फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) कंपिल स्थित तथागत बुद्ध सेवार्थ समिति के द्वारा त्रिविध बुद्ध पूर्णिमा धम्म समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया। क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर सुरभि ने मोमबत्तियां जलाकर बुद्ध समारोह का शुभारंभ किया। भंते नागसेन ने बुद्ध वंदना कराई। भंते नागसेन ने बुद्ध समारोह की अध्यक्षता की। बृजनंदन शाक्य ने निर्माणाधीन बुद्ध विहार के शीघ्र ही भव्य रूप से बन जाने की कामना करते हुए कहा कि पहले लोग बुद्ध के बारे में नहीं जानते थे।
तथागत संभ्रान्त नागरिक सामाजिक संगठन कायमगंज के नगर अध्यक्ष शिवकुमार शाक्य ने बेहतर ढंग से कार्यक्रम कराने के लिए आयोजको धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी लोगों को मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए जिससे किसी को पीड़ा न हो। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि हमारे समाज के वंशज बलवान राजा अशोक को ही चक्रवर्ती सम्राट होने का खिताब मिला है। उन्होंने समाज एवं संगठन में फूट डालने वालों से सावधान रहने को कहा।
समाजसेवी नंदराम शाक्य ने कहा कि बुद्ध विहार की सक्रिय कमेटी बौद्ध धर्म को आगे तक ले जाएगी। उन्होंने बुद्ध विहार के लिए भूमि दान देने वाले प्रेमचंद शाक्य को धन्यवाद देते हुए कहा की बुद्ध विहार को पौधों एवं फूलों से सजाया जाए। तथागत संभ्रान्त नागरिक सामाजिक संगठन के जिला अध्यक्ष शिवकुमार शाक्य ने बौद्ध धर्म पर प्रकाश डालते हुए समाज को संगठित होने का आवाहन किया। उन्होंने प्रोफेसर शैतान सिंह की याद दिलाने वाले उनके पुत्र अविनाश शाक्य के धाराप्रवाह भाषण देने की प्रशंसा की।
मुख्य वक्ता अवनीश शाक्य ने भगवान बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए विस्तार से समझाया कि जब गौतम बुद्ध ने जन्म लिया था उसे समय समाज में कुरीतियों के साथ ही जात पात मानवों के साथ अत्याचार छुआछूत का साम्राज्य था। जब गौतम बुद्ध ने इस दुर्दशा को दिखा तो उन्हें पशु पक्षियों से भी प्यार हो गया था। उन्होंने समान अधिकार के लिए आंदोलन चलाया। श्री शाक्य ने दावा किया कि भगवान बुद्ध बुद्धिस्ट नहीं थे। उन्होंने ही बुद्ध धर्म की क्या पहचान मानव मानव एक समान का नारा दिया था।
जीव जंतुओं को भी अधिकार दिए जाने का प्रचार किया था। बौद्ध धर्म का विश्व के 56 देश में प्रचार हुआ समाज के संगठित होने के कारण ही सम्राट अशोक ने अखंड भारत का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि जैन समाज के लोगों ने अहिंसा परमो धर्म का नारा दिया है। लेकिन यह नारा बौद्ध धर्म पर लागू नहीं होता है भगवान बुद्ध ने हिंसा से दूर रहने एवं जरूरत पड़ने पर हिंसा का प्रयोग करने की भी सलाह दी थी। डॉ अंबेडकर ने बुद्ध की नीतियों से प्रेरित होकर बौद्ध धर्म को अपनाया और बनाए गए कानून में सभी को बराबरी का अधिकार दिया।
भाजपा के युवा नेता श्री शाक्य ने दावा किया कि भगवान बुद्ध के विचारों को मानने वाला व्यक्ति ही अखंड भारत का निर्माण करेगा। मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक डॉ सुरभि ने आयोजन अमित शाक्य एडवोकेट पूर्व प्रधान बाबूराम शाक्य कैलाश शाक्य एवं नंदराम शाक्य के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पंचशील ध्वज के रंगों में ही मानवता की शांति का संदेश छिपा है। यदि लोग पंचशील का पालन करने लगे तो 90% समस्याओं का समाधान हो जाएगा। डॉ सुरभि ने दुख जताते हुए कहा कि लोगों को मैं होने का अहम हो गया है जबकि बुद्ध ने सदैव हम होने की बात कही है।
उन्होंने डॉ अंबेडकर का गुणगान करते हुए कि यदि अंबेडकर बुद्ध के अनुयाई नहीं होते तो आज हम लोग यहां नहीं बैठे होते। हम लोग काम के आधार पर जात बनाने वालों के मकडजाल में फंस गए हैं। विधायक डॉक्टर सुरभि ने गलत काम न करने का दावा करते हुए कहा कि हम किसी से नहीं डरते उन्होंने आरोप लगाया कि नेताओं ने ही समाज को वापस में बांट दिया है। उन्होंने बहुत गर्मी होने की जानकारी देते हुए कहा कि मैं स्वयं को बौद्ध के रूप में पुकारे जाने पर प्रशंसा जाहिर करते हुए वादा किया कि वह आयोजन समिति एवं बुद्ध विहार के निर्माण कार्य में सहयोग करेंगी।
कार्यक्रम का संचालन करने वाले समिति के संरक्षक अमित शाक्य एडवोकेट ने हाईमैक्स लाइट लगवाने के लिए विधायक को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम उन सभी लोगों को युवा मानते हैं जो गलत बातों का खुलकर विरोध करते हैं। समापन अवसर पर भंते नागसेन ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश में अवकाश घोषित करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्णय की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी। इससे पूर्व मुख्य अतिथि विधायक डाक्टर सुरभि मुख्य वक्ता अवनीश शाक्य, वक्ता शिवकुमार शाक्य एवं भंते नागसेन को पंचशील की पगड़ी पहनकर एवं अशोक स्तंभ भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष सभासद महेश चंद्र शाक्य तथागत संभ्रान्त नागरिक सामाजिक संगठन के महामंत्री रामवीर शाक्य, कोषाध्यक्ष राधेश्याम शाक्य उपाध्यक्ष महावीर शाक्य मीडिया प्रभारी आनंद भान शाक्य आदि लोग मौजूद रहे।