मास्टर प्लान के विरोध में बंद कराया गया बाजारः मोहन ने पालिका पर उठाया सवाल

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) आज मास्टर प्लान अभियान के दौरान चौक बाजार में रस्तोगी की बहुमंजिला दुकान ध्वस्त किए जाने से व्यापारियों में जबरदस्त रोष व्याप्त हो गया है। बड़े व्यापारी प्रशासनिक कार्रवाई से दुबके रहे जिन्होंने सीने पर बुलडोजर चलवाने का दावा किया था। छुट भइये नेताओं को हिम्मत करके सड़कों पर उतरना पड़ा है।
मास्टर प्लान अभियान से आक्रोशित वर्तन बाजार व नाला मछरट्टा के व्यापारियो ने बाजार बंद का आवाहन किया है।

भयभीत व्यापारियों ने युवा व्यापार मण्डल के नगर अध्यक्ष अंकुर श्रीवास्तव व नगर कोषाध्यक्ष गोपाल सिंह कश्यप को बुलाकर अपनी समस्याएं बतायी। इन व्यापारी नेताओं ने नाला मछरट्टा से बाजार बंद कराने की शुरुआत की। इस दौरान व्यापारियों ने अतिक्रमण अभियान मुर्दाबाद, व्यापारी एकता जिंदाबाद के नारे लगाये।बाजार बंद कराने की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

जब व्यापारी नारेबाजी करते हुए नेहरू रोड पुरानी कोतवाली के सामने से गुजर रहे थे उसी समय सीओ सिटी व इंस्पेक्टर फोर्स लेकर पहुंचे। सीओ ने धीमे से इंस्पेक्टर से कहा कि इन्हे गिरफ्तार कर लो। यह सुनते ही व्यापारी नेता घबरा गए और बाजार बंदी कराना छोड़ कर वापस लौट गए। आंदोलनकारियों में हिमांशु पांडे कमल कसेरे प्रमोद दीक्षित चंचल शर्मा आदि व्यापारी शामिल रहे।

व्यापारी नेताओं ने करीब 2 बजे नाला मछरट्टा से आंदोलन शुरू किया था लाल गेट तक बाजार बंद कराने की योजना थी। व्यापारियों की मांग है कि शाहर के अंदर अतिक्रमण अभियान ही रहना चाहिए पर अधिकारी मास्टरप्लान के तहत दुकानों को तोड़ रहे हैं। जिससे व्यापारी भुखमरी की कगार पर आ गया है शहर के अंदर अभियान चलाया जाना व्यापारियों का नुकसान करने जैसा है। पटिया प्लान का व्यापारी समर्थन करता है पर पटिया प्लान की आड में मास्टर प्लान के रूप में कार्यवाही करना गलत है।

सिटी मजिस्ट्रेट से व्यापारियों के साथ हुई बैठक में यह तय हुआ था कि कि नाली के ऊपर किया गया अतिक्रमण हटाया जाएगा। नालियों के ऊपर से पटिया हटाई जाएंगी पर अधिकारी अपनी बात से मुकर अतिक्रमण अभियान को मास्टर प्लान के रूप में बदल दिया जिसका हम लोग विरोध करते है।

मोहन अग्रवाल ने नगर पालिका पर उठाया सवाल

समाजसेवी मोहन अग्रवाल आज चौक बाजार में रस्तोगी की दुकान तोड़ने के दौरान मौजूद रहे। श्री अग्रवाल मीडिया से वार्ता के दौरान रस्तोगी की दुकान तोड़े जाने से आहत दिखे। उन्होंने कहा कि व्यापारी का कहना है कि मेरी 1972 से दुकान नगरपालिका के अभिलेखों में दर्ज है। श्री अग्रवाल ने नगर पालिका के ईओ से सवाल किया कि जब दुकान पालिका के रिकॉर्ड में दर्ज थी तो वह अतिक्रमण के दायरे में कैसे आ गई।

इस बात का जवाब नगरपालिका को देना चाहिए। श्री अग्रवाल ने सफाई दी कि हम आम लोगों की तरह मौके पर मौजूद रहते हैं और प्रयास करते हैं कि कहीं भी मानक से अधिक तोड़फोड़ न की जाए और किसी का अनावश्यक नुकसान भी न हो। दुकान टूट जाने से व्यापारी के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है अभियान के दौरान मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाया जाना चाहिए।

वत्सला व मनोज अग्रवाल भी खामोश

दुकानें तोड़े जाने के कारण नगर के व्यापारियों में हाहाकार मचा है पीड़ित व्यापारी खून के आंसू पीकर अपने आशियाने को जा रहे हैं। इस संकट की घड़ी में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती वत्सला अग्रवाल व उनके एमएलसी पति मनोज अग्रवाल पूर्व चेयरमैन ने भी मौन धारण कर लिया है। आज चौक बाजार में तोड़े गए दुकान की धमक अग्रवाल दंपत्ति के आवास तक पहुंची। उन्हे या तो खुलकर प्रशासन का सहयोग करना चाहिए अथवा व्यापारियों के साथ खड़े होकर उनकी सहानुभूति लेनी चाहिए।

 

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