सीमन बेचने वाले प्राइवेट व्यक्ति के विरुद्ध होगी कार्रवाई: झोलाछाप डॉक्टरों पर लगेगा अंकुश 

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) झोलाछाप डॉक्टरों पर अंकुश लगाने के लिए पशुधन विकास विभाग के द्वारा फरमान जारी किया गया है कि सीमन बेचने वाले प्राइवेट व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। पशुधन विकास परिषद् द्वारा 2022 में मल्टी परपज आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन इन रूरल इंडिया की वैकेंसी ऑनलाइन आई थी। जिसमे प्रदेश में कुल 2000 हजार पद खाली थे फर्रूखाबाद में कुल 27 वेकेंसी थी।

जिसमे जनरल व बैकवर्ड की 20 व एससी की 7 वैकेंसी थी। जिसका मेरिट के आधार पर चयन किया गया। सभी को ट्रेनिंग के लिए पशुधन प्रसार अधिकारी लखनऊ महानगर केंद्र भेजा गया। जहा 30 दिन प्रशिक्षण दिया गया बाद में 55 दिन का परीक्षण पशु चिकित्सालय ब्लॉक स्तर पर दिया गया। उसके बाद पशुधन प्रसार अधिकारी केंद्र महानगर लखनऊ में परीक्षा आयोजन स्पोटिंग और वायवा लिया गया।

पास होने के बाद प्रमाण पत्र व आई कार्ड व लेटर देकर अपने अपने पशु चिकित्सालय पर भेजा गया। मल्टीपरपज आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन इंडिया का मुख्य कार्य कृत्रिम गर्भाधान करना, प्राथमिक उपचार करना और अपने बीओ की देख रेख में काम करना है। टैगिंग करना, टीकाकरण करना और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को पशुपालकों तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

परीक्षा में फर्रुखाबाद जिला से ब्रजभान सिंह ने 150 अंक में लिखित परीक्षा में 100 में से 91 स्पॉटिंग में 30 में 30 व वायवा में 20 में से 13 अंक पाकर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया। दूसरे नंबर पर नितिन कुमार चतुर्वेदी ने लिखित परीक्षा में 100 में से 74 व स्पॉटिंग में 30 में 30 व वायवा में 20 में 17 अंक पाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया। नितिन चतुर्वेदी द्वारा बताया हमारे वेटनरी ऑफिसर फूल बाबू बहुत ही सरल स्वभाव के व्यक्ति है उनके आशीर्वाद से ही हम इतने अंक लाकर जिले में दूसरा स्थान लिया है।

हम उनकी देख रेख में ही काम करेगे और उनके आदेशों का पालन करेगे। अर्पित दुबे ने लाइव स्टॉक डेवलबमेंट के सीईओ से शिकायत कर बताया कि कुछ प्राइवेट लोग सीमन बेच रहे है जिससे एलडीबी को बहुत नुकसान हो रहा है। तभी एलडीबी के सीईओ के द्वारा ग्राम विजाधरपुर निवासी अर्पित दुबे को पूरे जिले की कमान सौंपी गई। सीईओ ने कहा यदि कोई प्राइवेट व्यक्ति किसी प्रकार सीमन बेंचता हुआ पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

मालूम हो कि जिले में जानवरों का उपचार एवं कृत्रिम गर्भाधान करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है जो पशु मालिकों से इलाज के नाम पर मुंह मांगी रकम वसूल करते हैं।

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