डीएम से शिकायत: नगर मजिस्ट्रेट अधिशासी अधिकारी एवं पालिकाध्यक्ष शहर को बना रहे हैं श्मशान

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) भाजपा नेता अधिवक्ता एवं व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि नगर मजिस्ट्रेट, अधिशासी अधिकारी एवं पालिका अध्यक्ष आपसी दुरभि संघि के द्वारा निजी निहितार्थ कार्य कर शहर को श्मशान बना रहे हैं। समाजसेवी लक्ष्मण सिंह एडवोकेट, भाजपा नेता शिवांग रस्तोगी, सौरभ शुक्ला आदि व्यापारियों ने जिला अधिकारी को 4 सूत्रीय मांग पत्र दिया है।

डीएम को अवगत कराया गया कि शहर फर्रुखाबाद फतेहगढ़ में जिला प्रशासन के द्वारा गैरकानूनी ढंग से आम जनता एवं व्यापारियों को बगैर विश्वास में लिए बुलडोजर से आवासीय व व्यवसायिक भवनों के ध्वस्तीकरण का अभियान मनमाने एवं भेदभावपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है।

नियत प्राधिकारी एवं नगर मजिस्ट्रेट श्रीमती दीपाली भार्गव द्वारा महायोजना 2022 के लिए मांगी गई आपत्तियों के निस्तारण से पूर्व आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर फर्रुखाबाद की आवाम के विरुद्ध व उत्पीड़नात्मक अभिधिक कृत्य किया गया है। नगर में विकास एवं सुंदरीकरण के नाम पर नगर मजिस्ट्रेट पालिका के अधिशासी अधिकारी एवं चेयरमैन न आपसी दूरभिसंधि के द्वारा निजी निहितार्थ कार्य कर शहर को श्मशान बनाया जा रहा है।

जिला प्रशासन ने अभी तक विकास की परियोजना में निहित कार्य, उसकी लागत एवं कार्य को करने वाले कांटेक्टर के विवरण से संबंधित डिस्प्ले बोर्ड अभी तक सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगाए हैं। सूचना के अधिकार कानून के माध्यम से मांगी गई जानकारी भी नहीं दी जा रही है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि नगर मजिस्ट्रेट द्वारा रेलवे रोड को मॉडल रोड बनाए जाने के आश्वासन देने के क्रम में रेलवे रोड पर नाला निर्माण के विपरीत मात्र 9 इंच की नाली का अमानक एवं घटिया निर्माण किया जा रहा है।

जिसमें आगामी समय में सड़क पर जलभराव की परेशानी से पूरे रेलवे रोड का व्यापारी एवं जनता परेशानी का सामना करेगी। जिलाधिकारी से 4 सूत्रीय मांग की गई है। शहर में विकास एवं सुंदरीकरण की परियोजना में निहित कार्य उसकी लागत में संबंधित समस्त सूचनाएं शहर के मुख्य स्थानों पर होडिंग व डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से आम जनता के सूचनार्थ प्रदर्शित की जाए। किस योजना के तहत शहर में बुलडोजर अभियान चलाया जा रहा है।

जिला प्रशासन के द्वारा इस तथ्य को सार्वजनिक किया जाए। लगभग 200 वर्ष पुराने शहर के मार्गों को 1981 में आए मास्टर प्लान में मात्र इसलिए बढ़ाया नहीं जा सका था क्योंकि नगर पालिका की नाली की सरहद के दूसरी तरफ की जमीन व्यापारियों व आम जनता के मालिकाना हक एवं कब्जे में थी। उस जमीन को अधिग्रहण करने का पर्याप्त बजट प्रशासन के पास नहीं था। जिस कारण जमीन अधिग्रहण न हो पाने की स्थिति में मास्टर प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

यदि जिला प्रशासन के पास व्यापारियों व आम जनता की जमीन अधिग्रहण किए जाने के प्रपत्र हैं तो उसे सार्वजनिक किया जाए। रेलवे रोड मे पूर्णत विकास एवं सुंदरीकरण कराने के पश्चात सभी व्यापारी भाइयों को विश्वास में लेने के पश्चात ही अन्य किसी स्थान पर अतिक्रमण हटाया जाए। शहर में अचानक अतिक्रमण अभियान जिलाधिकारी के निर्देश पर ही चल रहा है नगर मजिस्ट्रेट की मनमर्जी से नहीं।

यदि नगर मजिस्ट्रेट मनमानी कर रही होती तो अभी तक अनेकों शिकायतों के बावजूद उनकी कार्यवाही पर अंकुश लग जाता लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में जिलाधिकारी को ही शिकायती पत्र देने से समस्या का समाधान न होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस कार्य को भाजपा नेता, व्यापारी एवं आम जनता गलत बता रही है उस कार्य की ओर अभी तक सांसद विधायक ने कोई प्रतिक्रिया तक नहीं व्यक्त की है।

समस्या के समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों पर ही दबाव बनाए जाने पर न्याय मिलने की संभावना व्यक्त की गई है।

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