शिक्षा विभाग में रिश्वतखोरी: शिकायतों के निस्तारण में फर्जीवाड़ा, मानदेय न मिलने पर बेची गई जमीन

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) मानदेय के भुगतान में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की रिश्वतखोरी एवं आईजीआरएस की शिकायत के निस्तारण में फर्जी वाले का खुलासा हुआ है। ब्लाक कायमगंज के ग्राम रौकरी के शिक्षामित्र सुनील कुमार ने आज डीएम को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया कि सितंबर 2000 से सितंबर 2022 तक का मेरा मानदेय अवशेष है। 1 दिसंबर 2020 को आइजीआरएस में शिकायत की थी।

खंड शिक्षा अधिकारी ने जिलाधिकारी को लिखित अवगत कराया था कि मेरा मानदेय बिल एरियर बनाकर शिक्षा शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में भेज दिया गया है। शिक्षक ने डीएम को अवगत कराया कि मैंने 2 बच्चों की उच्च शिक्षा फीस के लिए जमीन बेच दी है। मेरे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है मैं बहुत मुसीबत में हूं। शिक्षक सुनील ने बताया कि तत्कालीन एबीएसए वैगीश गोयल ने बीआरसी के कर्मचारी चंद्रशेखर के द्वारा मानदेय भुगतान कराने के लिए 60 हजार रुपए मांगे थे।

अन्य रिश्वतखोरी के मामले में पकड़े जाने पर चंद्रशेखर को हटा दिया गया था। अब उसके स्थान पर राजीव शर्मा आए हैं। मैंने मानदेय के भुगतान के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी कई शिकायते की। उन्होंने मेरे प्रार्थना पत्र पर भुगतान करने का आदेश नहीं किया बल्कि शिकायती पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया। बीएसए कार्यालय के बाबू अवस्थी ने भी भुगतान कराने के लिए 30 हजार रुपए मांगे थे।

मैंने इस बात की बीएसए से शिकायत की तो उन्होंने अवस्थी को डांटने की नौटंकी की थी। दुखी शिक्षक ने बताया कि मैंने 2 बच्चों को उच्च शिक्षा में पढ़ाने के लिए अपनी 4 बीघा जमीन बेच दी है। शिक्षामित्र ने बताया कि मैंने आज जिलाधिकारी को अवगत कराया कि मैंने एक फरवरी को भी रिश्वतखोरी कि आपसे शिकायत की थी। इसी बात पर एबीएसए ओमप्रकाश पाल ने कार्यालय में बुलाकर मुझे हडकाया है।

आज डीएम ने एक सप्ताह में मानदेय मिल जाने का वादा किया है। मानदेय न मिलने पर एक सप्ताह बाद आने को कहा है। खंड शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश पाल ने एफबीडी न्यूज़ को बताया कि शिक्षामित्र की शिकायत का निस्तारण किया जा रहा है जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मार्गदर्शन लिया है।

आइजीआरएस की जांच में फर्जीवाड़ा

जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने आज ही कलेक्ट्रेट सभागार में आईजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी आई जी आर एस के शिकायती प्रकरणों में सुस्पष्ट आख्या लगाकर गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण करे। यदि सरसरी निस्तारण किया गया तो सम्बन्धित की लापरवाही मानते हुए कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

सभी अधिकारी स्वंय आख्या चेक कर पोर्टल पर अपलोड कराए। अधिकारी के बिना देखे आख्या अपलोड न की जाए। डिफाल्टर होने से तीन दिन पूर्व ही शिकायतों का निस्तारण करने के निर्देश दिए। सभी खंड विकास अधिकारी पीएम आवास की शिकायतों की स्वंय जांच करे। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी, संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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