आईजीआरएस की जांच में लापरवाही गंभीर अपराध: डीएम का कथन

फर्रूखाबाद (एफबीडी न्यूज) 29 दिसंबर। जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने आईजी आरएस शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा में अधिकारियों को चेतावनी दी, कि जांच में लापरवाही को अपराध माना जाएगा। बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में डीएम ने IGRS संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर विशेष जोर देते हुए निर्देश दिए कि निस्तारण आख्या में आवश्यक साक्ष्य अनिवार्य रूप से अपलोड किए जाएं। साक्ष्य के रूप में शिकायतकर्ता से संपर्क, स्थलीय निरीक्षण, तथा शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति में दो पड़ोसियों के बयान सहित आख्या अपलोड की जाये। जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ताओं से संपर्क न करने वाले अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आवेदकों से संवाद न किया जाना अनुशासनहीनता ही नहीं, बल्कि गंभीर अपराध है।

उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि शत-प्रतिशत शिकायतकर्ताओं से अनिवार्य रूप से वार्ता की जाए। आवेदकों से संवाद न करने वाले सीडीपीओ शमसाबाद, प्रबंधक दुग्ध विकास, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद फर्रुखाबाद, खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज, अधिशासी अभियंता जल निगम ग्रामीण, अधिशासी अभियंता विद्युत, सहकारिता विभाग, सीएचसी नवाबगंज, सीएमओ एवं बीईओ नवाबगंज को विशेष रूप से निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि सभी अधिकारी प्रतिदिन कार्यालय पहुंचकर सर्वप्रथम IGRS पोर्टल की समीक्षा करें तथा शिकायतों का निस्तारण स्वयं की निगरानी में कराना सुनिश्चित करें। प्रत्येक शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की जाए। यदि कोई संदर्भ संबंधित अधिकारी से संबद्ध नहीं है, तो उसे उसी दिन अथवा अगले दिन अनिवार्य रूप से वापस किया जाए।

उन्होंने कहा कि डिफाल्टर होने से कम से कम 5 दिन पूर्व IGRS पोर्टल पर गुणवत्तापूर्ण एवं सुस्पष्ट निस्तारण आख्या अपलोड की जाए। जिन अधिकारियों की लापरवाही से डिफाल्टर संदर्भ बनेंगे या जनपद की रैंकिंग प्रभावित होगी, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।IGRSशिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, पीडी डीआरडीए, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), एसडीएम सदर, सीओ सिटी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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