तीन वर्ष तैनाती वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के होंगे तबादले

फर्रुखाबाद अब्द न्यूज़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में अधिकारियों का कर्मचारियों की वर्ष 2025 26 की स्थानांतरण नीति मंजूर कर दी गई। एक ही मंडल में सात वर्ष से अधिक की सेवा पूरी करने वालों को भी दूसरे मंडल भेजा जाएगा। तबादले 15 मई से 15 जून तक किए जाएंगे।

कैबिनेट बैठक में 19 प्रस्तावों पर मुहर

लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 11 प्रस्ताव पास किए गए। बैठक के बाद स्थानांतरण नीति की जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मीडिया को बताया कि समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के अधिकतम 20 प्रतिशत अधिकारियों का तबादला किया जाएगा। समूह ‘ग’ व ‘घ’ के कार्मिकों का अधिकतम 10 प्रतिशत तबादला होगा।

उन्होंने बताया कि विभागाध्यक्ष/मंडलीय कार्यालयों में की गई तैनाती की अवधि को स्थानांतरण के लिए उक्त निर्धारित अवधि में नहीं गिना जाएगा। मंडलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि तीन वर्ष होगी तथा इसमें सबसे ज्यादा समय से कार्यरत पुराने अधिकारियों के तबादले प्राथमिकता के आधार किए जाएंगे।

31 मार्च तक मानी जाएगी कट ऑफ
तबादला नीति के अनुसार स्थानांतरण किये जाने के लिए अवधि के निर्धारण के लिए कट-आफ-तिथि 31 मार्च, 2025 मानी जाएगी। समूह ‘ग’ के कर्मचारियों का जिला परिवर्तन न होने की स्थिति में पटल परिवर्तन अवश्य किया जाएगा। यह अधिकतम 10 प्रतिशत किया जाएगा।

इससे अधिक तबादले करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी। समूह ‘ग’ व ‘घ’ के 10 प्रतिशत से अधिक तबादले करने के लिए विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेना होगा। समूह ‘ख” एवं समूह ‘ग’ के अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट आधार पर आनलाइन किए जाएंगे।

समूह ‘क’ के अधिकारियों का उनके गृह जनपद में तबादला नहीं होगा। पूर्णतया दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर की जाएगी जहां उनकी देखभाल व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो।

आकांक्षी जिलों में शत प्रतिशत की जाएगी तैनाती
प्रदेश के आकांक्षी जिले चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, श्रावस्ती व बहराइच एवं 100 आकांक्षी विकासखंडों में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में समस्त पदों पर शत-प्रतिशत तैनाती की जाएगी। आकांक्षी जिलों व विकासखंडों में दो वर्ष से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें स्थानांतरित किया जाएगा।

स्थानांतरण सत्र यानी 15 जून के बाद समूह ‘क’ के साथ ही साथ समूह ‘ख’ के संबंध में विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही तबादले हो सकेंगे। तबादला आदेश में कर्मियों के अवमुक्त करने की तिथि या फिर एक सप्ताह के अंदर प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किए बगैर कार्यमुक्त किए जाएंगे।

नए तैनाती स्थल पर तय समय पर पदभार ग्रहण न करने पर उन्हें स्वत: कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। स्थानांतरण नीति में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया है। समूह ‘ग’ और ‘घ’ के स्थानांतरण मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। तबादले के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था आनलाइन ही की जाएगी।

स्थानांतरण नीति में खास

पति-पत्नी यदि दोनों सरकारी सेवा में हैं, तो उन्हें यथासंभव एक ही जिला/नगर/स्थान पर तैनात करने के लिए हो सकेगा स्थानांतरण
दिव्यांग कार्मिक या ऐसे कार्मिक, जिनके आश्रित स्वजन 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता से प्रभावित हैं, उन्हें सामान्य स्थानान्तरण से रखा जाएगा मुक्त ऐसे दिव्यांग कार्मिकों के स्थानांतरण गंभीर शिकायतों या फिर अपरिहार्य कारणों से ही किए जाएंगे। दिव्यांग कार्मिक के अनुरोध पर पद की उपलब्धता के आधार पर उन्हें गृह जनपद में तैनाती पर किया जा सकता है विचार।

दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद एवं समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद को छोड़कर उनकी इच्छा के अनुसार जिलों में तैनाती मिल सकेगी।

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