YBS ने नेपाल में धूमधाम से मनाया राम ग्राम बुद्ध महोत्सव

संकिसा फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) संकिसा यूथ बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया ने नेपाल में रामग्राम महोत्सव बड़ी धूमधाम हर्षोल्लास पूर्वक मनाया। जिसमें भारत के कई बुद्धिस्ट संगठनों के अलावा नेपाल के बौद्ध अनुयायियों ने भी भाग लिया। YBS के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश बौद्ध के नेतृत्व में बदायूं से भिक्षु सोमिल बदायूं से अधिवक्ता सौरात की टीम, दिल्ली से रामवीर की टीम, इटावा से बदन सिंह की टीम, कौशांबी से आर एन मौर्य की टीम, शाहजहांपुर से भंते आनंद की टीम, संकिसा से सुशील शाक्य मीडिया प्रभारी की टीम 3 जनवरी को संकिसा वाहनों के काफिले से नेपाल को रवाना हुई थी। जो विगत रात वापस लौटी।

यूथ बुद्ध समिति ऑफ़ इंडिया (YBS) ने नेपाल के जान पगसी स्थित रामग्राम तृतीय बुद्ध महोत्सव का आयोजन किया। रामग्राम महोत्सव के बाद स्तूप में YBS की समस्त भारत टीम ने पूजा वंदना करके कंबल वितरण किये साउथ कोरिया के मुख्य अतिथि भिक्षु हैजुंग सुनील जी की उपस्थिति में कार्यक्रम सकुशल संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता YBS के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश बौद्ध ने की। मालूम हो कि राम ग्राम स्तूप कोलिय राजाओं ने कुशीनगर से अपने हिस्से की बुद्ध के अवशेष लाकर बनवाया था। कालांतर में सम्राट अशोक ने बुद्ध के अवशेष को स्तूप से निकलवाने की कोशिश की थी।

कोलीय एवं नाग राजाओं के विरोध के कारण बुद्ध के अवशेष स्तूप से नही निकाले जा सके। इस समय भी प्राचीन स्तूप में बुद्ध के अवशेष मौजूद है। इसलिए यह स्तूप विश्व में सबसे पूज्यनीय एवं मूल स्तूप माना जाता है। यहां जाने के लिए सोनौली बॉर्डर से 20 किलोमीटर और लुंबिनी से लगभग 40 किलोमीटर पूर्व में है।यूथ बुद्ध समिति ऑफ़ इंडिया (YBS ) प्रतिवर्ष 5 जनवरी को राम ग्राम महोत्सव के रूप में बुद्ध के शारीरिक धातु के दर्शन करने हेतु भारत एवं नेपाल से लोगों को आमंत्रित करती है। इसी अवसर पर भव्य बुद्ध महोत्सव का आयोजन किया जाता है है।

5 जनवरी प्रातः 8 बजे से कोरियन बिहार से स्तूप के लिए धम्म यात्रा के रूप में प्रस्थान किया। 11 बजे तक स्तूप पर पाली चांटिंग ध्यान धर्म प्रवचन एवं स्तूप का ऐतिहासिक संबोधन अलग-अलग विद्वानों के द्वारा किया गया। दोपहर 2 बजे से कोरियन ट्रस्ट के द्वारा बनाए जा रहे शैक्षिक संस्थान में धर्म प्रवचन किया। रामग्राम स्तूप के मोमेंटो को यादगार के रूप में अतिथियों को सम्मानित किया गया। 6 जनवरी को ऐतिहासिक भ्रमण देवदह जहां सिद्धार्थ गौतम की ननिहाल है एवं कोली राजाओं की राजधानी है। रोहिणी नदी जो शाक्य और कोहली राज्य की सीमाओं का बंटवारा करती थी।

यहां प्रतिवर्ष जल बंटवारे को लेकर शाक्य और कोहली राजा के संघर्ष में सैकड़ो लोग मारे जाते थे। सकराहवा वह चर्चित स्थान है जहां विडूढव के अत्याचार से कई हजार शाक्यों का वध किया गया था। कपिलवस्तु जहां शाक्यों की राजधानी थी जहां सिद्धार्थ गौतम ने अपने बचपन से लेकर गृह त्याग तक का समय बिताया था। लुंबिनी में महामाया रानी ने साल वृक्ष के नीचे देवडा जाते वक्त सिद्धार्थ गौतम को जन्म दिया था आदि ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया गया।

विनिष्क्रमणप्रणवस्था तक बिताया था महावनिष्क्रमण किया था। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कोरियन महाविहार ट्रस्ट नेपाल, लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट नेपाल, परासी नगर महापालिका,IBC दिल्ली, माया देवी बुद्ध विहार एवं चैरिटेबल ट्रस्ट इटावा, एवं यूथ बुद्ध समिति ऑफ़ इंडिया (YBS) एवं एवं क्षेत्रीय नागरिकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यूथ बुद्ध समिति ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश बौद्ध ने यह जानकारी देते हुए रामग्राम तृतीय बुद्ध महोत्सव को सफल बनाने के लिए भारत एवं नेपाल के सभी मित्रों को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है।
(सुशील शाक्य की रिपोर्ट)