मुकेश व राना के दावे की जांच: खुलेगी राजस्व कर्मियों की पोल

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) कल 28 अगस्त को न्यायिक अधिकारियों की मौजूदगी में सांसद मुकेश राजपूत व मौरम व्यापारी राना सरकार के विवादित नाले की पैमाइश की जाएगी। पैमाइश के बाद यह तय हो जाएगा की राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने नाले की पैमाई सही की थी या गलत। यदि पैमाइश गलत हुई तो राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।

व्यापारी विक्रांत सिंह उर्फ राना ने बताया की हाईकोर्ट में की गई जनहित याचिका में न्यायाधीश ने 25 अगस्त को पैमाइश करने का महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। जिसके तहत न्यायिक अधिकारी की देखरेख में राजस्व विभाग वीपीडब्ल्यूडी के कर्मचारी नाले की पैमाइश करेंगे। इस दौरान डीएम एसपी पीडब्लूडी के अभियंता मौजूद रहेंगे। शांति व्यवस्था के लिए थाना मऊ दरवाजा का पुलिस फोर्स लगाया गया है।

उच्च न्यायालय इलाहाबाद में
जनहित याचिका (पीआईएल) संख्या 527/2025
मधुबाला सिंह
…..याचिकाकर्ता(ओं)
बनाम
उत्तर प्रदेश राज्य और 4 अन्य
…..प्रतिवादी(ओं)
याचिकाकर्ता(ओं) के वकील
: Lavkush Kumar Bhatt
प्रतिवादी(ओं) के वकील
सी.एस.सी., हरि नारायण सिंह
कोर्ट नं.-49

*माननीय जे.जे. मुनीर, जे*

1. पुलिस अधीक्षक, फर्रुखाबाद को आज ही रिट याचिका में पक्षकार के रूप में पक्षकार बनाया जाए।

2. पक्षों के बीच इस बात पर तीव्र विवाद है कि क्या इस न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में निर्मित नाली, गाटा संख्या 915 में बनाई गई है या याचिकाकर्ता की भूमि पर, जो उसके अनुसार, प्लॉट संख्या 916 में शामिल है। प्रत्युत्तर हलफनामे के पैराग्राफ संख्या 11 में, यह भी कहा गया है कि राजस्व टीम ने गाटा संख्या 915 के बजाय याचिकाकर्ता की भूमि में नाली खोदी, जबकि पुलिस स्टेशन मऊदरवाजा, जिला फर्रुखाबाद की पुलिस ने याचिकाकर्ता को हिरासत में ले लिया और उसे मेडिकल कॉलेज चौकी में अवैध रूप से हिरासत में रखा।
3. उपरोक्त मनमानी के अलावा, याचिकाकर्ता ने एक पूरक हलफनामा दायर किया है जिसमें बहुत कम दलीलें दी गई हैं, लेकिन पैराग्राफ संख्या 2 में कहा गया है कि याचिकाकर्ता का पति न तो उस ट्रक का मालिक है और न ही उससे संबंधित है जिसके बारे में यूथ इंडिया, हिंदी दैनिक में खबर छपी है कि याचिकाकर्ता का पति राणा सरकार एक ‘खनन माफिया’ है और उसके अड्डे पर छापा मारा गया था। उस छापेमारी का श्रेय ज़िला मजिस्ट्रेट को दिया गया है जिसके बारे में याचिकाकर्ता के पति से संबंधित खबरें प्रकाशित हुई हैं।

4. याचिकाकर्ता का कहना है कि ये सभी दबाव की रणनीतियां हैं जो याचिकाकर्ता और उसके पति पर इस जनहित याचिका को आगे बढ़ाने से पीछे हटने के लिए दबाव डालने के लिए लाई गई हैं।

विधर्मी पागल है

याचिकाकर्ता और उसके पति पर उसे वापस जाने के लिए मजबूर करने के लिए लाया गया

इस पी.एल.एल. को आगे बढ़ाते हुए

5. इस जनहित याचिका में मुख्य मुद्दा प्लॉट संख्या 915 की पहचान और स्थान के बारे में है जहाँ एक नाले का जीर्णोद्धार किया जाना था और यह भी कि क्या प्रतिवादियों ने प्लॉट संख्या 915 में या याचिकाकर्ता की प्लॉट संख्या 916 वाली ज़मीन पर या किसी अन्य नंबर पर नाले का जीर्णोद्धार किया है। दलील की स्थिति के बारे में एकमात्र आश्वासन यह है कि नाला प्लॉट संख्या 915 में स्थित है।

6. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद को दिनांक 28.08.2025 को न्यायालय समय के बाद ग्राम ढिलावल (पहाड़ा), तहसील और जिला फर्रुखाबाद में प्लॉट संख्या 915 के स्थल का निरीक्षण करने के लिए एक आयोग जारी किया जाए।

7. इस प्रयोजन के लिए, विद्वान जिला न्यायाधीश, फर्रुखाबाद तीन निश्चित बिंदु विधि का उपयोग करके विवाद सर्वेक्षण में प्रशिक्षित एक सर्वेक्षण अमीन की सेवाएं प्रदान करते हैं।

8. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद, गांव के नक्शे और अंतिम चकबंदी अभिलेखों के अनुसार तीन स्थिर बिंदु विधि के अतिरिक्त, टोटल स्टेशन विधि का उपयोग करके उपरोक्त भूखंडों की पहचान भी कराएंगे, जो दोनों उन्हें कलेक्टर, फर्रुखाबाद द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। टोटल स्टेशन विधि का उपयोग करते हुए संबंधित भूमि के निरीक्षण के प्रयोजन के लिए, अधिशासी अभियंता (सिविल)। फर्रुखाबाद को टोटल स्टेशन विधि का उपयोग करके भूमि सर्वेक्षण करने में प्रशिक्षित एक तकनीकी व्यक्ति उपलब्ध कराने का आदेश दिया जाता है। उन्हें यह भी आदेश दिया जाता है कि वे प्रतिनियुक्त व्यक्ति को उक्त विधि का उपयोग करके भूमि का सर्वेक्षण करने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करें। भूमि की पहचान, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद की उपस्थिति में, सर्वेक्षण अमीन और अधिशासी अभियंता (सिविल) द्वारा प्रदान किए गए तकनीकी व्यक्ति दोनों द्वारा की जाएगी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद, याचिकाकर्ता के प्लॉट की उचित पहचान और उसके प्लॉट नंबर की पुष्टि के बाद, यह रिपोर्ट देंगे कि नाला प्लॉट संख्या 915 में बना है/पुनर्स्थापित किया गया है या याचिकाकर्ता के प्लॉट में। यह तथ्य विद्वान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में विशेष रूप से शामिल होगा।

9. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद अपने निरीक्षण की कार्यवाही, तथा निरीक्षण के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम फोटोग्राफ सहित, दिनांक 08.09.2025 से पूर्व इस न्यायालय में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। निरीक्षण की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी तथा उसे पेन ड्राइव में रिपोर्ट के साथ संलग्न किया जाएगा

10. फर्रुखाबाद के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया गया है कि वह दीनियोल मैजिस्ट्रेटा गुरुमुखबोध नोलियन उपलब्ध करायें।

10. पुलिस अधीक्षक, फर्रुखाबाद को आदेश दिया जाता है कि वे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद को उनके आदेश के क्रियान्वयन हेतु पर्याप्त संख्या में पुलिस बल उपलब्ध कराएँ। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद को उनके आदेश के क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करने वाला समस्त स्टाफ, जिसमें पुलिस कर्मियों सहित सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद के आदेशों के अधीन कार्य करेंगे। निरीक्षण के दौरान, याचिकाकर्ता और जिला मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद, यदि वे चाहें, तो मौके पर उपस्थित रह सकते हैं।

11. याचिकाकर्ता को निर्देश दिया जाता है कि वह 48 घंटे के भीतर विद्वान महापंजीयक के पास 20,000/- रुपये जमा कराए, जिसे महापंजीयक द्वारा अधिशासी अभियंता (सिविल), फर्रुखाबाद के खाते में भेजा जाएगा ताकि टोटल स्टेशन पद्धति से निरीक्षण का खर्च वहन किया जा सके, जिसके बारे में इस न्यायालय को सूचित किया गया है कि यह निजी एजेंसियों के माध्यम से किया जाता है। आयोग के खर्च अधिशासी अभियंता (सिविल) द्वारा विद्वान महापंजीयक को प्रस्तुत किए जाएंगे। यदि कोई अप्रयुक्त निधि है, तो उसे अधिशासी अभियंता (सिविल) द्वारा विद्वान महापंजीयक के खाते में भेजा जाएगा, जो उसे याचिकाकर्ता को भेज देंगे। यदि कोई कमी है, तो याचिकाकर्ता उसे विद्वान महापंजीयक के पास जमा करेगा।

12. जिला न्यायाधीश, फर्रुखाबाद का यह कर्तव्य होगा कि वे यह सुनिश्चित करें कि अधिशासी अभियंता (सिविल), फर्रुखाबाद और पुलिस अधीक्षक, फर्रुखाबाद को जारी किए गए आवश्यक निर्देशों का अनुपालन त्रुटिरहित ढंग से किया जाए।

13. पुलिस अधीक्षक, फर्रुखाबाद को नोटिस जारी कर अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा जाए, जिसमें जिला अपराध अभिलेख ब्यूरो जैसे अभिलेखों के आधार पर यह दर्शाया जाए कि क्या विक्रांत सिंह राणा पुत्र स्वर्गीय राजेंद्र सिंह निवासी पचल घाट चौराहा, थाना कादरीगेट, जिला फर्रुखाबाद के विरुद्ध इस पी.एल.एल. के गठन की तिथि, अर्थात् 06.03.2025 से पहले किसी भी थाने में कोई आपराधिक मामला दर्ज था और यदि कोई मामला दर्ज हुआ था, तो उसका विवरण भी दिया जाए। उक्त हलफनामा अगली निर्धारित तिथि तक दाखिल किया जाए।

14. 08.09.2025 को दोपहर 2:00 बजे सूची।

15. इस आदेश की एक प्रति कार्यालय द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद को 24 घंटे के अन्दर भेजी जाए।

16. रजिस्ट्रार (अनुपालन) को निर्देश दिया जाता है कि वह इस आदेश को विद्वान जिला न्यायाधीश, फर्रुखाबाद, तथा जिला मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद, पुलिस अधीक्षक, फर्रुखाबाद, तथा अधिशासी अभियंता (सिविल), फर्रुखाबाद को, सभी को विद्वान जिला न्यायाधीश, फर्रुखाबाद के माध्यम से 24 घंटे के भीतर संप्रेषित करें।

16. रजिस्ट्रार (अनुपालन) को निर्देश दिया जाता है कि वह इस आदेश को विद्वान जिला न्यायाधीश, फर्रुखाबाद, तथा जिला मजिस्ट्रेट, फर्रुखाबाद, पुलिस अधीक्षक, फर्रुखाबाद, तथा अधिशासी अभियंता (सिविल), फर्रुखाबाद को, सभी को विद्वान जिला न्यायाधीश, फर्रुखाबाद के माध्यम से 24 घंटे के भीतर सूचित करें।

25 अगस्त, 2025

(जे.जे. मुनीर, जे.)
इलाहाबाद उच्च न्यायालय

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