फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) गलत इंजेक्शन लगाए जाने से प्रसूता मोहनी देवी की मौत हो जाने पर परिजनों ने हंगामा मचाया। पहली संतान युवती की मौत हो जाने से परिवार में मातम छा गया। मोहनी कोतवाली कायमगंज के ग्राम कुबेरपुर निवासी हंसराज जाटव की 22 वर्षीय पत्नी थी। मोहनी पहली बार गर्भवती हुई थी गांव की आशा शहनाज मोहनी को बीते दिन सीएससी कायमगंज ले गयी।
वहां कमीशन बाजी के चक्कर में नर्सो ने शहनाज से कहा कि तुम इसे मोहल्ला फुलगालिव के अनुपम हॉस्पिटल ले जाओ वहां इसकी सही ढंग से डिलीवरी हो जाएगी। शहनाज ने मोहनी को अनुपम हॉस्पिटल पहुंचाया अनुपम हॉस्पिटल वालों ने 30 हजार रुपए डिलीवरी का खर्चा बताया। हंसराज ने तुरंत ही 10 हजार जमा कर दिए और 20 हजार इंतजाम कर लाया।
अस्पताल वालों ने हंसराज से 2 हजार भाडा लेकर मोहनी को एंबुलेंस से फर्रुखाबाद के मसेनी चौराहा स्थित प्राइवेट अस्पताल भिजवाया। वहां अस्पताल वालों ने हंसराज से 12 हजार रुपए जमा कराएं। करीब एक घंटे बाद मरीज को अस्पताल के पिछले गेट से बाहर निकाल कर रखवा दिया और परिजनों से कहा गया कि इसे अन्य किसी अस्पताल ले जाओ। परिजनों ने जब मोहनी को चेक किया तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।
परिजनों ने गलत इंजेक्शन लगाकर मरीज को मार डालने का आरोप लगाकर हंगामा मचाया। परिजन आज सुबह प्राइवेट वाहन से मृतिका को वापस अनुपम हॉस्पिटल ले गये। अस्पताल के डॉक्टर ने मरीज की मौत हो जाने के मामले में मौन धारण कर लिया। सूचना मिलने पर क्राइम इंस्पेक्टर संतोष कुमार उप निरीक्षक शिव कुमार ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। बताया जाता है कि कोतवाली का एक दरोगा अस्पताल के भवन में किराए पर रहता है।
उसी ने पुलिसिया दबाव से मामले को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित परिवार पर दबाव बनाया। पुलिस ने मृतका के शव का पंचनामा भरने की कार्रवाई शुरू कर दी। है परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर हजारों रुपए हड़प लिये और गलत इंजेक्शन लगाकर मोहनी को मार डाला है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी से सीएचसी की उन् नर्सों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की गई जिन्होंने प्रसूता की अस्पताल में डिलीवरी नहीं कराई। दलाली के चक्कर में मरीज को मरने के लिए प्राइवेट अस्पताल भिजवा दिया।