आर्य समाज का वार्षिकोत्सव:अच्छे मित्रों से चरित्र बनता है महान

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) आर्य समाज फर्रुखाबाद के वार्षिकोत्सव में प्रातः काल यज्ञ किया गया। यज्ञोंपरान्त यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य चन्द्र देव शास्त्री ने कहा कि चित्र, मित्र और चरित्र ये मानव जीवन के असली इत्र हैं जो मनुष्य को पवित्र बनाते हैं। जिन घरों में महापुरुषों के चित्र हों और जिसके मित्र अच्छे हों उनका चरित्र महान बनता है। हमारे घरों में महापुरुषों के चित्र होने चाहिए, क्योंकि चित्र को देखकर चरित्र बनता है। जीवन उन्नति के लिए अच्छे मित्र का होना आवश्यक है।

मित्र की परिभाषा करते हुए नीतिकार कहते हैं कि पापों से बचाने वाला, गुणों का प्रकाश करने वाला,आपत्तिकाल में साथ निभाने वाला सच्चा मित्र होता है। चरित्र की रक्षा हमें सदैव करनी चाहिए। क्योंकि कहावत है कि धन गया तो कुछ नहीं गया, स्वास्थ्य गया तो कुछ गया किन्तु यदि चरित्र चला गया तो सब कुछ चला गया। आचार्य प्रदीप शास्त्री ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने जीवन निर्माण की पद्धति संस्कार विधि के रूप में दी है। जिसके मूल में संस्कार होते हैं उनका जीवन मूल्यवान बनता है। शिक्षा के साथ में संस्कारों का समावेश मनुष्य को महान बनाता है।

कु. किरन आर्या, उदिता आर्या एवं विद्या आर्या ने यज्ञ महिमा एवं ऋषि महिमा के भजनों द्वारा ऋषियों के बताए हुए मार्ग में चलने के लिए प्रेरित किया। आर्य समाज के मंत्री डॉक्टर हरिदत्त द्विवेदी ने आए हुए विद्वानों एवं अतिथियों का शॉल एवं स्मृति चिन्ह आदि के द्वारा सम्मान किया। सभा का संचालन आचार्य ओमदेव ने किया। सभा में स्वामी महेन्द्रानंद, जितेन्द्र वर्मा, उत्कर्ष आर्य, उदयराज आर्य, मुन्नालाल आर्य, रामप्रकाश वर्मा, सुरेश यादव, रेनू आर्या, हरिओम आर्य, संदीप आर्य, श्रीमती इन्दु मिश्रा समस्त शिक्षिकाओं और बच्चों सहित उपस्थित रहे।