फर्रुखाबाद।(एफबीडी न्यूज़) भारतीय किसान यूनियन के जोरदार प्रदर्शन को देखकर प्रशासन ने सोमवार से किसानों को आलू की पूरी कीमत दिलवाने का आश्वासन दिया है। भाकियू के प्रदेश सचिव अरविंद शाक्य के नेतृत्व में जिलाध्यक्ष अजय कटियार के नेतृत्व में किसान नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय पहुंचे। पुलिस ने फाटक बंद कर किसानों को डीएम कार्यालय के अंदर जाने से रोक दिया। इस बात को लेकर किसानों की फतेहगढ़ के इंस्पेक्टर से नोक झोंक हुई।
सूचना मिलते ही एसडीएम सदर सीओ सिटी मौके पर पहुंची। एसडीएम सदर ने किसानों का ज्ञापन लेकर समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। इसी दौरान जिलाध्यक्ष अजय कटियार ने 50 आलू की जगह 47 किलो आलू का भुगतान देने का पर्चा मंडी सचिव को दिखाया। यह रसीद सातनपुर मंडी बी क्लास के राम श्याम ट्रेडर्स के मलिक रघुवीर सिंह के द्वारा किसान को दी गई थी। मंडी सचिव सूरज सहाय सक्सेना ने किसानों को आश्वासन दिया कि सोमवार से किसानों को आलू की तौल का पूरा भुगतान दिलाया जाएगा।
मिट्टी के नाम पर वजन की कटौती नहीं की जाएगी। जो आढ़ती किसानों मिट्टी के नाम पर वजन की कटौती करेंगे उनकी आढ़त का लाइसेंस खत्म कर दिया जाएगा और विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। मंडी सचिव ने यह भी बताया कि सोमवार को मंडी में लाउडस्पीकर से यह घोषणा भी की जाएगी की कोई भी आढ़ती मिट्टी के नाम पर वजन की कटौती नहीं करेगा। इस संबंध में मंडी के गेट पर बैनर भी लगाया जाएगा। भाकियू के प्रदेश सचिव अरविंद शाक्य ने बताया कि ज्ञापन में मिट्टी के नाम पर आलू के वजन की कटौती के साथ ही एमएसपी कानून को लागू करना आदि समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई।
प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य अनशनकारी किसान नेता डल्लेबाज के आंदोलन को समर्थन देना था। श्री शाक्य ने बताया कि शनिवार को किसानों की मंडी सचिव के साथ बैठक होगी। जिसमें सोमवार से मंडी सचिव द्वारा दिए गए आश्वासन को कड़ाई से लागू करवाने की रणनीति बनाई जाएगी जाएगा। उन्होंने बताया कि मैं लंबे अर्से 2009 से किसान यूनियन का जिला अध्यक्ष था। मालूम हो कि सातनपुर मंडी में परसों से 50 किलो पर 3 किलो एवं 100 किलो पर 6 किलो मिट्टी के नाम पर आलू का काम भुगतान दिया जाता था।
किसानों को आढ़ती से 6 आर लेना चाहिए। कुछ आढती ही किसानों को तुरंत 6 आर की रसीद देते हैं कच्चे पर्चे का कोई महत्व नहीं है। यदि सोमवार से मिट्टी के नाम पर वजन की कटौती बंद हो जाएगी तो यह किसानों की बहुत बड़ी जीत होगी।