फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) दबंग पत्रकार ने मकान हडपने के लिए मां की पिटाई कर मार डालने के लिए धमकाया है। कोतवाली फर्रुखाबाद के मोहल्ला नितगंजा दक्षिण निवासी स्वर्गीय देवेंद्र दुबे की पीड़ित पत्नी श्रीमती कमला दुबे ने पड़ोस में रहने वाले अपने बेटे जितेंद्र दुबे व उसके बेटे रघुवंश के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट के मुताबिक वृद्धा श्रीमती कमला दुबे के 3 पुत्र जितेंद्र दुबे शिवेंद्र एवं आनंद दुबे हैं।
श्रीमती कमला दुबे के साथ आए दिन जितेंद्र दुबे व उनका बेटा गाली गलौज कर झगड़ा करते हैं। 21 जून को सुबह करीब 6 बजे श्रीमती कमला दुबे पूजा करने मंदिर जा रही थी जब वह स्टेट बैंक वाली गली के पास से गुजर रही थी तभी जितेंद्र दुबे ने बेटे रघुवंश के साथ मां को घेर लिया और जान से मारने की धमकी देते हुए उनके साथ मारपीट की। इसी दौरान जितेंद्र ने मां को गंदी गाली देते हुए कहा कि तुम मुझे शेष बचा हुआ मकान दे दे या फिर मुझे 10 लाख रुपये दो तभी तेरा मकान खाली करुंगा।
भयभीत महिला को राहगीरों ने बचाया आरोपी जाते समय वृद्धा को धमकी दे गए कि तुमको और तुम्हारे बच्चों को मार डालूंगा मारपीट के दौरान वृद्धा का मोबाइल फोन भी टूट गया। पुलिस ने अपराध संख्या 393/22 धारा 386 323 504 506 व 427 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। मुकदमे की जांच घुमना चौकी इंचार्ज मोहन सिंह को सौंपी गई है। जितेंद्र दुबे स्वयं को भारत समाचार न्यूज चैनल का पत्रकार बताते हैं।
बताया जाता है कि जितेंद्र दुबे नगर के प्रमुख चिकित्सक डॉ राकेश दुबे के यहां नौकरी करते हैं। जितेंद्र दुबे ने थाना मऊ दरवाजा के ग्राम नूरपुर में कई वर्षो से अपना क्लीनिक भी खोल रखा है। चर्चा है कि जितेंद्र दुबे के पास चिकित्सीय कार्य करने की कोई डिग्री नहीं है साथी पत्रकार जितेंद्र दुबे को डॉक्टर कह कर बुलाते हैं। जिले के वरिष्ठ अधिकारी जिलाधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के सामने आम डॉक्टर की भी खड़े होने की हिम्मत नहीं होती है।
लेकिन जितेंद्र दुबे पत्रकारिता के प्रभाव में इन अधिकारियों से तीखे सवाल भी करते हैं। अधिकारियों को यह नहीं मालूम है कि यह पत्रकार झोलाछाप डॉक्टर है। पत्रकारिता के प्रभाव के कारण है जितेंद्र दुबे ने स्वयं को डीएम व एसपी के ग्रुप में शामिल कर कराया है। मितवा जमाने एवं अवैध वसूली करने के कारण अनेकों लोग पवित्र पत्रकारिता के पेसे में आ गए हैं जिनके कारण ही दिनों दिन पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा है।