फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) डा0 बीआर अम्बेडकर जयंती समारोह समिति के तत्वावधान में पीडब्ल्यूडी तिराहे पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई गई। मुख्य अतिथि पंकज के सिंह अपर आयुक्त (जी एस टी) लखनऊ, प्रख्यात लेखक एवं विचारक, विशिष्ट अतिथि यदुनंदन लाल वर्मा तथा मुख्य वक्ता चन्द्रकान्ता माथुर आदि ने डॉ आंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए गए रास्ते पर चलने का आवाहन किया।
कार्यक्रम में आयोजन समिति के अध्यक्ष डा0 प्रभु दयाल, अधिवक्ता विनोद कुमार भास्कर,राम नरेश गौतम, वीरेंद्र कठेरिया, कुलदीप सिंह कठेरिया, अभिलाष सिंह जाटव, आर सी गौतम, विक्की यादव, जगदीश सिंह, रविन्द्र नाथ दिवाकर, अभय शाक्य, परियोजना निदेशक कपिल कुमार, क्षेत्रीय वन अधिकारी अनूप कुमार, डॉक्टर अरविंद गुप्ता आदि अनेकों लोग मौजूद रहे। सायंकाल से सम्मान व पुरस्कार वितरित किए गये। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। रात्रि में संगीत एवं गीतों भरी शाम, बाबा साहब के नाम आयोजित की गई।
याद किया गया अंबेडकर को
दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष कुलदीप कठेरिया ने ग्राम पचपुखरा स्थित अपने आवास पर अंबेडकर जयंती मनाई। परिजनों ने डॉक्टर अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।
व्यापारियों ने भी याद किया
भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की पावन जयंती के अवसर पर आज मोहल्ला बजरिया सखावत हुसैन में भाई नितिन सिंह के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें उनकी प्रतिमा पर दीप जला कर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। वंचितों, दलितों और कोटि-कोटि मानवों को उनका अधिकार दिलाना बाबा साहब का संकल्प था। वे सामान्य मनुष्य नहीं, बल्कि एक महामानव थे। उनकी पावन स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन!इस अवसर पे व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अंकुर श्रीवास्तव नगर के महामंत्री रोहन कश्यप राजा कार्यक्रम के आयोजन नितिन सिंह गुड्डू अनिल आदि युवा सम्मिलित हुए।
बाबा साहेब को नमन किया
तथागत सम्राट नागरिक सामाजिक संगठन टाउन एरिया मोहम्मदाबाद के अध्यक्ष विपिन सैनी ने डॉ अंबेडकर को नमन किया। श्री सैनी ने कहा है कि देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए, हर भारतीय के समान अधिकारों के लिए, हर वर्ग की हिस्सेदारी के लिए उनका संघर्ष और योगदान, संविधान की रक्षा की लड़ाई में हमेशा हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। आज उनके जन्म दिन पर नगर मोहम्मदाबाद में बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। एवं बाबा साहब के जन्म दिन के उपलक्ष्य में आयोजित बाइक रैली व पद यात्रा में शामिल होने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।
स्कूल में हुआ कार्यक्रम
कन्या प्राथमिक विद्यालय बुढ़नामऊ विकास क्षेत्र बढ़पुर में स्वतंत्रता की अमृत काल के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बोधिसत्व बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती मनाई गई। इस अवसर सुबह प्रभात फेरी निकाली गई बच्चों हाथों में तकिया लिए हमारा संविधान भारत का स्वाभिमान, डॉ अंबेडकर जिंदाबाद के नारों से उद्घोष कर रहे थे। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक नानक चन्द्र ने कहा कि भारत का संविधान भारत के नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है।
डॉ अंबेडकर द्वारा बनाया गया भारत का संविधान 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था। जो संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। जिसकी उद्देशिका में ही लिखा है कि हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न ,सामान, समाजवादी ,धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय ,विचार ,अभिव्यक्तिविश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता निष्ठा और अवसर की समानता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्त की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सूचित करने वाली जनता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर इस संविधान सभा में अधिनियमित आत्म समर्पित करते हैं कि भावना है।
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान लोकतांत्रिक शासन की व्यवस्था करता है, जिसमें लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि सरकार चलाते है भारत में संसदीय प्रणाली की सरकार है। जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य लोगों द्वारा चुने जाते हैं।संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी दी गई है, जैसे कि समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त होता है। भारत का संविधान सभी नागरिकों को समानता और न्याय का अधिकार देता है।
भारत का संविधान और शिक्षा का अधिकार अधिनियम सभी नागरिकों को शिक्षा के अवसर प्रदान करता है भारत सरकार ने 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित किया, जो 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ। इस अधिनियम के तहत, 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है जिससे 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी।
शिक्षा का अधिकार सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है।
भारत का संविधान सभी नागरिकों को समानता और न्याय का अधिकार देता है।भारत का संविधान और शिक्षा का अधिकार अधिनियम सभी नागरिकों को शिक्षा के अवसर प्रदान करता है भारत सरकार ने 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित किया, जो 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ। इस अधिनियम के तहत, 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार मिला हुआ है जिससे 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी।
शिक्षा का अधिकार सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है। आपने बताया कि भारतीय संविधान में समस्त वर्गों की महिलाओं के लिए समानता का अधिकार प्रदत्त है यदि भारत का संविधान न होता तो आज भारत बड़े पूंजीपतियों के हाथों में खेलता हुआ दिखाई देता था और गरीबों का आर्थिक मानसिक और शारीरिक शोषण भी बड़े पैमाने पर होता दिखाई देता l उन्होंने बच्चों को आने वाले समय में शिक्षा के माध्यम से अधिकारों को लेने के लिए कठिन परिश्रम करना होगा तभी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
बच्चों को उनके साहित्य को पढ़ने की सलाह दी और अशिक्षित अभिभावकों को बच्चों को पढ़ने में सहयोग की अपेक्षा की उन्होंने भी कहा कि तभी भारत का संविधान हमारा स्वाभिमान की अवधारणा वास्तविक रूप से कारगर होगी। इस अवसर पर ग्राम प्रधान मनोज कुमार ने बताया कि पूना पैक्ट डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच 24 सितंबर 1932 को हुआ था। यह समझौता पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में हुआ था, जब गांधी ने दलित वर्गों के लिए अलग निर्वाचक मंडल के विरोध में आमरण अनशन शुरू किया था।
पूना पैक्ट के बाद प्रांतीय और केंद्रीय विधानसभाओं में दलित वर्गों के लिए 19% सीटें इन समूहों के लिए समर्पित की जानी थी और यह आरक्षण की व्यवस्था तब तक जारी रहनी थी जब तक कि दलित वर्गों को सार्वजनिक सेवाओं में समान अवसर और प्रतिनिधित्व न मिल जाये। कार्यक्रम में अध्यक्ष मनोज कोतवाल,सहायक अध्यापक फरजाना अंजुम,नेहा मिश्रा, संगीता किरण अग्निहोत्री ,रमेश चंद्र आदि ने विचार व्यक्त किए। प्रधानाध्यापक द्वारा भारत के संविधान की उद्देशिका वाचन कराया गया, और उपस्थित जनों को भारत के संविधान की उद्देशिका को देकर सम्मानित किया गया। बच्चों को स्वल्पाहार और मिष्ठान वितरण किया गया।