बुद्ध अनुयायियों को समझायी गई सम्राट अशोक की धम्मलिपि

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) प्रयागराज बौद्ध कम्यून इंटरनेशनल सम्राट हर्षवर्धन बुद्ध विहार अरैल के प्रबंध निदेशक डॉक्टर जीएस शाक्य ने बौद्ध अनुयायियों को सम्राट अशोक की धम्म लिपि को लिखने एवं पढ़ने की व्यापक जानकारियां दी। डॉ शाक्य के द्वारा आज सुबह प्रातः 9 बजे महावीर इंटर कॉलेज के सभागार में सम्राट अशोक की धम्मलिपि को लिखने एवं पढ़ने के लिए अक्षर स्वर व्यंजन एवं मात्राओं के बारे में बारीकियों से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सम्राट अशोक की पाली भाषा में प्रज्ञा शब्द को पइयां कहते है।

त्र शब्द नहीं था उसकी जगह सुत शब्द का प्रयोग किया जाता है इसको हिंदी में सूत कहते हैं। भगवान बुद्ध के वचन सुत हैं। बोलचाल की भाषा में जो ध्वनि निकले वैसी ही भाषा लिखी जानी चाहिए। अक्षर मावा नामक एप पर पाली भाषा का विवरण देखा जा सकता है। थोड़ा अभ्यास करने से पाली भाषा को आसानी से लिखना एवं पढ़ना सीखा जा सकता है। पाली भाषा की गिनती भी अलग प्रकार की है। 19 को एक कम 20 कर संबोधित किया गया। पाली भाषा में जीरो को शून्य कहते हैं।

पाली भाषा सम्राट अशोक महान के शिलालेखों में अंकित है। जबकि 468 ईस्वी में पैदा हुए आर्यभट्ट को खोजना बताया गया। बुद्ध ने कहा था कि उन्होंने 256 रातें धम्म के लिए बिताई थी। एक सप्ताह को चार दिन तीन राते कहा जाता है। डाक्टर शाक्य ने बताया की पाली भाषा में विरासत पूर्ण पूर्ण थी कुछ भी काम नहीं था। उन्होंने सम्राट अशोक के शिलालेखों का उल्लेख करते हुए जयवीर शाक्य के आदि के नाम पाली भाषा में लिखकर सिखाएं। उन्होंने बताया कि सांची के शिलालेख के शब्द दानम के नाम पर ब्रिटिश सरकार ने डाक टिकट जारी किया था।

भगवान बुद्ध के लिए देव, देवादेव एवं जगन्नाथ का प्रयोग किया गया। इलाहाबाद के में म्यूजियम में महान सम्राट के शिलालेख सुरक्षित है। डॉक्टर शाक्य ने बुद्ध अनुयायियों को पाली भाषा के लिए प्रेरित करते हुए कहा की दादा का लिखा पोता को अवश्य पढ़ना आना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि आप लोग कम से कम 100 लोगों को पाली भाषा सीखने के लिए एकत्र कर पाएंगे तो मैं कार्यक्रम में आकर पाली भाषा के बारे में टीचर के रूप में कार्य करने के लिए शिक्षित कर सकता हूं। व्यक्तिगत ज्ञान के लिए नहीं। उन्होंने पाली भाषा के लिए स्टूडेंट नहीं टीचर बनने की सलाह दी।

कार्यक्रम में अनेकों छात्रों के अलावा सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक शिवकुमार शाक्य, आढती रामौतार शाक्य, विजय शाक्य, महावीर सिंह शाक्य, सेवानिवृत्त एडीओ अवधेश शाक्य, कुलदीप कठेरिया, शिवशरन शाक्य, वीडिओ रामवीर शाक्य, सेवानिवृत्त वायु सैनिक वेदराम शाक्य आदि लोग मौजूद रहे। कॉलेज की ओर से आगंतुकों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई।

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