हटाए गए शाक्य महासभा के दागी जिलाध्यक्ष शिवम शाक्य:कार्यकारिणी भंग

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) फर्जीवाडा करने के आरोप में शिवम शाक्य को अखिल भारतीय शाक्य महासभा के जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई शाक्य महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवेश शाक्य एवं महासचिव गौरव रत्न शाक्य ने संयुक्त रूप से की है। कार्रवाई के संबंध में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महासचिव को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पूर्व में रहे प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश महासचिव द्वारा जनपद इकाई फर्रुखाबाद का गठन किया गया था। संगठन की जिम्मेदारी वर्तमान जिलाध्यक्ष शिवम शाक्य को दी गयी थी।

परन्तु उनके द्वारा सभी आजीवन सदस्यों को सूचित नहीं किया गया और अपने सगे सम्बंधियो को बुलाकर कार्यकारिणी गठित कर ली गयी। जिसकी लिखित एवं मौखिक शिकायतें प्राप्त हुई है। जिनमें आरोप लगाया गया है कि चुनाव के दौरान झूठे एवं कूट रचित प्रपत्रों का सहारा लिया गया है जो कि निन्दनीय एवं अक्षम्य है। जनपदीय कार्यकारिणी द्वारा पूर्व में कराये गये कार्यक्रमों में समाज द्वारा एकत्रित धन का कोई ब्यौरा नहीं दिया गया जिससे महासभा की छवि खराब हो रही है। साथ ही साथ वर्तमान जनपदीय कार्यकारिणी द्वारा प्रादेशिक कार्यकारिणी के साथ कोई समन्वय स्थापित नहीं किया गया। जो अति निन्दनीय है।

पत्र में कहा गया है कि चुनाव सम्बंधी आरोपों एवं वित्तीय अनियमिताओं को देखते हुए प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा समस्त कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त/भंग किया जाता है।
प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा डा0 सुशील शाक्य (जिला संरक्षक ) को जिला प्रभारी नियुक्त किया जाता है। पूर्व कार्यकारिणी अतिशीघ्र समस्त अभिलेख जिला प्रभारी को सौंप दें। प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा अतिशीघ्र चुनाव की घोषण कर नवीन कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा। बताया गया है कि आवास विकास कॉलोनी निवासी डॉक्टर सुशील शाक्य जनपद कन्नौज के गवर्नमेंट कॉलेज में प्राचार्य है।

शाक्य महासभा में ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। महासभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ आलोक शाक्य ने शिवम शाक्य को जिलाध्यक्ष पद से हटाए जाने के संबंध में वायरल किये गए मैसेज में राष्ट्रीय महासचिव श्याम बाबू की कार्य शैली पर जबरदस्त नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने मैसेज में कहा है कि राष्ट्रीय महासचिव श्यामबाबू शाक्य के दिशा निर्देशन में मेरे द्वारा गठित इकाइयों को भंग करके समाज और महासभा का बेड़ागर्क कर रहे हैं। समाज के लोगों का कहना है कि रुतबा जमाने के लिए सुनयोजित ढंग से पद हासिल किया गया। कार्यकारणी के गठन के बाद जिले में कोई भी कार्यक्रम नहीं किया गया।

पूर्व में नीरज प्रताप शाक्य महासभा के जिला अध्यक्ष थे। जिनके ऊपर समाज के बेरोजगार युवक को नौकरी लगवाने के नाम पर उसके पिता पूर्व सैनिक से लाखों रुपए ठगने का आरोप है। बार-बार तगादा किए जाने पर भी नीरज प्रताप ने एक धेला भी वापस नहीं किया। उन्होंने चुनाव के दौरान विज्ञापन छपवाकर हजारों रुपए रूपयों का भुगतान भी नहीं किया। अभी तक जिले में कागजी तौर पर एक ही संगठन चल रहा था जिसका पर्दाफाश हो गया है। अब समाज के लोगों की निगाहें नए गठित किए गए तथागत वरिष्ठ संभ्रांत नागरिक संगठन की ओर टिक गई है।

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