लाखों रुपये हड़पने वाले अनंतराम व राजेश शाक्य पर केस

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) बैनामा छीनकर लाखों रुपए हड़पने वाले बालू माफिया अनंतराम शाक्य व राजेश शाक्य आदि के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। थाना जहानगंज के ग्राम झंसी निवासी 46 वर्षीय इन्द्र प्रकाश पुत्र राजाराम ने अदालत के आदेश पर थाना मऊदरवाजा में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें ग्राम कुइयाबूंट ढिलावल निवासी राजेश शाक्य व उसके 70 वर्षीय पिता अनन्त राम शाक्य तथा तीन अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक रामू पुत्र राज बहादुर बाथम निवासी तिर्वा कोठी थाना कोतवाली फतेहगढ जमीनों की बिक्री की दलाली का काम करता है।

जिसने इंद्रपाल को पुरानी जान व पहचान के आधार पर बताया था कि ढिलावल गांव के अनन्तराम शाक्य की कृषि भूमि जो ढिलावल कायमगंज रोड पर स्थित है, बिक रही है। इंद्रपाल उसकी बात पर विश्वास करके उसके साथ आत्माराम की उक्त कृषि भूमि को देखने गया था। उक्त कृषि भूमि पर अनन्त राम शाक्य व उनका पुत्र राजेश मौजूद मिले थे। जिन्होंने इंद्रपाल को अपनी विक्रय की जाने बाली कृषि भूमि गाटा संख्या 19 मि0 को दिखाया था। इंद्रपाल के पूर्व के करीबी मिलने बाले अशोक कुमार पुत्र मांगीलाल तातेड़ निवासी 32 अम्बेनगर काला वाड़ रोड झोतवाड़ा जयपुर राजस्थान को फर्रुखाबाद में माल बनाने के लिये रोड के किनारे जमीन चाहिये थी।

इंद्रपाल ने उक्त जमीन के बारे में अशोक कुमार को बताया था और उन्होने मौके पर आकर उक्त कृषि भूमि को देखा था। इंद्रपाल व रामू के साथ उक्त जमीन के मालिक अनन्तराम शाक्य व उनके पुत्र राजेश से मुलाकात की थी। और दोनो पक्षों का उक्त कृषि भूमि का सौदा 1,30,00,000 रूपयों में तय हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक सौदा तय हो जाने के बाद अशोक कुमार ने अनन्त राम व उनके पुत्र राजेश को बतौर व्याना 50 लाख रूपये नकद इंद्रपाल व रामू दलाल के समक्ष दिया था और अतिशीघ्र उक्त भूमि का बैनामा कराने की बात करके चले गये थे।

कुछ समय के पश्चात उक्त अनन्तराम व उनके पुत्र राजेश ने इंद्रपाल व दलाल रामू को बुलाया और कहा कि मुझे 40 लाख रूपयों की अति आवश्यकता है मुझे अपनी पार्टी से दिलवा दीजिये। इंद्रपाल ने अशोक कुमार को बताया कि अनन्तराम व उनके पुत्र को 40 लाख रूपयों की आवश्यकता है उन्हें दे दे। उन्होंने दूसरे दिन ही अनन्त राम शाक्य व उनके पुत्र राजेश को 40 लाख रूपया इंद्रपाल व दलाल रामू के समक्ष दोबारा दे दिये। बैनामा की तिथि 21.2.2025 तय हो गयी। अशोक कुमार ने अनन्तराम शाक्य व उनके पुत्र राजेश से यह भी कहा था कि तहसील सदर में आप अपने वकील या बैनामा लेखक से यह बात तय करके मुझे बताये कि बैनामा में कितने रूपये का स्टाम्प शुल्क लगेगा व कितने रूपये की रसीद कटेगी।

जिस पर राजेश ने अगले दिन तहसील जाकर अपने बैनामा लेखक से पूछ कर इंद्रपाल को बताया कि 19,35,000 रूपये का स्टाम्प व रजिस्ट्रार आफिस की रसीद 2,76,000/- रूपये की लगेगी। यह रूपये आपको स्टाम्प वेडर के खाता में लगाने होंगे तथा रसीद के पैसे आपको लेखक को नकद देने पड़ेंगे। इंद्रपाल ने सारी बात अशोक कुमार को बताई और राजेश ने स्टाम्प वेंडर अरूणेश सक्सेना का बैंक खाता संख्या अशोक कुमार को दे दिया। अशोक कुमार ने 19.2.2025 को 20,00000 रूपये अपनी माता जी के एकाउन्ट से आरटीजीएस जिसका यूटीआर संख्या एच.डी. एफ. सी.आर. 52025021992025759 व 20 लाख रूपये स्वंय के एकाउन्ट से जरिये आरटीजीएस जिसका यूटीआर संख्या यूटीआईबीआर 52025021900357094 कुल 40 लाख रूपये अनन्त राम के बैंक खाता में स्थानान्तरित किये।

शेष मय कमीशन स्टाम्प 19,75,0000/- रूपया स्टाम्प वेंडर अरूणेश सक्सेना के बैंक एकाउन्ट में स्थानान्तरित किये। इंद्रपाल ने अनन्त राम व उनके पुत्र राजेश से पूछा कि रूपया तुम्हारे खाता में आ गया, तो वह कहने लगे कि आ गया है और स्टाम्प वेंडर के खाता में भी आ गया है। हम लोग कल 20.2.2025 को ही लिखा पढ़ी करा लेंगे तुम अशोक कुमार को दिनांक 21 फरवरी को तहसील सदर बुला लेना। 21 फरवरी को अशोक कुमार व दलाल रामू के साथ इंद्रपाल अनन्तराम शाक्य को लेकर बैनामा लेखक के यहां पहुंचे तो देखा कि बैनामा लिखा पढ़ी होकर तैयार है।

तभी राजेश ने इंद्रेश से कहा कि बैनामा की रसीद के 2,76,000 रूपये नकद दे दो तो रसीद कट जाये। जिस पर अशोक कुमार ने इंद्रपाल व दलाल रामू के सामने 2,76,000 रूपये नकद दिये। विक्रेता अनन्तराम ने व उनके पुत्र राजेश ने बतौर गवाह के रूप में बैनामा पर हस्ताक्षर व निशानी अंगूठा किये। बैनामा लेखक ने 2,76,000/- रूपयों की रजिस्ट्रार आफिस की बैनामा फीस की रसीद कटा ली। क्रेता अशोक कुमार व इंद्रपाल को बतौर गवाहन हस्ताक्षर करने हेतु वैनामा लेखक ने करीब 3.55 बजे सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अंदर जाकर स्टाम्प सहित बैनामा इंद्रपाल के हाथ में दिया।

तभी राजेश पुत्र अनन्तराम, व तीन व्यक्ति अज्ञात व्यक्तियों ने मां बहन की गालियां देते हुए इंद्रपाल के हाथ से जबरन बैनामा छीन लिया। इंद्रपाल के विरोध करने पर उक्त सभी लोगों ने इंद्रपाल व दलाल रामू तथा अशोक कुमार के साथ मारपीट की। यह कहते हुये सभी लोग बैनामा लेकर भाग गये कि मैंने किसी साले को कोई जमीन नहीं बेची है और न ही मैंने किसी साले से रूपया लिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि उक्त सभी लोगो ने योजनाबद्ध तरीके से उक्त घटना को अंजाम दिया है।

अशोक कुमार ने किसी प्रकार से अपने मोबाइल में स्टाम्प व रजिस्ट्रार आफिस की रसीद की फोटो खींच ली थी अन्यथा इंद्रपाल व अशोक कुमार के पास कोई साक्ष्य भी नहीं होता। मुकदमे की जांच उप निरीक्षक वीरेंद्र सिंह को सौंप गई है। इंद्रपाल ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बैनामा लेखक के नाम का खुलासा नहीं किया है।

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