हरिद्वार में धूमधाम से संपन्न हुआ प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन का राष्ट्रीय अधिवेशन

हरिद्वार। (एफबीडी न्यूज़)  प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन का 23 वा राष्ट्रीय अधिवेशन हरिद्वार में बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ। एसोसिएशन के गिरीश चंद कुशवाहा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी को  शपथ ग्रहण कराया। एसोसिएशन के वरिष्ठ 101 पत्रकारों को गणेश शंकर विद्यार्थी एवं 101 पत्रकारों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय अवार्ड से सम्मानित किया गया।

एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुशवाहा ने कई राज्यों के पत्रकारों की समस्याओं एवं सुझावों को गंभीरता से लेते हुए कहा केंद्र सरकार को एसोसिएशन ने वर्ष 2018 में एवं 2021 में मांग पत्र दिया था। जिसमें एसोसिएशन ने पत्रकारों के लिए देश के राज्यों में राज्य प्रेस आयोग एवं कानून व्यवस्था के अतिरिक्त पेंशन ,बीमा ,आवास, चिकित्सा, सुरक्षा रेलवे सुविधा ,परिवहन की सुविधाओं की मांग की थी।

परंतु केंद्र सरकार व अन्य राज्यों की सरकारों ने मांग पत्र को गंभीरता से नहीं लिया। क्योंकि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के पास कोई भी ऐसी योजना नहीं है जिससे देश के चौथे स्तंभ के लिए कार्य योजना बन सकें। श्री कुशवाहा ने सरकारों की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा जबकि देश में केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बाद दूसरा नंबर मीडिया का आता है देश को आजाद कराने में।

परंतु इन सरकारों के पास मीडिया हित में कोई कार्य योजना न होने के कारण देश के राज्यों के पत्रकारों की उपेक्षा की गई है। जिसको लेकर अधिवेशन में एकजुट होकर कई राज्यों के पत्रकारों ने खुलकर एकजुट होकर पहली बार केंद्र सरकार एवं अन्य राज्यों के विरुद्ध के संघर्ष करने का ऐलान किया था जिसको श्री कुशवाहा ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि मैं पहले पत्रकारों का हमदर्द हूं बाद में भाजपा का कार्यकर्ता हूं।

इससे पूर्व प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश चंद कुशवाहा ने फीता काटकर एवं दीप प्रचलित का अधिवेशन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि अब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की बात कहने वाले खाकी और खादी के लोगों के उत्पीड़न के कारण मीडिया भी अब अपने हक के लिए जाग चुकी है। सरकारो को विचार करना चाहिए मीडिया की निष्पक्ष पत्रकारिता से दो नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री बने हैं।

सरकार को कोई कार्य योजना बनाकर पत्रकारों को सुरक्षा स्वास्थ्य आवास आदि प्रकार की सुविधाएं देनी चाहिए। निष्पक्ष पत्रकारिता के कारण कुछ पत्रकारों के घर तबाह हुए हैं और बहुत से मीडिया कर्मी आज भी अपना बलिदान देने को तैयार हैं। अधिवेशन में कई राज्यों के पत्रकारों ने केंद्र सरकार के प्रति लापरवाही व तानाशाही का जमकर विरोध जाहिर किया।

जिसमें बिहार पंजाब हरियाणा गुजरात मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के पत्रकार शामिल रहे। मीडिया कर्मियों ने केंद्र सरकार के प्रति जहर उगलते हुए कहा अब पत्रकार विरोधी सरकार बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 10 सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने पत्रकारों के हित के लिए कोई कार योजना नहीं बनाई तो 24 के चुनाव तो पत्रकार सरकार उखाड़ने में भी सहयोग कर सकता है।

कई राज्यों का का पचासी प्रतिशत पत्रकार बिकाऊ नहीं है जो मान सम्मान के लिए पत्रकारिता करते है। पूर्व में अधिवेशन को कई राज्यों के पत्रकारों ने संबोधित करते हुए एकजुट होकर आंदोलन को तेज करने का आवाहन किया। जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार को घेरने का भी ऐलान किया गया। इसके लिए दिल्ली में एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई जिसमें केंद्र सरकार के खिलाफ आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।

अधिवेशन में यहां तक कहा गया कि अब जो राजनीतिक दल केंद्र में पत्रकारों की हित की बात करेगा और अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करेगा। एसोसिएशन ऐसे राजनीतिक दल को अपना सहयोग व आशीर्वाद देने में पीछे नहीं रहेगा।कार्यक्रम का शुभारंभ आर्य वन प्रसथ आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार मे किया गया। अधिवेशन की अध्यक्षता मधुसूदन अग्रवाल राष्ट्रीय सचिव एवं प्रभारी उत्तराखंड ने की।

संचालन सत्येंद्र कुमार शर्मा राष्ट्रीय सचिव ने किया। अधिवेशन में उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के पत्रकारों की संख्या अधिक रही। आयोजक मंडल प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश चौहान आदि ने पत्रकारों के प्रति आभार व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश इकाई के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सुनील त्रिपाठी ने सभी अतिथियों का स्वागत कर बधाई दी।