गाय बचाने को ट्रेन रोकी गई: बीमार कर्मचारी ने रेल से कटकर जान दे दी, जय में रखी गई टिकट

 

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) गाय को बचाने के लिए ड्राइवर ने ट्रेन रोक दी इसी दौरान बीमार अधेड कर्मचारी संतोष ने रेल से कटकर आत्महत्या कर ली। संतोष फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन की पश्चिमी रेलवे क्रॉसिंग से लगे दूलाराय धर्मशाला में बरसों से रहता था। संतोष आत्महत्या करने के लिए आज सुबह रेलवे क्रासिंग के निकट खड़ा था। करीब 7.30 बजे कासगंज से शिकोहाबाद जाने वाली पैसेंजर ट्रेन आयी।

क्रॉसिंग के निकट ट्रैक पर गाय खड़ी देखकर ड्राइवर ने ट्रेन रोक दी। गेटमैन संतोष कुमार ने गाय को ट्रैक से भगाया। गाय के चले जाने पर ड्राइवर ने ट्रेन को रवाना किया। तभी मौका देखकर संतोष बोगी के नीचे रेलवे लाइन पर पट लेट गया। कमर से पहिया निकल जाने के कारण संतोष के शरीर के दो टुकड़े हो गए। घटना की सूचना मिलते ही संतोष के पुत्र अर्जुन विमल व पत्नी सुमन मौके पर पहुंची। सुमन दहाडे मारकर रोने लगी उनको वहां से हटाया गया।

जीआरपी के उप निरीक्षक प्रमोद कुमार ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की पुलिसकर्मियों ने विमल के सहयोग से संतोष के शव के टुकडो को पैकिंग पर रखवाया। विमल को तलाशी में पिता की जेब से कुछ रुपए व ट्रेन की टिकट मिली। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई जबकि परिजन शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। संतोष की मौत का रेलवे से क्लेम लेने के लिए संतोष की जेब में नरथर रेलवे स्टेशन की टिकट रखी गई।

पता चला है कि कि जिस ट्रेन से कटकर संतोष की मौत हुई उसी ट्रेन से आये यात्री से टिकट लेकर संतोष की पेंट की जेब में रखी गई थी टिकट लगवाने वाले व्यक्ति ने मीडिया को बताया कि संतोष बीमारी की दवा लेने नरथर गया था वह ट्रेन से आते समय क्रॉसिंग पर उतरने के दौरान कट गया। बताया गया कि संतोष के पिता शंभू दयाल रेलवे कर्मचारी थे उनके रिटायर होने के बाद संतोष रेलवे क्वार्टरों में सफाई का कार्य करने लगा था।

संतोष काफी समय से टीवी बीमारी से पीड़ित था वह इस बीमारी से ठीक हो गया था पीलिया की बीमारी होने पर संतोष ने गले में उपचार के लिए लाल धागा डलवाया था इसी बीमारी के कारण वह टेंशन में आ गया था।

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