुरीतियों को दूर करने के लिए आर्य समाज की स्थापना की।

श्रेष्ठ समाज के निर्माण के लिए आज देशवासियों को आर्य समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की आवश्यकता है। नोएडा पधारीं आर्य जगत की सुविख्यात भजनो पदेशिका अलका आर्या ने अपने भजनों के माध्यम से ईस्वर भक्ति के वैदिक स्वरूप की व्याख्या की। आर्य समाज कमालगंज के पुरोहित आचार्य संदीप आर्य ने बताया कि देश आज महर्षि दयानंद की 200 वीं जयंती माना रहा है। महर्षि दयानंद पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने स्वराज का उद्घघोष किया।

उनके आवाहन पर हजारों नौजवान स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। स्वामी जी ने जहां देश को विदेशी दासता की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए लोगों को प्रेरित किया वहीं समाज मे व्याप्त छुआछूत,जातिवाद व पाखंड के विरुद्ध एक अभियान चलाया। जिसके परिणाम स्वरूप भारतीय नवजागरण काल मे एक नया परिवर्तन आया।परन्तु आजादी के बाद बनने बाली सरकारों ने वोट बैंक के लालच में जातिवाद व प्रांतवाद को बढ़ावा दिया जो देश की एकता व अखंडता के लिए खतरा है।

आर्य समाज जातिवाद को त्यागकर मानवतावाद का पक्षधर है इसलिए देश की युवा पीढ़ी को सत्ता के लोलुप नेताओं के मोहजाल से निकल कर आर्य समाज से जुड़ना चाहिए। ताकि संस्कार युक्त समाज का निर्माण कर भारत को पुनः विश्वगुरु बनने का मर्ग प्रशस्त हो सके। कार्यक्रम में राजीव आर्य, रामवीर शास्त्री,सुरेंद्र आर्य,रमेश चंद्र आर्य,घनश्याम यादव,हरि सिंह फौजी, जगदीश सिंह गंगा सिंह,आदेश सिंह अर्जुन सिंह,सर्वेश सिंह आदि मौजूद रहे।