फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) जिले के अनेकों प्रभावशाली नेता भाजपा जिला अध्यक्ष बनने की लाइन में लग गए हैं। भाजपा ने जिलाध्यक्षों के फेरबदल के लिए पूर्व मंत्री सुरेश राणा को पर्यवेक्षक बनाया है। जिन्होंने बीती देर रात तक भाजपा के जिला कार्यालय में नए अध्यक्ष के नाम के लिए भाजपा नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों से राय ली। सभी नेताओं से अलग मुलाकात कर जिलाध्यक्ष पद के लिए तीन- तीन नाम मांगे ।
श्री राणा को 15 जुलाई तक जिला अध्यक्षों के नाम के पैनल की सूची प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दी है। प्रदेश अध्यक्ष वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श कर जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे।
रूपेश गुप्ता ने पुनः जिला अध्यक्ष बनने के लिए जोरदारी से दावेदारी कर दी है। इसके लिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व को जानकारी दे दी है। हालांकि जिले का कोई भी जनप्रतिनिधि आदि नेता रूपेश गुप्ता को पुनः जिला अध्यक्ष पद पर देखना नहीं चाहता है।
ऐसे सभी नेता किसी एक नाम पर भी सहमत नहीं हो पा रहे हैं। जिससे रूपेश गुप्ता की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष भूदेव राजपूत, पूर्व जिला महामंत्री विमल कटियार, पूर्व जिला अध्यक्ष सत्यपाल सिंह, जिला महामंत्री डीएस राठौर, किसान मोर्चा के नेता डॉ बीके गंगवार, किसान मोर्चा के पदाधिकारी आदित्य मिश्रा, भाजपा नेता शैलेंद्र सिंह राठौर का नाम जिला अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में है।
इन नेताओं ने जनप्रतिनिधि एवं साथी नेताओं के द्वारा अपनी पैरोंकारी भी कराई है। चर्चा है कि सदर विधायक मेजर सुनीलदत्त द्विवेदी ईमानदार एवं व्यवहार कुशल डॉक्टर भूदेव राजपूत को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। डाक्टर राजपूत के नाम पर सांसद मुकेश राजपूत एवं विधायक सुशील शाक्य भी सहमत है। पूर्व में विधायक सुशील शाक्य ने डाक्टर राजपूत को जिला अध्यक्ष बनवाया था।
बदले में डॉक्टर राजपूत ने विधायक के पुत्र संदीप शाक्य जिला उपाध्यक्ष बनाया था। भोजपुर विधानसभा के विधायक नागेंद्र सिंह राठौर विमल कटियार को जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। डॉ बीके गंगवाने बीते चुनाव के दौरान भी जिलाध्यक्ष पद पर दावेदारी की थी। चर्चा है कि प्रभावशाली नेत्री मिथिलेश अग्रवाल ने सुनील बंसल से पैरवी कर रूपेश गुप्ता को जिला अध्यक्ष बनवाया था।
रूपेश गुप्ता ने पैरवी करके नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए अपनी मां को टिकट टिकट दिलवाई थी। जिससे नाराज नेताओं ने चुनाव में जबरदस्त भितरघात किया। परिणाम स्वरूप रूपेश गुप्ता की मां तीसरे नंबर पर पहुंच गई। मतगणना के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस द्वारा की गई पिटाई का ठीकरा भी रुपेश गुप्ता पर फोड़ा गया था। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा का तबादला हो जाने से कार्यकर्ताओं का गुस्सा ठंडा हो गया है।
चर्चा है कि दो बार के सांसद मुकेश राजपूत की टिकट कट सकती है और प्रभावशाली नेत्री श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल को मौका मिल सकता है।