दिनेश के सिर खून सवार था:  कुल का दीपक भी गुल कर दिया: हमले में बहन भी घायल

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) पांच वर्षीय बालक ओसीएम दिनेश का एकमात्र पुत्र था बेटे की हत्या कर दिनेश ने कुल के दीपक को भी बुझा दिया है। उसने कंपनी के नाम पर बेटी का नामकरण किया था। दिनेश ने पूरे परिवार को सामूहिक रूप से मार डालने की योजना बनाई थी। उसने मेन गेट को घटना के पहले ही अंदर से इसलिए बंद कर दिया था कि घटना के बाद तुरंत ही गांव वाले मकान में न आ सके।

जब चीख-पुकार की आवाज सुनकर करीब 21 वर्षीय बहन शीतला देवी ने दरवाजा खुलवाने के लिए जोरदारी से खटखटाया था तब दिनेश ने दरवाजा नहीं खोला। बल्कि उसकी घायल पत्नी मीना ने दरवाजा खोला था। बहन ने दिनेश के हाथ से गड़ासा छीनने का प्रयास किया तो दिनेश ने गढ़ासे से उसकी गर्दन पर भी प्रहार किया था। गाल पर गड़ासा लग जाने से शीतला घायल हो गई। दिनेश ने बेटी को भी मार डालने के लिए उसकी गर्दन पर गड़ासा चलाया था कंधे पर गड़ासा लगने से बेटी आंशी की जान बच गई।

जब परिजन घायलों की देख रेख में लग गए उसी दौरान दिनेश मेन गेट से भाग गया था। वह भागते समय रस्सी साथ में लेकर आया था इसी रस्सी से गले में फांसी का फंदा डालकर पेड़ पर लटक गया था। दिनेश की नाला बगार के बाजार में जानवरों के पुष्टाहार पुष्टाहार की दुकान है उसकी पुष्टाहार की एजेंसी ली थी। उसके ऊपर गांव वालों का भी काफी कर्जा हो गया था मुकदमे में राजीनामा करने के लिए दिनेश ने थोड़ी जमीन भी बेची थी। दिनेश के तीन पुत्रियां हैं।