पिटाई के कारण क्षुब्ध दुकानदार ने फांसी लगाई

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) पिटाई से क्षुब्ध ठेली दुकानदार राजीव बाथम ने फांसी लगाकर जान दे दी। राजीव थाना मऊदरवाजा के ग्राम गढ़िया बिलावल निवासी रामशरन का 28 वर्षीय पुत्र था। राजीव नाला बघार पर गोलगप्पे की तेली लगाकर गुजारा करता था। वह रात करीब 7.30 बजे ठेली लेकर घर जा रहा था गांव के ही सुनील शाक्य के पुत्र अमित मल्लू शाक्य आदि ने राजीव से पटाखे खाए। रुपए न देने पर विवाद हो गया इसी दौरान अमित मल्लू व उसके साथियों ने राजीव की जमकर पिटाई की।

जानकारी मिलने पर छोटा भाई अमन राजीव को बचाने गया तो उसकी भी पिटाई की गई और साइकिल भी छीनी गई। हमले में राजीव को काफी चोटे लगी उसके कपड़े फट गए। रात के समय राजीव कमरे को बंद कर छत के कुंडे में साड़ी बांधकर फांसी पर लटक गया। राजीव सुबह 3 बजे पटाखे बनाने के लिए नहीं उठा तभी राजीव को उठाने के लिए दरवाजा खटखटाया गया। दरवाजा न खुलने व राजीव की आवाज न आने पर परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई।

तभी कमरे का दरवाजा तोड़ा गया राजीव को फांसी पर लटका देखकर परिजन भौचक्के रह गए। राजीव को फांसी से उतार कर रात करीब 3 बजे लोहिया अस्पताल ले जाया गया डॉक्टर ने राजीव को मृत घोषित कर दिया। राजीव का करीब 3 वर्ष पूर्व विवाह हुआ था उसके डेढ़ वर्ष की पुत्री सुनीता है। छोटे भाई अमन ने हमलावर अमित मल्लू एवं जसमई निवासी छाता नामक युवक के साथ ही दो अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी है। बताया गया की छाता नामक युवक ग्राम गढ़िया निवासी नीरज के टेंट पर काम करता है। आज सुबह प्रधान मोनू कठेरिया ने लोहिया अस्पताल जाकर पीड़ित परिजनों को डाढस बंधाया और पोस्टमार्टम करवाई में मदद की।

इतनी बड़ी वारदात होने के बावजूद समाचार लिखे जाने तक पुलिस न तो घटनास्थल पर और न ही लोहिया अस्पताल पहुंची। मेडिकल चौकी पुलिस के निकट मुख्य मार्ग पर झगड़े की सूचना पर यदि पुलिस रात में ही मामले की जांच पड़ताल करके हमलावरों को पकड़ लेती तो शायद राजीव को फांसी नहीं लगाकर जान नहीं देनी पड़ती।