बैंक ने लाखों की बकायेदारी में रेपिस्ट व्यवसायी की सीज कर दी दुकान एवं मकान

 

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) बैंक कर्मचारियों ने लाखों रुपयों की बकाये दारी में रेपिस्ट दवा व्यवसाई मनोज शाक्य की दुकान एवं मकान को सीज कर दिया है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मैनेजर अतेश कुमार वर्मा बैंक अधिकारियों एवं पुलिस फोर्स के साथ नगर के मोहल्ला सरदार खां पहुंचे। बैंक वालों ने दबाव डालकर मनोज शाक्य के परिजनों को मकान के बाहर निकाल दिया और मकान को सीज कर दिया।

बाद में बैंक कर्मचारियों ने सिंधी कॉलोनी में मनोज के मेडिकल स्टोर को भी सीज कर दिया। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शाखा प्रबंधक अतेश कुमार वर्मा ने बताया कि मनोज ने 23 सितंबर 2015 को बैंक से मेडिकल स्टोर के व्यवसाय के लिए 78 लाख रुपयों की सीसी करवाई थी। अब मनोज पर 83 लाख रुपयों के अलावा ब्याज भी बाकी है पिता श्री कृष्ण शाक्य ने मनोज के कर्जे की गारंटी ली थी।

लेकिन मनोज ने बैंक में फूटी कौड़ी नहीं जमा की, मनोज को 6 अप्रैल 2021 एवं 23 सितंबर 2021 को नोटिस दिए गए थे। मनोज के मकान में उसके पिता मां पत्नी आदि बच्चे मौजूद थे जिन्होंने मकान से जरूरी सामान निकाल लिया। मालूम हो कि मनोज पर नगर के अनेकों लोगों का लाखों रुपया बाकी है मनोज अय्याशी के साथ साथ ही जुआ खेलने का भी शौक हो गया था वह बिना मेहनत किए करोड़पति बनना चाहता था।

मालूम हो कि कोतवाली पुलिस ने दुष्कर्म के मामले में मनोज शाक्य को 12 फरवरी 2020 को बस स्टेशन से गिरफ्तार किया था। कोतवाली फतेहगढ़ के मोहल्ला भीमसेन मार्केट निवासी चर्चित लेखपाल प्रवेश सिंह तोमर के विरुद्ध उसकी पत्नी ने नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने एवं गाली गलौज कर मार डालने धमकी देने के मामले में पति प्रवेश तोमर सास राधा देवी सौतन भावना आदि के विरुद्ध 13 जनवरी 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

जांच के दौरान पुलिस ने मनोज शाक्य के अलावा मोहल्ला सिकंदर बाग निवासी विष्णु शरन रस्तोगी विकास नगर बढपुर निवासी लेखपाल विमल कुमार नगला दीना फतेहगढ़ निवासी रतनेश तिवारी सोनू को आरोपी बनाया था। मनोज शाक्य के अलावा प्रवेश कुमार इस मुकदमे में अभी तक जेल में हैं। प्रवेश तोमर को 16 जनवरी 2020 को निलंबित कर दिया गया था।

श्रीकृष्ण ज्ञानार्थी शाक्य उत्थान समिति फर्रुखाबाद के संस्थापक है समाज को ज्ञान देने वाले ज्ञानार्थी अपने बेटे को ज्ञान देकर उसकी निगरानी नहीं कर सके। जिसने उन्हें दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया है।

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