जानलेवा तंबाकू का प्रयोग बंद करने की पहल: धूमधाम से मनाई गई अहिल्याबाई की जयंती

फर्रुखाबाद (एफबीडी न्यूज) श्री विश्वनाथ सामाजिक सेवा संस्थान द्वारा संचालित एशियन कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट द्वारा आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्था की प्रबंध निदेशक आकांक्षा सक्सेना ने बताया कि डब्लू एच ओ के अनुसार इस वर्ष की थीम है हमे भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नही। इसका उद्देश्य ये है कि किसान पौष्टिक फसलों का उत्पादन कर अच्छा अनाज प्रदान कर सकते है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस दुनियाभर में तंबाकू की खपत को नियंत्रित करने एक प्रयास है जिसके माध्यम से हम समाज में तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवगत करवा सकते है। तंबाकू के उपयोग से फेफड़ों का कैंसर,हृदय रोग, सांस की बीमारी,के अलावा कई रोग हो सकते है। उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क तंबाकू का उपयोग करते है भारत में तंबाकू उपयोग का सबसे आम रूप धुंआ रहित तंबाकू है।

आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पाद खैनी,गुटका, तंबाकू के साथ सुपारी और जर्दा है बहुत हानि कारक है। कार्यक्रम में सोनम शुक्ला,शिल्पी सक्सेना,सुपर्णा मिश्रा पूर्णिमा दीक्षित,नेहा सिंह सोनेलाल नमन विश्वजीत गगन,संध्या,अमन,निखल,पल्लवी,रामप्रताप,अंशु,संध्या स्नेहा , इशू प्रिंसी विशाल,वंशिका,शैलेंद्र आदि उपस्थित रहे।

धूमधाम से मनाई गई अहिल्याबाई की जयंती

 

जिला पाल समाज ने आज लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 298 जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई। श्रीकृष्ण पाल की अध्यक्षता में फतेहगढ़ के गेस्ट हाउस में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बताया गया कि महारानी अहिल्याबाई इतिहास-प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव की पत्नी थीं।

उनका जन्म सन् 1725 मे और देहांत 13 अगस्त 1795 को हुआ था। अहिल्याबाई किसी बड़े राज्य की रानी नहीं थीं। उनका कार्यक्षेत्र अपेक्षाकृत सीमित था। फिर भी उन्होंने जो कुछ किया उससे आश्चर्य होता है। महारानी अहिल्याबाई होलकर भारत के मालवा साम्राज्य की मराठा होलकर महारानी थी। अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के छौंड़ी ग्राम में हुआ।

उनके पिता मंकोजी राव शिंदे अपने गाव के पाटिल थे उस समय महिलाये स्कूल नही जाती थी लेकिन अहिल्याबाई के पिता ने उन्हें पढ़ाया। अहिल्याबाई के पति खांडेराव होलकर 1754 के कुम्भेर युद्ध में शहीद हुए थे। 12 साल बाद उनके ससुर मल्हार राव होलकर की भी मृत्यु हो गयी इसके एक साल बाद ही उन्हें मालवा साम्राज्य की महारानी का ताज पहनाया गया।

वक्ताओं ने लोक माता अहिल्याबाई होल्कर के द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने का आवाहन किया। कार्यक्रम में स्वदेश पाल, बदन सिंह पाल महाकाल, उदयभान पाल सुरेंद्र पाल उर्फ गुड्डू पंकज पाल ठेकेदार पूर्व प्रधान सोनपाल पवन पाल मेवाराम आदित्य पाल बृजेश पाल आदि अनेकों लोग मौजूद रहे।

सपा ने भी मनाई जयंती

राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर समाजवादी पार्टी कार्यालय पुष्प अर्पित कर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने की। कार्यक्रम का आयोजन समाजवादी पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष अरविंद कश्यप द्वारा किया गया।
संचालन पूर्व महानगर अध्यक्ष लोहिया वाहिनी रजत क्रांतिकारी ने किया।
जिला अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने बताया मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी तथा सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव की धर्मपत्नी थी उन्होंने माहेश्वर की राजधानी बनाकर शासन किया अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत भर के प्रसिद्ध तीर्थ और स्थानों में मंदिर बनवाए घाट बनवाए और बावरियों का निर्माण किया। मार्ग बनवाए काशी विश्वनाथ में शिवलिंग को स्थापित किया।
इस अवसर पर बृजेश पाल पूर्व उपाध्यक्ष,विजेंद्र यादव पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अमृतपुर,यूनुस अंसारी पूर्व प्रदेश सचिव पिछड़ा वर्ग,पुष्पेंद्र यादव पूर्व प्रवक्ता,साजिद अली पूर्व जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक,विकास गुप्ता,जिला मीडिया प्रभारी इलियास मंसूरी ने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी में बेचेलाल यादव,शिव शंकर शर्मा मुजीब उल हसन,निजाम भाई,रामू गुप्ता शुभम राय हनी, जुल्फिकार अब्बास जैदी,कश्मीर सिंह यादव अजय यादव,गौतम शाक्य दिनेश पाल,विशाल यादव।तस्लीम खान संजीव यादव अमन बाथम दलवीर सिंह यादव आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।