न्याय के बजाय पीड़िता पर कार्रवाई: पुलिसिया खेल

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) नारी सशक्तिकरण का दावा करने वाली योगी सरकार की पुलिस ने पीड़ित महिला को न्याय न दिलाकर मुकदमें बाजी की झंझट में फंसा दिया है। थाना कादरी गेट के मोहल्ला कछियाना निवासी गौरव कुशवाहा की पत्नी श्रीमती दीक्षा का बीते वर्षों पूर्व प्रधानमंत्री आवास मंजूर हुआ। जब दीक्षा ने मकान का निर्माण कार्य शुरू किया तो पड़ोसियों ने उसे मोहल्ले से भगाने के लिए उसके दरवाजे के सामने दीवार खड़ी कर बाधा उत्पन्न कर दी।

जिससे उसका मकान न बन सके और वह विरोधियों को ही मकान बेचकर चली जाए। दीक्षा ने अवैध रूप से दीवार उठाकर प्रताड़ित करने वाले पड़ोसी गौरव वर्मा उर्फ झंगडी, प्रदीप वर्मा आदि के विरुद्ध डीम से लेकर आला अधिकारियों से शिकायतें की। पुलिस ने दीवार को गलत बताया लेकिन दीवार हटवाने का प्रयास नहीं किया। नगर पालिका के ईओ ने सर्व नायब तहसीलदार को 27 अगस्त 24 को पत्र पत्र भेजकर कार्रवाई करने को कहा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके कारण प्रधानमंत्री योजना के तहत मकान का पूर्ण निर्माण नहीं हो पा रहा है।

पीड़ित महिला को न्याय न दिलाने दिला पाने वाली कादरी गेट चौकी पुलिस ने अपनी बचत के लिए सिटी मजिस्टेट को रिपोर्ट भेजी कि श्रीमती दीक्षा एवं गौरव वर्मा कभी भी झगड़ा करके शांति भंग कर सकते हैं। सिटी मजिस्टेट ने दोनों पक्षों को नोटिस भेज कर 15 सितंबर को अदालत में उपस्थित होकर जवाब देने को कहा है कि उनको क्यों न एक वर्ष तक 1-1 लाख की दो जमानतों एवं इसी धनराशि के मुचलके दाखिल कराया जाए।

पीड़ित दीक्षा ने बताया पुलिस की यह कार्रवाई न्याय नही है मैं 3 साल से दौड़ रही हूं। बहुत जल्द ही मैं मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाकर न्याय मांगकर दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कारवाई किए जाने की फरियाद करूंगी।
देखा जाए तो पुलिस ने झगड़ा निपटने के बजाय पीड़िता को मुकदमे बाजी की रंजिश में फंसा दिया है। ऐसे कामचोर पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध आला अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए।
(मुन्ना गुप्ता की रिपोर्ट)

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