फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) पर्दे के पीछे संकिसा को नगर पंचायत घोषित किए जाने में किए जाने का विरोध करने वालों को बेनकाब कर उनकी पोल खोली जाएगी। क्षेत्रीय भाजपा नेता एवं पत्रकार सोनू राजपूत ने ऐसा साहस करने का बीड़ा उठाया है। श्री राजपूत ने अपने विचारों का मैसेज वायरल किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि जो तथाकथित महापुरुष एवं जो तथाकथित समाजसेवी पर्दे के पीछे और कुछ खुलकर संकिसा के नगर पंचायत बनने का विरोध कर रहे हैं।
उनके उच्च कोटि के दिमाग की असलियत अत्यंत हास्यपद है।मैं निम्न बिंदुओं से प्रस्तुत आपत्तियों के जबाब दे रहा हूँ जिससे यह भी साबित होगा।संकिसा से अन्य गांव की दूरियां 5 किलोमीटर से अधिक बताई जा रहीं हैं वह नितांत भ्रामक हैं। ऐसे मामलों में एयर डिस्टेंस मापी जाती है बैसे ग्राउंड डिस्टेंस ही 5 किलोमीटर है। रही बात दुकानों, बैंको व अन्य सुविधाओं की तो संकिसा में वह सब है।
ग्रामीण बैंक, डाकघर, सरकारी अस्पताल का विशाल भवन, इंटर कॉलेज, बीएसएनएल का दूरभाष केंद्र, विद्युत सब स्टेशन, कोल्ड स्टोरेज, सरकारी एवं निजी गेस्ट हाउस निरीक्षण भवन व्यक्तिगत नवनिर्मित मार्केट, संकिसा उप मंडी कई बौद्ध अनुयाई देशों बुद्ध विहार, राधास्वामी का कैंपस है। सरकार द्वारा लगभग 65 बीघा जमीन का अधिग्रण किया जाना प्रस्तावित है।
अभी हाल ही में सरकार द्वारा विकास कार्य (हेली पेड आदि के लिए) भूमि अधिग्रहण की गयी है।
संकिसा काली नदी पर घाटों का निर्माण की भी रूपरेखा तैयार है। श्री राजपूत ने कहा है कि
सरकार द्वारा निरंतर संकिसा में विकास के लिए जमीन तलाशी जा रही है। संकिसा विश्व के मानचित्र पर है यहाँ का तो विकास होना ही है यह सब आपत्तियां आदि औपचारिकता ही हैं।
सरकार ने पूँछ लिया तो लोग निकल पड़े आपत्तियां दर्ज़ करवाने। सही भी है लोगों का धर्म है विरोध करना नहीं करेंगे तो कैसे काम चलेगा। रही बात थाने की जब मेरापुर को टाउन एरिया में शामिल कर ही लिया गया है तब थाना स्वतः ही टाउन एरिया क्षेत्र में में आ जायेगा। अब सरकार को सबकुछ पता है संकिसा में क्या है क्या नहीं है।
संकिसा, मेरापुर, सिठौली,पुनपालपुर, एवं हमीरखेड़ा व सिठौली में बाजार भी है अर्जुनपुर में भी।
संकिसा से बेवर रेलवे स्टेशन पखना आदि जाने के लिए मार्ग है जहां से बौद्ध अनुयाई जब निकलेंगे वहां भी बाजार व विशेष विकास की प्रबल संभावना है। सरकार व प्रशासन को सब पता है कि संकिसा में क्या है क्या नहीं है और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया भी पता है ऐसे ही घोषणा नहीं कर दी। साथियों सबसे हँसी की बात ये है कि जो महापुरुष नगर पंचायत बनने का विरोध कर रहे हैं वो ही लोग चैयरमैन बनने के सबसे पहले दाबेदार बने हैं।
बैसे इन महापुरुषों को ये जान लेना चाहिए कि नगर पंचायत संकिसा की जनता सब कुछ जान रही है और ये भी जान रही है कि कौन कौन खुलकर जनता के विकास में रोड़ा बन रहे हैं और कौन कौन पर्दे के पीछे से खेल खेल रहे हैं। साथियों अति शीघ्र जनता के सहयोग से नगर पंचायत संकिसा में शामिल प्रत्येक ग्राम पंचायत में पोल खोलो अभियान चलाया जाएगा बस इंतजार कीजिये।
पोल खुलने से शर्मिंदा हो गए भाजपा नेता
संकिसा निवासी अतुल दीक्षित भाजपा नेता पोल खुल जाने के कारण शर्मिंदगी नहीं झेल पा रहे हैं। इसीलिए उन्होंने बीती रात गलत जानकारी देकर मैसेज वायरल किया है। श्री दीक्षित ने मैसेज में कहा है कुछ एक व्यक्ति के समर्थित लोग व विशेष समुदाय के फर्जी पत्रकार का ठप्पा लगाकर जो सनातन धर्म के मंदिर के कारण मेरा विरोध करते हैं।
वह लोग मुझे टिकट भाजपा से न मिल पाए इसलिए मुझे मेरे ड्राइवर से जोड़कर बदनाम करने की साजिश करके facebook whatsapp ग्रुप आदि माध्यम से बिना प्रमाण की पोस्ट व समाचार बना का डाल रहे हैं। जबकि उनके पास कोई प्रमाण नहीं है पहले तो जिसे यह मेरा ड्राइवर कह रहे हैं वह स्वयं मना कर रहा है कि इस तरह की किसी आपत्ति पर उसके द्वारा उसके दस्खत किए ही नहीं गए हैं।
उसके नाम से जो लोग आज बदनाम कर रहे हैं उन्ही किसी की साजिश होगी। अगर कहीं फर्जी उसका नाम दिया गया है न ही किसी संकिसा ग्राम का कोई व्यक्ति जो adm साहब को आपत्ति देती फोटो में दिखाई पड़ रहा है और दूसरी बात किसी की ड्राइवरी करने के लिए उसका समर्थक और वोटर होना जरुरी होता है। हर आदमी अपने विचार प्रकट करने के लिए स्वतंत्र होता है जिसके लिए बदनाम करने की दृष्टि से मेरा नाम घसीटा जा रहा है।
विकास कार्य में लगाया गया धार्मिक तड़का
ग्राम पंचायत संकिसा के प्रधान प्रतिनिधि अतुल दीक्षित ने कट्टर भाजपाइयों की तरह इस मामले में धार्मिक तड़का लगाया है। उन्होंने साफ झूठ कहा है कि संकिसा का कोई व्यक्ति आपत्ति लगाने नहीं गया। जबकि असलियत में उनके ड्राइवर हरिओम के अलावा शिवनंदन सिंह ने भी आपत्ति लगाई है दोनों लोगों ने जिलाधिकारी के कार्यालय में आपत्ति रिसीव कराई है। कई प्रधानों व पूर्व जिला पंचायत सदस्य राघवेंद्र मिश्रा ने दोनों ग्रामीणों को देखा है और इस बात की पुष्टि भी की है।
यदि अतुल का आरोप सही मान भी लिया जाए तो उनके गांव के लोगों के नाम पर जिलाधिकारी कार्यालय व अपर जिलाधिकारी के साथ प्रदेश सरकार के सचिव के साथ भी धोखाधड़ी की गई है। ऐसी स्थिति में भाजपा नेता अतुल दीक्षित को स्वयं लिखित शिकायत कर कार्रवाई करवाना चाहिए ताकि असलियत सामने आ जाए। हरिओम व शिवनंदन सिंह को भी धोखाधड़ी के मामले में शिकायत करनी चाहिए।
अतुल दीक्षित को मालूम होना चाहिए पत्रकार फर्जी नहीं होता है समाचार फर्जी होता है। उनमें पत्रकार का नाम लिखने का साहस होना चाहिए। संकिसा नगर पंचायत के चुनाव के लिए अध्यक्ष पद की टिकट कटवाने के आरोप का अभी कोई औचित्य नहीं है। अभी कैसे कहा जा सकता है कि आरक्षण में सीट सामान्य रहेगी भाजपा उनकी जगह किसी और को भी टिकट दे सकती है।