फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) पुलिस मुठभेड़ में गौकशी करने वाला अपराधी शकील घायल हो गया। बीती रात शमशाबाद थाना पुलिस वांछित अपराधियों को तलाश कर रही थी। थाना अध्यक्ष तरुण तरुण सिंह भदौरिया की टीम ने मध्य रात के समय नगला नान के निकट बाइक सवार पर दो संदिग्ध व्यक्तियों को जाते देखा। पुलिस ने बाइक सवारों को रुकने को कहा तो पुलिस को देखते ही बाइक सवारों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी।
पुलिस ने भी बचाव करते हुए जवाबी गोली चलाई पैर में गोली लगने से ग्राम समैचीपुर चितार निवासी 52 वर्षीय शकील पुत्र नबी आलम घायल हो गया। पुलिस ने शकील व उसके साथी रियाजुद्दीन को भी पकड़ लिया। जिनके पास से 2 तमंचे व कारतूस एवं खोखा बरामद हुए। पुलिस ने अभियुक्तों की बाइक को कब्जे में ले लिया। घायल शकील को शमशाबाद सीएचसी ले जाया गया वहां से शकील को लोहिया अस्पताल के लिए रेफर किया गया।
थानाध्यक्ष तरुण सिंह भदौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि शकील व रियाजुद्दीन गौकशी के मुकदमे में वांछित अपराधी है, जिन पर बीते दिन गाय काटने का आरोप है। शकील ने पूछताछ करने पर पुलिस को बताया कि मैनें व मेरे भाई बांके ने दिनांक 27 जून को तराई में चरती गाय को पकड लिया था। जिसे हमने समैचीपुर चितार गांव के पास एक खेत में काट दिया था। जिसके अवशेष वहीं पर रह गये थे।
जिसके सम्बन्ध में मुझे जानकारी हुई कि मेरे व मेरे भाई बांके के विरुद्ध थाने में मुकदमा पंजीकृत हो गया है। मैं अपने वकील साहब से बात करने अपने गांव के ही साथी रियाजुद्दीन के साथ फर्रुखाबाद गया था। वहां से मैं व रियाजुद्दीन मोटर साइकिल से अपने घर वापस आ रहे थे। जैसे ही हमें ग्राम नगला नान के पास अपनी मोटर साइकिल की लाइट की रोशनी में पुलिस की गाडी दिखायी दी तो हम दोनों भयभीत हो गये। मोटरसाइकिल वापस मोडने की कोशिश की तो हमारी मोटर साइकिल फिसल गई।
जब हमें लगा कि हम पकड़े जायेंगे तो मैंने पुलिस के ऊपर जान से मारने की नीयत से फायर कर दिया था। तब पुलिस ने मेरे ऊपर भी फायर किया और एक गोली मेरे दाहिनी पैर में लग गयी और मेरा तमंचा वहीं पर गिर गया था और पुलिस ने मुझे व कुछ देर बाद मेरे साथी रियाजुद्दीन को भी पकड़ लिया। रियाजुद्दीन ने पूछताछ करने पर बताया कि मेरे गांव के दूर के रिश्तेदार शकील व बांके ने 27 जून को तराई में चरती गाय को पकड़ ली। जिसे उन दोनों ने समैचीपुर चितार गांव के पास एक खेत में काट दिया था। जिसके कुछ अवशेष वहीं पर रह गये थे।