संकिसा फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) विश्व प्रसिद्ध संकिसा में 8 व 9 अक्टूबर को आयोजित बौद्ध महोत्सव पूर्व समझौते के तहत ही होगा। इस दौरान बौद्ध व सनातनियों को कोई राहत नहीं मिली। कायमगंज के सीओ सोहराब आलम ने आज थाना मेरापुर में बौद्धौं एवं सनातन धर्मियों के साथ बैठक की। बैठक में तय किया गया कि बार भी बौद्ध महोत्सव वर्ष 2019 में हुए समझौते समझौते के तहत ही होगा।
सीओ ने बौद्ध महोत्सव के संयोजक कर्मवीर शाक्य से बौद्ध स्तूप परिसर के पास बैरिकेडिंग कराए जाने को कहा। कर्मवीर ने बैरिकेडिंग कराए जाने से साफ मना करते हुए कहा कि बैरिकेडिंग प्रशासन करवाता है। तब सीओ ने कहा कि वह किसी भी तरह बैरिकेडिंग कराएंगे। सीओ ने स्तूप पूजन के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या एवं उनके नामों के के बारे में जानकारी मांगी।
कर्मवीर शाक्य ने बताया की करीब 5 हजार श्रद्धालु मौजूद रहते हैं श्रद्धालुओं के बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं है। संकिसा भिक्षु संघ के अध्यक्ष डॉक्टर रामपाल थैरो ने स्तूप पूजन के लिए निर्धारित सुबह 10.30 बजे का समय बढ़ाने को कहा। तभी मां विषारी देवी समित के अध्यक्ष अतुल दीक्षित ने भी विषारी देवी मंदिर में पूजन के लिए स्तूप पूजन से पहले सुबह समय देने को कहा। श्री दीक्षित ने कहा कि स्तूप पूजन में विलंब होने के कारण वह लोग इस स्तूप परिसर से दूर इंतजार में खड़े रहते हैं।
सीओ ने दोनों पक्षों के प्रस्तावों को खारिज करते हुए कहा कि कार्यक्रम में कोई संशोधन नहीं होगा। अतुल दीक्षित ने शिकायत की कि अब बौद्ध धर्मी स्तूप पूजन के दौरान माइक का भी प्रयोग करते हैं जबकि पहले माइक का प्रयोग नहीं किया जाता था। कर्मवीर शाक्य ने अतुल दीक्षित से कहा कि पुरानी बात मत करो नई बात बताओ। सीओ ने कार्यक्रम के दौरान दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की हिदायत दी।
इस दौरान मेरापुर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह पुनपालपुर के प्रधान दीपक राजपूत, संकिसा के कोटेदार दिलीप दीक्षित शिवनंदन ड्राइवर हरि ओम बाकरपुर के राम लड़ैते आदि लोग मौजूद रहे। समझौते के तहत बौद्ध धर्मी विषारी देवी मंदिर पर पंचशील ध्वजारोहण नहीं करेंगे तथा महोत्सव के दौरान सनातन धर्म के देवी-देवताओं के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी या हिंदू धर्म के बारे में कटु शब्द नहीं कहे जाएंगे।
धम्म यात्रा में भगवान बुद्ध की एक ही झांकी निकाली जाएगी। सुबह 10.30 बजे तक बौद्ध स्तूप पूजन के बाद वापस लौट जाएंगे। धम्म यात्रा वापस होने के बाद ही सनातनी विषारी देवी मंदिर पर पूजा करने के लिए पुजारी सहित कुल पांच व्यक्ति ही जाएंगे। अन्य लोग इस स्तूप स्थल के नीचे मौजूद रहेंगे। बुद्धिस्ट प्रांगण स्थित अशोक स्तंभ गज मंदिर में अनुयायियों द्वारा चढाया गया चढ़ावा बौद्ध धर्म के अनुयाई ही लेंगे।
जिसमें सनातन धर्म के पुजारी से कोई मतलब नहीं होगा। बताया गया कि समझौते में महत्वपूर्ण बात नहीं लिखाई गई की सनातन धर्मी स्थगन आदेश होने के बावजूद स्तूप के ऊपर भगवा झंडा लगा देते हैं। समझौते पर कर्मवीर शाक्य प्रभु दयाल रघुवीर सिंह शाक्य डा धम्मपाल नागेंद्र शाक्य अतुल दीक्षित दिलीप दीक्षित शिवानंद सुशील व पंकज के हस्ताक्षर हैं।