एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) हाल्ट रेलवे स्टेशन भटासा के निकट ट्रैक पर लकड़ी का बोटा रखकर एक्सप्रेस ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने का असफल प्रयास किया गया। किसी शरारती तत्व ने बीती रात भटासा रेलवे स्टेशन के पूर्वी और करीब 300 फुट की दूरी पर लकड़ी का काफी मोटा मोटा रख दिया। कासगंज से कानपुर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन करीब 11.30 बजे इसी स्थान से गुजर रही थी तभी लकड़ी का बोटा इंजन में फंस गया जिससे ड्राइवर को ट्रेन रोकनी पड़ी। लोको पायलट ने घटना की जानकारी आला अधिकारियों को दी।

विलंब से शुरू हुई ट्रेन से लकड़ी का बोटा ले जाकर शमशाबाद स्टेशन मास्टर को सौपा गया। जीआरपी आरपीएफ के अलावा पुलिस अधीक्षक अशोक प्रियदर्शी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किये आरोपी को पकड़ने के लिए खोजी कुत्ता ले जाया गया। इस दौरान घटना स्थल के निकट एक आम का पेड़ कटा देखा गया। बताया गया कि यहीं से लकड़ी का बोटा ले जाकर रेलवे लाइन पर रखा गया। अनुमान लगाया गया कि पड़ोसी गांव के ही किसी व्यक्ति की शरारत है।

रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर जहीर अहमद खान ने अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध कोतवाली कायमगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने अपराध संख्या 173/24 रेलवे एक्ट की धारा 150 के तहत केस दर्ज किया है। श्री खान ने पुलिस को अवगत कराया कि 23 अगस्त को गाड़ी संख्या-05389 के लोको पायलेट ने सूचित किया कि किमी0-160/17-18 कायमगंज-शमशाबाद के मध्य रेलपथ के दाहिने रेल पर पेड़ के लकड़ी का टुकड़ा रखने से गाड़ी टकरा गई है। मौके पर जाकर पाया गया कि किमी-161/1-2 से किमी0-160/13 तक शमशाबाद-कायमगंज के मध्य भटासा हाल्ट के पास स्लीपर पर रगड़ के निशान पाये गये।

टकराव आम की लकड़ी का टुकड़ा शमशाबाद रेलवे स्टेशन पर रखा गया था। जिसको मापा गया, तो लम्बाई 137 सेमी, एक सिरे पर गोलाई 65 सेमी. मध्य में 63 सेमी व दूसरे सिरे की गोलाई-75 सेमी व व्यास लगभग 20 सेमी तथा वजन लगभग 35 किलो पाया गया। लकड़ी का टुकड़ा टकराने से गाड़ी साइट पर 35 मिनट खड़ी रही। इन्जी विभाग द्वारा इन्जन में फंसा लकड़ी का टुकड़ा निकालकर गाड़ी को चलवाया गया।

संयुक्त जांच में पाया गया कि किसी बाहरी अज्ञात व्यक्ति द्वारा आम की लकड़ी के टुकड़े को अनाधिकृत रूप से रेलवे ट्रैक पर रख दिया। उक्त घटना से रेल द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों की जान माल का संकट उत्पन्न हुआ तथा चल स्टाक में बाधा उत्पन्न हुई एवं गाड़ी का विलम्बन हुआ। मुकदमे की जांच उप निरीक्षक विश्वनाथ आर्य को सौंप गई।

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