वनमाली सृजन केन्द्र का शुभारंभ: काव्य गोष्ठी सम्पन्न

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) साहित्य, संस्कृति एवं सृजन के लिए प्रतिबद्ध वनमाली सृजन केन्द्र फर्रुखाबाद का शुभारम्भ एशियन कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट के सभागार में हुआ। शुभारंभ अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। वनमाली जी की जयंती के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार एवं छायाकार रवीन्द्र भदौरिया को वनमाली सम्मान 2024 से स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र एवं उत्तरी उड़ाकर सम्मानित किया गया। कवि दिनेश अवस्थी ने सरस्वती वंदना की।

पंक्तियां

सारा देश देश लैला और मजनू के नाम हुआ
शेखर सुभाष की जवानियां कहां गई (डॉoसंतोष पाण्डेय )

द्रोपदी को नग्न करने की कल्पना भी द्रोपदी पीतांबरा है द्रोपदी कृष्णमबरा है(डॉo कृष्णकांत अक्षर)

जीवन का कोई क्षण मित्रों बरबाद नहीं करो
चौबीस घंटो में कुछ पल तो उस ईश्वर को याद करो

दुनियांदारी के चक्कर में बिता दिया जीवन सारा
अब मरघट की तैयारी है अब या प्रभु को याद करो(महेश पाल सिंह उपकारी)

विसंगतियों का प्रतिकार करती है मेरी कविता सिंघासनों को ललकारती है मेरी कविता ये बोल है बेशक जो बिकते नही बाजार में लाचार के आगे झुकाती सर मेरी कविता
(कौशलेंद्र बाबू यादव ‘बेबाक’)

डॉ रेजीना सहर ने चिर निद्रा में डूबे रही जागृति का नवगीत सुना दे
इस जर्जर भारत के सर पर तरुणाई का ताज सजा दे
राम राज्य के ध्वस्तु स्वप्न को नव निर्मित की नई दिशा दे
बाजारू गीतों की लय को मंदिर वाली राह दिखा दे।।

गोष्ठी में मुख्य अतिथि अतिथि डायट प्राचार्य डॉक्टर अनुपम अवस्थी , विशिष्ट अतिथि बद्री विशाल महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ रश्मि प्रियदर्शी, व्यपारी नेता संजय गर्ग रहे। अध्यक्षता केन्द्रीय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ संतोष पाण्डेय ने की। संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ राजेश हजेला ने किया। केन्द्र संयोजक सुरेन्द्र पाण्डेय ने सभी का स्वागत किया। एशियन कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट की प्रबन्ध निदेशक आकांक्षा सक्सेना ने सभी का आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर मोहन लाल शुक्ला विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ संदीप चतुर्वेदी, नेहरू कॉलेज नवाबगंज के प्रधानाचार्य अनिल मिश्र कथा वाचक ज्ञानेश गौड़, प्रमोद झा, धीरेन्द्र वर्मा, अनुराग पाण्डेय, आदि लोग उपास्थित रहे।
डॉ अनुपम अवस्थी ने कहा कि सभी को पौधों से लगाव रखना चाहिए। यदि हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा हर देश हो जाएगा। कम से बढ़कर दुनिया में कुछ भी नहीं है युवा पीढ़ी को अपना समय सार्थक कार्यों में लगाना चाहिए।