जिले से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे निकलवाने के लिए फर्रुखाबाद विकास मंच ने पहल की

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) जिले से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे निकलवाने के लिए सांसद एवं विधायकों को प्रयास करना चाहिए? लेकिन वह लोग इस मामले में कोई प्रयास न करके जनपद वासियों को इसके बारे में कोई जानकारी तक नहीं दे रहे हैं। फर्रुखाबाद विकास मंच ने गंगा एक्सप्रेस-वे को खो देने के बाद अब हर हालत में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को जिले से निकलवाने के लिए कमर कली है। जिसका नेतृत्व फर्रुखाबाद विकास मंच के संयोजक समाजसेवी मोहन अग्रवाल ने संभाला है।

आज ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के संबंध में फर्रुखाबाद विकास मंच के द्वारा जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अपर जिलाधिकारी सुभाष प्रजापति को ज्ञापन दिया गया। जिसमे सूबे के मुख्यमंत्री से मांग की गई कि जनपद के लिए बहुत आवश्यक है कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे फर्रुखाबाद से होकर निकले। क्योंकि जनपद में एक भी एक्सप्रेस-वे नहीं है और न ही कोई फोरलेन सड़क है। और तो और जनपद में अभी तक कोई टू-लेन सड़क तक नहीं है।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि सुनने में आया है कि गाजियाबाद से कानपुर तक बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को फर्रुखाबाद के बजाय मैनपुरी से निकाला जा रहा है। जिससे जनपद बासियों में जबरदस्त रोष व्याप्त हो गया है।

ऐसी स्थिति में जिला आसपास के जनपदों से काफी बहुत पिछड़ गया है। इसी लिए आवश्यक है कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे फर्रुखाबाद से ही होकर निकले जिससे जनपद वासियों को सुविधा का लाभ हो सके। भविष्य में फर्रुखाबाद का औद्योगिक विकास भी हो सके। फर्रुखाबाद विकास मंच के जिलाध्यक्ष भइयन मिश्रा ने कहा कि आज जनपद की स्थिति को देखकर बहुत दुख होता है। आसपास के जनपद कहां से कहां पहुंच गए और हम लोग विकास के दौड़ में लगातार पिछड़ते जा रहे हैं।

अब फर्रुखाबाद का जागरूक युवा एवं जनता विकास चाहती है वह चाहती है कि फर्रुखाबाद का भी विकास अन्य जनपदों की भांति हो। इसलिए जनता हम लोगों का पूरा समर्थन कर रही है। समाज सेवक व अधिवक्ता मुईद अफरीदी ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है फर्रुखाबाद बाद ऐतिहासिक और प्राचीन नगर होने के बाद भी विकास के लिए सिसक रहा है कोई भी सुनने वाला नहीं है।

हिंदू महासभा प्रदेश युवा अध्यक्ष विमलेश मिश्रा ने कहा कि यदि जिले का विकास नहीं हो सकता है तो कम से कम इस जिले को आदिवासी जिला ही घोषित कर दिया जाए। जिससे कि हम लोगों को यह तो पता होगा कि हम लोग आदिवासी जैसा जीवन जी रहे हैं। पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के रविकांत तिवारी ने कहा कि जिले के साथ जो भी सौतेलापन किया जा रहा है उससे आम जनता में बहुत आक्रोश है।

ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से कोमल पांडे, विशाल दुबे, सुनील दिवाकर, पीयूष दुबे,अरविंद सिंह बाथम, अनिल सिंह, मोहित खन्ना,सुनील मिश्रा, राजा मिश्रा, आलोक मिश्रा उर्फ भूरे,राजन दीक्षित,सेवक सिंह राठौड़, राहुल दीक्षित गुड्डा, जेपी सिंह चौहान, रजनीश सिंह, राजीव वर्मा, हेमंत शाक्य, सत्यनारायण, लकी गुप्ता, मुकेश कुशवाहा, लवी अफरीदी, सौरभ मिश्रा आदि लोग शामिल रहे।