चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सेहत बिगड़ी: नहीं चला आपका दिल्ली मॉडल, शून्य व एक वोटों की भरमार

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) नगर पालिका फर्रुखाबाद अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को बीते चुनाव की अपेक्षा काफी कम वोट मिलने से सलमान खुर्शीद को काफी धक्का लगा है। कांग्रेश की श्रीमती मुमताज बेगम को 1105 वोट मिले जबकि बीते चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी हाजी मोहम्मद उमर को 6610 वोट मिले थे। मुमताज को उमर से 5505 वोट कम मिले हैं। 271 बूथों में कांग्रेश को 35 बूथों पर शून्य व 41 बूथों पर एक- एक वोट मिला है।

मुमताज बेगम को बूथ नंबर 103 इकरा पब्लिक स्कूल मोहल्ला पुलखाम मैं सर्वाधिक 58 वोट मिले हैं।

नहीं चला दिल्ली मॉडल

आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती राधा श्रीवास्तव को 18 72 वोट मिले हैं जबकि बीते चुनाव की प्रत्याशी श्रीमती रेनू कटियार को 10 92 वोट मिले थे। राधा को रेनू से 780 बोर्ड अधिक मिले हैं। राधा को 49 बूथों पर शून्य वोट व 46 बूथों पर एक- एक वोट मिला है। उन्हें नगरपालिका कार्यालय के बूथ नंबर 141 पर सर्वाधिक 75 वोट मिले हैं। चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली जैसा विकास कार्य कराए जाने का वादा किया था।

लेकिन मतदाताओं ने कांग्रेश की तरह आम आदमी पार्टी को नकार दिया है। मालूम हो की श्रीमती राधा श्रीवास्तव युवा व्यापारी नेता अंकुर श्रीवास्तव की मां है। अंकुर ने शहर के पीड़ित व्यापारियों के लिए काफी संघर्ष किया लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम था कि चुनाव के दौरान व्यापारी दगा दे जाएंगे। यदि सभी व्यापारियों का ही एक-एक वोट मिलता तो उनके कई गुना बढ़ जाते। यदि अंकुर श्रीवास्तव मां को निर्दलीय चुनाव लड़ाते तो शायद उन्हें काफी वोट मिलते।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की सरकार में भ्रष्टाचार एवं आवास में करोड़ों रुपयों रुपए लगाने के मामले में आम व्यक्ति केजरीवाल को भ्रष्टाचारी के रूप में देखने लगी है।

निर्दलीय प्रत्याशी ने कांग्रेस व आपको को हराया

निर्दलीय प्रत्याशी सुमन ने 2593 वोट पाकर कांग्रेश प्रत्याशी श्रीमती मुमताज बेगम को 1488 वोटों से हराया है। आम आदमी पार्टी प्रत्याशी श्रीमती राधा श्रीवास्तव को 721 वोटों से पराजित किया है। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद एवं श्रीमती लुईस खुर्शीद ने कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार में काफी मेहनत की पिछले चुनाव की अपेक्षा काफी कम वोट मिलने से खुर्शीद दंपत्ति का प्रभाव खत्म माना जा रहा है।

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