नाबालिग छात्रों के स्कूटी व बाइक चलाने पर जुर्माना व सजा

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) प्रदेश सरकार छात्रों के द्वारा स्कूटी व बाइक चलाने पर रोक लगाकर 25 हजार का जुर्माना लगाकर 3 साल की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। सरकारी व निजी स्कूलों में विद्यार्थियों के दोपहिया व चार पहिया वाहन लाने पर सख्ती की जाएगी। विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लब बनाए जाएंगे। सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने को प्रत्येक कक्षा में एक विद्यार्थी को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाया जाएगा।

यह प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक पीरियड में विद्यार्थियों को सड़क दुर्घटनाओं के प्रति जागरूक करेंगे। सड़क सुरक्षा के लिए हर स्कूल में नोडल शिक्षक भी बनाए जाएंगे और परिवहन विभाग के सहयोग से इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। रोड सेफ्टी क्लब बनाने के लिए 50 हजार की धनराशि दी जायेगी।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव ने मीडिया को बताया कि 899 राजकीय इंटर कालेजों को रोड सेफ्टी क्लब बनाने के लिए 50-50 हजार रुपये की धनराशि दी जा रही है। 2,373 सरकारी माध्यमिक स्कूलों को 500-500 रुपये यातायात नियम व दीवारों पर लिखवाने के लिए दिए गए हैं। सात जनवरी तक विद्यालय प्रबंधन के साथ मिलकर परिवहन विभाग विशेष अभियान चलाएगा।

ऐसे विद्यार्थियों के वाहनों का चालान करेगा जो नियम विपरीत विद्यालय में वाहन लेकर जाते हैं। हर तीन महीने में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समित की बैठक होगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हर साल जनवरी व जुलाई में सभी स्कूलों की बैठक होगी।
श्री देव ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी की ओर से पत्र लिखकर सचेत किया गया है कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बड़ी संख्या में विद्यार्थी स्कूलों में दोपहिया वाहन और चारपहिया वाहन लेकर आ रहे हैं।

उन्होंने केजीएमयू व डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर यह भी जानकारी दी है कि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले 40 प्रतिशत तक नाबालिग बच्चे जिनकी आयु 12 वर्ष से 18 वर्ष के बीच होती है। सिर्फ 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को 50 सीसी से कम क्षमता के इंजन वाली मोटरसाइकिल चलाने की छूट है।

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