हाईकोर्ट के आदेश पर नाले की पैमाइश: राना की जमीन कम निकली

फर्रुखाबाद।(एफबीडी न्यूज़) हाई कोर्ट के आदेश पर प्रशासनिक अधिकारियों एवं न्यायिक अधिकारी ने आज नाला बघार स्थित सांसद मुकेश राजपूत एवं व्यापारी विक्रांत उर्फ राना सरकार के विवादित नाले की पैमाइश करवाई। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, एसडीएम सदर रजनीकांत, सीओ सिटी ऐश्वर्या उपाध्याय, मऊदरवाजा थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह, महिला थानाध्यक्ष रक्षा सिंह काफी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे।

न्यायपालिका के अमीन शिवम पांडे ने न्याय विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से लाल बघार जाने वाले गढ़िया रोड के दोनों ओर दोपहर से सायं देर शाम तक पैमाइश की। पैमाइश में सहयोग करने के लिए कार्यवाहक तहसीलदार सनी कनौजिया, कानून गो कुलदीप शुक्ला, अजीत द्विवेदी, जबर सिंह लेखपाल अनिल वर्मा, संजीव दुबे आदि कर्मचारी साथ में रहे। पैमाइश के दौरान जनहित याचिका दायर करने वाली श्रीमती मधुबाला सिंह, मौरम व्यापारी विक्रांत सिंह उर्फ राना सरकार, सांसद मुकेश राजपूत के भतीजे राहुल राजपूत, सतीश राजपूत, लोधी समाज के जिलाध्यक्ष परसोत्तम वर्मा, अधिवक्ता प्रवीन सक्सेना आदि लोग मौजूद रहे।

जरीब से की गई पैमाइश के दौरान सिहद्दों से नाप की गई इस दौरान डंडे में लाल झंडी भी लगाई गई। लखनऊ की टीम ने डीजीपीएस की तकनीक से पैमाइश में सहयोग कर पैमाइश की गई जमीन को चिन्हित करते हुए नक्सा वनाया।
ग्राम गढ़िया निवासी कठेरिया समाज के राजकुमार की पत्नी श्रीमती रूबी, रमेश की पत्नी श्रीमती अनीता, सैडू की पत्नी श्रीमती सरिता एवं राजू की पत्नी श्रीमती पूजा नाला बघार स्थित राना के अड्डे पर पहुंची।

महिला थाना अध्यक्ष रक्षा सिंह ने यह कहकर महिलाओं को वापस लौटा दिया कि तुम्हारी यहां सुनवाई नहीं हो पाएगी अधिकारियों के पास जाकर शिकायत करना। महिलाओं ने एफबीडी न्यूज को बताया की राना मेरे बाबा व ससुर की जमीन पर कई वर्षों से जबरन कब्जा किए हैं।


व्यापारी विक्रांत सिंह उर्फ राना ने एफबीडी न्यूज़ को बताया कि शाम 7.30 बजे तक पैमाइश हुई है। पैमाइश की रिपोर्ट हाई कोर्ट अदालत में दाखिल की जाएगी। अदालत में सुनवाई के लिए 4 सितंबर की तारीख तय है। उन्होंने बताया की हाईवे की पुलिया के पास राजस्व रिकॉर्डमें मेरे खेत की चौड़ाई 96 फीट है।

आज की पैमाइश में 40 फुट चौड़ा नाला मेरे खेत में निकला है। नाले की पूर्वी ओर सांसद मुकेश राजपूत के खेत में मेरी 40 फुट जमीन निकली है। नाला सहित 80 फुट जमीन पर कब्जे के कारण मेरी करीब एक बीघा जमीन कम है। अदालत के आदेश पर मेरी पूरी जमीन हो जाएगी और रानी अवंती बाई की मूर्ति लगाने का रास्ता साफ हो जाएगा।

चर्चा है कि जनपद के इतिहास में पहली बार हाई कोर्ट के आदेश पर न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने कई घंटों मौके पर रहकर पैमाइश कराई है।

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