प्रधानाचार्य ने प्रबंधक के समक्ष घुटने टेकेः प्रवक्ता पद पर कार्यभार संभाला, प्रधानाचार्य की तैनाती

 

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) आखिरकार अहंकारी प्रधानाचार्य ने प्रबंध समिति के सामने घुटने टेक दिए हैं। रामानंद बालिका इंटर कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्य श्रीमती प्रीति चतुर्वेदी ने अहंकार छोड़कर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है। बीते दिनों प्रधानाचार्य की ओर से उनके पति संदीप तिवारी ने एफबीडी न्यूज़ के के समक्ष दावा किया था कि प्रीती चतुर्वेदी प्रधानाचार्य पद पर ही कार्य करेंगी।

वह प्रबंधक के कहने पर प्रवक्ता पद पर कार्य नहीं करेंगी। कालेज के प्रबंधक विनीत अग्निहोत्री ने बताया कि प्रीति चतुर्वेदी ने 1 जुलाई से प्रवक्ता पद पर कार्य करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ प्रवक्ता श्रीमती शीतल को कॉलेज का प्रधानाचार्य बनाया गया है।
मालूम हो कि बीते दिनों कॉलेज के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य के बीच जबरदस्त ढंग से ठन गई थी। जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रधानाचार्य श्रीमती प्रीति चतुर्वेदी का निलंबन समाप्त कर दिया था।

लेकिन प्रबंधक विनीत अग्निहोत्री का प्रधानाचार्य पद पर कार्यभार ग्रहण कराने से इनकार कर दिया था। प्रधानाचार्य श्रीमती प्रीति चतुर्वेदी ने वताया कि संस्था के प्रबंधक विनीत अग्निहोत्री द्वारा झूठे आरोप लगाकर मुझे 21 अप्रैल 2022 को निलंबित कर दिया गया था।17 जून 2022 को जिला विद्यालय निरीक्षक ने मेरा निलंबन समाप्त कर दिया है। लेकिन प्रबंधक विनीत अग्निहोत्री द्वारा मुझे परेशान किया जा रहा है।

मुझे कार्यभार ग्रहण नहीं करवाया गया और कहा गया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के कारण कार्यभार ग्रहण नहीं करवाया जाएगा। प्रबंधक विनीत अग्निहोत्री ने बताया कि जिला विधालय निरीक्षक द्वारा प्रधानाचार्य का सिर्फ निलम्बन समाप्त किया गया है। जिला विधालय निरीक्षक ने प्रीती चतुर्वेदी के विरूद्ध जांच को पूर्ण करने के आदेश दिए है। आरोप इतने गभीर है कि जांच पूरी होने के बाद जांच समिति की संस्तुति के आधार पर प्रबन्ध समिति प्रधानाचार्य के बारे में अन्तिम निर्णय लेगी।

श्री अग्निहोत्री ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश के अनुपालन मे आगामी एक जुलाई से प्रीती चतुर्वेदी बतौर प्रवक्ता कार्य करना शुरू करे। प्रवक्ता का वेतन जिला विधालय निरीक्षक के आदेश से दिया जायेगा। ध्यान रहे कि हाई स्कूल की छात्रा मोहनी ने प्रधानाचार्य द्वारा क्लास में भद्दे शब्द कहे जाने की जिलाधिकारी से शिकायत की थी। छात्रा का कहना था कि भद्दे शब्द बोले जाने से मुझे काफी मानसिक पीड़ा हुई और वेदना से जूझना पड़ा।

डीएम के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने इस मामले की जांच की है। प्रधानाचार्य ने सिटी मजिस्ट्रेट को अवगत कराया कि मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाया गया मैने 14 साल के कार्यकाल में अशिष्ट भाषा का प्रयोग नहीं किया। जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक की संयुक्त कमेटी की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि प्रधानाचार्य द्वारा संसदीय अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रंडी शब्द का प्रयोग किया गया।

जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा प्रधानाचार्य के वापस किए गए निलंबन आदेश में यह भी कहा गया कि प्रधानाचार्य के विरुद्ध प्रचलित जांच जारी रखी जाए। प्रधानाचार्य को आदेशित किया कि वह वांछित अभिलेख उपलब्ध कराकर जांच में सहयोग करे।

कब होगी प्रधानाचार्य पर कार्रवाई

नगर मजिस्ट्रेट ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि जिला विद्यालय निरीक्षक के द्वारा कराई गई जांच में श्रीमती पीती चतुर्वेदी प्रधानाचार्य को दोषी ठहराया जा चुका है। इस जांच रिपोर्ट से मैं सहमत हूं कि प्रधानाचार्य के द्वारा संसदीय अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच कमेटी की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी से कार्रवाई किए जाने अपेक्षा की है।

दोषी ठहराए जाने के बावजूद अभी तक प्रधानाचार्य के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जब तक प्रधानाचार्य के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की जाती तब तक उनके विरुद्ध की गई जांच का कोई मतलब नहीं है। छात्रा को भी तभी न्याय मिलेगा जब दोषी प्रधानाचार्य के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

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