बुद्ध विहार में धूमधाम मनाई गई सम्राट अशोक की जयंती

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) तहसील कायमगंज के ग्राम चिलसरी स्थित भिक्षु डीआर देव बुद्ध विहार में सम्राट अशोक की 2328 वीं अष्टमी जयंती धूमधाम से मनाई गई। अध्यक्षता करने वाले कर्मवीर शाक्य ने भारत सरकार से महान सम्राट अशोक जयंती के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किए जाने की मांग की। उन्होंने सम्राट अशोक के राष्ट्रीय महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया की राष्ट्रीय ध्वज के बीच में सम्राट अशोक का चक्र है। देश की राष्ट्रीय मुद्राओं पर सम्राट अशोक का स्तम्भ है देश के आईपीएस अधिकारी भी अपने कंधे पर सम्राट अशोक की लाट लगाकर गौरवान्वित समझते हैं।

श्री शाक्य ने बताया की कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया। बोधगया में बोधि वृक्ष (पीपल का पेड़) के नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। सम्राट अशोक ने इसी बोधि वृक्ष की टहनी लेकर अपने पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा था। जिन्होंने श्रीलंका में बौद्ध धर्म का व्यापक प्रचार प्रसार किया जिसके कारण ही श्रीलंका में बौद्ध धर्म राष्ट्रीय धर्म है। सम्राट अशोक की जागरूकता के कारण ही समूचे एशिया में भगवान बुद्ध के बौद्ध धर्म का व्यापक प्रचार प्रसाद हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ भंते पदम गुप्त के द्वारा कराई गई पूजा वंदना से हुआ। समारोह में दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया जनपद फर्रुखाबाद शाखा के संरक्षक लड़ैते लाल उत्तम, बौद्धाचार्य गिरीश चंद्र गौतम आदि ने महान सम्राट अशोक के कार्यकाल का गुणगान करते हुए बौद्ध धर्म का व्यापक प्रचार प्रसार करने का आवाहन किया। लोकसभा चुनाव को देखते हुए वक्ताओं ने कहा कि हम लोगों को बौद्ध धर्म से नफरत करने वाली राजनीतिक पार्टियों से सावधान रहना होगा।

बौद्ध धर्म का सम्मान करने वाले राजनीतिक दलों का सहयोग करना चाहिए। समारोह में सरिता नर्सरी वाले सुखराम सिंह शाक्य, संघदीप फूल सिंह अवधेश सिंह शाक्य रिटायर्ड एडिओ, अशोक बौद्धाचार्य लालाराम बौद्धाचार्य शिवम परषोत्तम शाक्य, राजेश ओमवीर शाक्य आदि बौद्ध अनुयाई मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन बौद्धाचार्य गिरीश चंद्र गौतम ने किया।